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    Jharkhand News: केरल में छिपा था डायरेक्शनल बम से हमले का 20 हजार का इनामी माओवादी, एनआइए ने किया गिरफ्तार

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 15 Oct 2025 12:18 PM (IST)

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने केरल में एक फरार माओवादी को गिरफ्तार किया है, जिस पर डायरेक्शनल बम से हमला करने का आरोप है। इस माओवादी पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित था और वह लंबे समय से फरार चल रहा था। एनआईए उससे पूछताछ कर रही है ताकि अन्य साथियों के बारे में जानकारी मिल सके।

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    राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने केरल में एक फरार माओवादी को गिरफ्तार किया है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, रांची।  पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोकलो थाना क्षेत्र के लांजी पहाड़ी पर डायरेक्शनल बम से सुरक्षा बलों पर हमले के फरार माओवादी सावन टुटी उर्फ सबन टुटी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गिरफ्तार कर लिया है।

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    उसकी गिरफ्तारी सोमवार को केरल के इडुक्की जिले से हुई है। झारखंड से फरार होने के बाद वह वहां मन्नार में छुपा था। एनआइए ने केरल पुलिस के साथ मिलकर प्राप्त सूचनाओं के आधार पर उसे गिरफ्तार किया है।

    उसके पास से एक मोबाइल, सिमकार्ड व विभिन्न दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इनमें आरोपित की पहचान उजागर करने वाली सामग्री भी शामिल है।

    झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले का है निवासी 

    गिरफ्तार सावन टुटी झारखंड के सरायकेला-खरसांवा जिले का निवासी है। लांजी पहाड़ी पर डायरेक्शनल बम विस्फोट मामले की जांच के दौरान एनआइए ने उस पर चार्जशीट दाखिल की थी व उसे फरार घोषित करते हुए उसपर 20 हजार का इनाम रखा था।

    सावन टुटी की तलाश जारी थी। इसी बीच तकनीकी सर्विलांस से उसके केरल के मन्नार में होने की सूचना मिली, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है।

    माओवादियों ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोक्लो थाना क्षेत्र स्थित लांजी पहाड़ी पर चार मार्च 2021 को डायरेक्शनल बम (एक तरह का इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से सुरक्षा बलों पर हमला किया था।

    यह विशेष प्रकार की आइईडी है। माओवादियों के दस्ते की सूचना पर जवान पूरे मामले की छानबीन के लिए लांजी पहाड़ी पर जा ही रहे थे कि उनपर हमला हुआ था।

    इस हमले में झारखंड जगुआर के सिपाही हरिद्वार साह, किरण सुरीन व हवलदार देवेंद्र कुमार पंडित बलिदान हो गए थे। इस घटना में सीआरपीएफ के एक एएसआइ सहित तीन कर्मी जख्मी हुए थे।

    पुलिस ने मौके से तीन फीट लंबे लोहे की पाइप, रबर ट्यूब, बिजली का तार व लोहे के स्पिलिंटर आदी की बरामदगी की थी। एनआइए ने टोकलो थाने के इसी केस को 24 मार्च 2021 को टेकओवर करते हुए एनआइए की रांची शाखा में नई प्राथमिकी आरसी 02/2021/एनआईए/आरएनसी दर्ज की थी।

    एनआइए को जांच में जो मिली जानकारी

    एनआइए ने लांजी पहाड़ी पर माओवादी हमला मामले में दर्ज केस की जांच में पाया कि गिरफ्तार आरोपित सावन टुटी प्रतिबंधित माओवादी संगठन का एक सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) था।

    वह संगठन के शीर्ष कार्यकर्ताओं के नेतृत्व व निर्देशन में संगठन के सशस्त्र कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रची गई बड़ी साजिश का हिस्सा था। इस गिरोह के अन्य साजिशकर्ताओं के विरुद्ध एजेंसी की छानबीन जारी है।

    एनआइए ने अपनी प्राथमिकी में एक करोड़ रुपये के इनामी अनल दा उर्फ तूफान, 10 लाख के इनामी महाराज प्रमाणिक सहित 33 नामजद व 20-25 अज्ञात माओवादियों को आरोपित बनाया था।

    एनआइए के अनुसंधान में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस पूरी घटना को माओवादियों के जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक ने ही अंजाम दिया था। वर्तमान में आत्मसमर्पण करने के बाद महाराज प्रमाणिक हजारीबाग के ओपेन जेल में बंद है।

    क्या होता है डायरेक्शनल बम

    डायरेक्शनल बम बारूदी सुरंग, केन बम व आइईडी से अलग है। यह एक तरह से जुगाड़ तकनीक से बनाया गया लांचर है, जिसे जमीन के साथ पेड़ों व पहाड़ों पर भी फिट किया जा सकता है।

    इससे 300 से 400 मीटर दूर तक मार किया जा सकता है। लांचर की तरह इस बम की पाइपनुमा संरचना में एक सिरा बंद होता है। इस पाइप में विस्फोटक के साथ लोहे के छड़ के छोटे-छोटे टुकड़े भरे रहते हैं। 

    विस्फोट के दौरान जद में आनेवालों के शरीर में धंस कर ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इसे दूर से भी तार और बैट्री के माध्यम से चलाया जा सकता है।