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    Jharkhand liquor scam: शराब घोटाला में नया अपडेट, आइएएस विनय चौबे ने एसीबी की गिरफ्तारी को बताया अवैध

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 07:27 PM (IST)

    हाई कोर्ट में शराब घोटाले के आरोपित आइएएस विनय चौबे की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। विनय चौबे ने बताया है कि उनकी गिरफ्तारी अवैध तरीके से की गई है। सुनवाई के दौरान अदालत ने एसीबी को पूरक शपथपत्र दाखिल करने का समय दिया है। सुनवाई के दौरान एसीबी ने पूर्व में दाखिल जवाब वापस लेने के लिए हस्तक्षेप याचिका दायर की।

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    आइएएस विनय चौबे के मामले में एसीबी को जवाब दाखिल करने का निर्देश।

    राज्य ब्यूरो, रांची । हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में शराब घोटाले के आरोपित आइएएस विनय चौबे की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। विनय चौबे ने बताया है कि गिरफ्तारी अवैध है। सुनवाई के दौरान अदालत ने एसीबी को पूरक शपथपत्र दाखिल करने का समय दिया है।

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    Jharkhand liquor scam सुनवाई के दौरान एसीबी ने पूर्व में दाखिल जवाब वापस लेने के लिए हस्तक्षेप याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एसीबी के पास यदि कोई अतिरिक्त जानकारी है तो वह 30 जुलाई तक पूरक शपथपत्र दाखिल करे।

    मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी। IAS Vinay Chaubey ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता देवेश आजमानी ने अदालत को बताया कि प्रार्थी की गिरफ्तारी के पहले जो प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी, उसका पालन एसीबी ने नहीं किया है।

    आरोपित को गिरफ्तारी का कारण बताना होता है, लेकिन एसीबी ने ऐसा नहीं किया। उनकी गिरफ्तारी में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुआ है, इसलिए गिरफ्तारी को निरस्त किया जाए।

    एसीबी ने 20 मई को विनय चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।

    छत्तीसगढ़ में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रांची एसीबी ने मामले में वर्ष 2024 में प्रारंभिक जांच (पीई) की थी। आरोप सही पाए जाने पर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई।

    अग्रिम जमानत याचिका खारिज

    एसीबी कोर्ट में शराब घोटाले से जुड़े मामले में आरोपित श्याम जी शरण की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी है। प्रार्थी ने नौ जून को अग्रिम जमानत की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की थी।