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    RTE के तहत स्कूलों को मान्यता देने में आया नया नया अपडेट,नियमावली में किया गया ये..संशोधन

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 07:05 PM (IST)

    अब सांसद या विधायक के कारण किसी स्कूल की मान्यता नहीं रुकेगी। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों को मान्यता देने को लेकर उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति की होनेवाली बैठक में कभी-कभी इनकी अनुपस्थिति के कारण निर्णय नहीं हो पाता था। लेकिन अब सांसद या विधायक के कारण किसी स्कूल की मान्यता नहीं रुकेगी।

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    अब सांसद, विधायक के कारण नहीं रुकेगी किसी स्कूल की मान्यता।

    राज्य ब्यूरो, रांची। अब सांसद या विधायक के कारण किसी स्कूल की मान्यता नहीं रुकेगी। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों को मान्यता देने को लेकर उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति की होनेवाली बैठक में कभी-कभी इनकी अनुपस्थिति के कारण निर्णय नहीं हो पाता था।

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    अब उक्त बैठक में सांसद तथा विधायक अपना प्रतिनिधि भी भेज सकेंगे। साथ ही समिति में सदस्यों की संख्या भी कम की गई है। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने झारखंड निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली में संशोधन किया है, जिसमें यह प्रविधान किया गया है।

    पूर्व में लागू नियमावली में जिला स्तर पर निजी स्कूलों को मान्यता देने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित करने की व्यवस्था थी, जिसमें पांच सदस्यों के अलावा राज्य सरकार द्वारा मनोनीत चार सांसद या विधायक तथा शिक्षा के क्षेत्र में काम करनेवाले तीन व्यक्ति को उपायुक्त द्वारा मनोनीत किए जाने का प्रविधान था।

    अब कोर्ट के आदेश पर इसमें सदस्यों की संख्या घटाकर पांच की गई है। इसमें अपर समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला शिक्षा अधीक्षक के अलावा स्थानीय सांसद और विधायक या उनके प्रतिनिधि ही इसके सदस्य होंगे।

    साथ ही बैठक में निर्णय बहुमत से होगा। इस तरह, कोई भी निर्णय के लिए अध्यक्ष समेत चार लोगों का मत जरूरी होगा। बैठक में कोरम के लिए 50 प्रतिशत से अधिक सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य हाेगी।

    बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर पिछले दिनों हुई बैठक में इस संशोधन की स्वीकृति प्रदान की गई है। कोर्ट ने इसी वर्ष दो मई को एक याचिका की सुनवाई करते हुए इस संबंध में आदेश पारित किया था।

    नहीं जमा करना होगा एक लाख रुपये फिक्स डिपाजिट

    पूर्व की नियमावली में निजी स्कूलों को मान्यता लेने के लिए एक लाख रुपये का फिक्स डिपाजिट स्थायी रूप से सुरक्षा कोष में रखने का प्रविधान किया था। कोर्ट ने इस प्रविधान काे रद कर दिया था। इस आलोक में संशोधित नियमावली में इस प्रविधान को विलोपित कर दिया गया है।

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