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    सभी को जानना जरूरी है, महिला कामगारों के लिए रात्रि पाली में काम करने के ये हैं सुरक्षा नियम

    By Neeraj Ambastha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 10:42 PM (IST)

    झारखंड में, कारखानों में महिला कामगारों को रात्रि पाली में काम करने के लिए अब लिखित सहमति देनी होगी। श्रम विभाग ने अधिसूचना जारी कर कई शर्तें निर्धारित की हैं, जिनमें सुरक्षा, परिवहन और मातृत्व लाभ शामिल हैं। महिला कामगारों के लिए अलग शौचालय, शिशुगृह और सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किए गए हैं। यह निर्णय कारखाना (झारखंड संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत लिया गया है।

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    रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाएं।

    नीरज अम्बष्ठ, रांची। कारखानों में महिला कामगारों से रात्रि पाली में काम लेने के लिए उनकी लिखित सहमति लेनी होगी। साथ ही उनकी सुरक्षा एवं सुविधाओं को लेकर सभी आवश्यक इंतजाम करने होंगे।

    राज्य सरकार ने कारखानों में महिला कामगारों के शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक काम करने की छूट देने के बाद अब रात्रि पाली में महिलाओं को नियोजित करनेवाले कारखानों के लिए कई शर्तें निर्धारित की हैं।

    श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। इसमें एक शर्त यह भी रखी गई है कि जिस क्षेत्र में महिला कर्मचारी कार्यरत होंगी, वहां कम से कम पांच महिला कर्मचारी अनिवार्य रूप से कार्यरत होंगी।

    जारी अधिसूचना के तहत कारखानों द्वारा शाम सात बजे से सुबह छह बजे के बीच काम करने की इच्छुक महिला कामगारों की लिखित सहमति ली जाएगी।

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    मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत निर्धारित मातृत्व लाभ प्रविधानों के विरुद्ध किसी भी महिला को नियोजित नहीं किया जाएगा। महिला कामगारों को उनके निवास के पास से लाने और ले जाने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग प्रणाली के साथ पर्याप्त परिवहन सुविधाएं अनिवार्य रूप से प्रदान की जाएंगी।

    यदि महिला कामगार स्वयं परिवहन सुविधा का लाभ उठाना चाहती हैं, तो वह एक शपथपत्र प्रस्तुत करके इसका लाभ उठा सकती हैं। महिलाओं के लिए अलग शौचालय और वाशरूम की सुविधा उपलब्ध करानी होगी।

    शिशुगृह की सुविधा भी शाम सात बजे से सुबह बजे बजे के बीच चालू की जाएगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कारखानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। महिला श्रमिकों के लिए आवास की व्यवस्था महिला वार्डन या पर्यवेक्षकों के नियंत्रण में होगी।

    कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न निवारण (संरक्षण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

    महिलाओं को सुरक्षा व सुविधा प्रदान करने का प्रकाशित करना होगा स्व-प्रमाणन

    महिलाओं को नियोजित करने वाले किसी भी कारखाना को विभाग के निर्दिष्ट पोर्टल पर निर्धारित प्रपत्र में डिजिटल रूप से एक स्व-प्रमाणन प्रस्तुत करना होगा कि उसने इस अधिसूचना में निर्धारित सभी सुविधाएं प्रदान की हैं और महिला कर्मचारियों की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान के संबंध में उचित सावधानी और तत्परता बरती जाएगी।

    कारखाना परिसर के अंदर प्रमुख स्थानों पर श्रमिक सुरक्षा के लिए राज्य कानूनों और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की संबंधित धाराओं के साथ दंडात्मक/दंड संबंधी विवरण स्थानीय भाषा और अंग्रेजी में प्रदर्शित करना होगा।

    ये भी करने होंगे प्रविधान

    • - महिला कामगारों की उचित सुरक्षा उपायों की रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने के लिए 'कारखाना सुरक्षा समिति' का गठन किया जाएगा।
    • - रात के समय कारखाना परिसर में नियमित सुरक्षा गश्त लगाया जाएगा।
    • - कारखानों में 24 गुना सात मानवयुक्त सुरक्षा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी।
    • निकटतम पुलिस स्टेशन के साथ समन्वय बनाया जाएगा।
    • - सुरक्षा उपायों का आकलन और सुधार करने के लिए पुलिस अधिकारियों के परामर्श से सुरक्षा आडिट किया जाएगा।

     

    राष्ट्रपति की अनुमति के बाद संशोधन अधिनियम हुआ लागू


    महिला कामगारों को शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक काम करने की छूट कारखाना कारखाना (झारखंड संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत दी गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की झारखंड संशोधन विधेयक पर मंजूरी मिलने के बाद राज्य में यह 25 अगस्त से लागू हो गया है।

    इस संशोधन अधिनियम में महिला कामगारों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार को शर्तें निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। इस अधिकार का पालन करते हुए श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने शर्तें निर्धारित करते हुए अधिसूचना जारी की।