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    सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, एसपी से मांगी 4 हफ्ते में रिपोर्ट

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 06:16 PM (IST)

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गोड्डा में आदिवासी कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की मुठभेड़ में मौत का संज्ञान लिया है। आजसू नेता संजय मेहता की शिकायत पर आयोग ने गोड्डा के एसपी से जवाब मांगा है कि मुठभेड़ की सूचना समय पर क्यों नहीं दी गई। आयोग ने डीसी व एसपी से चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। शिकायतकर्ता ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है।

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    सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले में मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

    राज्य ब्यूरो,रांची। गोड्डा जिले में एक आदिवासी सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा के 11 अगस्त को मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान ले लिया है। झारखंड की राजनीतिक पार्टी आजसू के केंद्रीय महासचिव संजय मेहता के आवेदन पर आयोग ने संज्ञान लिया है।

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    आयोग ने कहा है कि शिकायतकर्ता के लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया पीड़ित के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। आयोग ने विशेषकर गोड्डा के एसपी को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि वे आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार मुठभेड़ में हुई मौत के बारे में सूचना निर्धारित समय के भीतर आयोग को क्यों नहीं दी।

    आयोग ने इस पूरे प्रकरण में गोड्डा के डीसी व एसपी से चार सप्ताह के भीतर कृत कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को भेजने का निर्देश दिया है। इसके लिए आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत की कॉपी भी दोनों ही अधिकारियों को भेजी है, ताकि वे उस अनुरूप अपना जवाब दे सकें।

    वे अपनी रिपोर्ट एनएचआरसी पोर्टल पर या स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज सकते हैं। कोई भी ऑडियो-वीडियो या पेन ड्राइव भी स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज सकते हैं। ईमेल के माध्यम से भेजी गई रिपोर्ट व प्रतिक्रियाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।

    शिकायतकर्ता ने आयोग में जो की है शिकायत

    शिकायतकर्ता ने आयोग को जानकारी दी है कि सूर्या हांसदा की एक फर्जी पुलिस मुठभेड़ में गैर कानूनी तरीके से हत्या की गई है। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि सूर्या हांसदा के विरुद्ध कोई अदालती वारंट नहीं था। इसके बावजूद उसे 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और बाद में पुलिस ने उसे मार डाला।

    वहीं, पुलिस का दावा था कि तलाशी अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार सूर्या हांसदा के परिवार के लोग पुलिस के बयान से असहमत थे। वे सूर्या हांसदा के शरीर के अगले हिस्से पर जलने के निशान व गोली के घाव, पुलिस या कथित हमलावरों को कोई चोट न लगने की जानकारी दे रहे थे।

    परिजन का कहना था कि पुलिस ने पहले भी मुठभेड़ में मारने की धमकी दी थी। शिकायतकर्ता ने इसे हत्या का स्पष्ट मामला बताते हुए गहन जांच व न्याय की मांग की है।

    विधानसभा में भी मुद्दा बना सूर्या हांसदा का मामला, चल रही है सीआईडी जांच

    गोड्डा में मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की मौत का मामला झारखंड विधानसभा में भी मुद्दा बना। इस मामले में विधानसभा की कार्यवाही भी बाधित हुई। विपक्ष पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने पर अड़ा रहा, जिसके लिए अब भी आंदोलन जारी है। वहीं, सत्ता पक्ष ने सदन को आश्वस्त किया कि पूरे मामले की जांच सीआईडी से कराई जा रही है। सत्ता पक्ष के अनुसार मुठभेड़ फर्जी नहीं था।

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