मापदंड पूरे नहीं करनेवालों को भी मिलेगा पक्का घर, जरूरतमंद बेघरों के लिए अबुआ आवास का एक प्रतिशत रहेगा आरक्षित
अब ऐसे जरूरतमंद परिवार भी पक्के घर के लिए आवेदन कर सकेंगे जो सरकारी मापदंडों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसके लिए हर जिले में वार्षिक लक्ष्य का 1% आवास आरक्षित रखा जाएगा। उपायुक्त की सिफारिश पर इन लोगों को घर मिलेगा जिनमें प्राकृतिक आपदा पीड़ित निराश्रित और वे लोग शामिल हैं जो स्थायी प्रतीक्षा सूची में नहीं हैं।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू): राज्य सरकार ने बेघरों और जरूरतमंद ग्रामीणों के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब अबुआ आवास योजना के तहत वे लोग भी पक्का घर पा सकेंगे, जो सरकारी मापदंड पूरे नहीं कर पाते हैं। इसके लिए हर जिले में कुल वार्षिक लक्ष्य का एक प्रतिशत आवास आरक्षित रहेगा। उपायुक्त की सिफारिश पर ऐसे जरूरतमंदों को पक्का आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
जानें क्या हैं अबुआ आवास योजना
ग्रामीण विकास विभाग की यह महत्वाकांक्षी योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 से शुरू हुई। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आवास विहीन परिवारों को 31 वर्गमीटर क्षेत्रफल में तीन कमरे, रसोई और शौचालय सहित पक्का घर देना है। लाभुक को इसके लिए 2 लाख रुपये की राशि, मनरेगा के तहत 95 मानव दिवस की मजदूरी, और शौचालय निर्माण के लिए अलग से सहायता दी जाती है।
जानें किसे मिलेगा 1% आरक्षित आवास
- ऐसे परिवार, जो मापदंड पूरे नहीं करते, लेकिन पक्का घर बनाने में सक्षम नहीं हैं।
- स्थायी प्रतीक्षा सूची में नाम न होने से वंचित लाभुक।
- प्राकृतिक आपदा, निराश्रित या कमजोर तबके के लोग।
जानें क्या हैं चयन का मापदंड
- कच्चे घरों में रहने वाले परिवार।
- आवास विहीन और निराश्रित परिवार।
- विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह।
- प्राकृतिक आपदा पीड़ित।
- कानूनी रूप से मुक्त बंधुआ मजदूर।
- जिन्हें पूर्व में किसी भी सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिला हो।
जानें किसे नहीं मिलेगा आवास
- जिनके पास पहले से पक्का घर है या 1 जनवरी 1990 के बाद सरकारी आवास योजना का लाभ मिला है।
- जिनके पास चारपहिया वाहन, कृषि मशीनरी, नाव, फ्रिज, 25 एकड़ से अधिक भूमि आदि है।
- जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी/अर्धसरकारी सेवा में, जनप्रतिनिधि या आयकर/व्यावसायिक करदाता है।
पांच वर्षों में 20 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य
राज्य सरकार ने पांच वर्षों में 20 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य तय किया है। चालू वित्तीय वर्ष में 4.5 लाख आवास बनाए जाने हैं, जिनमें से 1% आवास अलग से संरक्षित रहेंगे। पलामू जिले में इस वर्ष 32,906 आवास निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
जानें कैसे बनेगी लाभुकों की सूची
ग्राम सभा द्वारा स्थायी प्रतीक्षा सूची तैयार की जाएगी। अंकन प्रणाली के आधार पर लाभुकों की रैंकिंग तय होगी। महिला प्रधान परिवार, दिव्यांग सदस्य वाले परिवार और जिन परिवारों में कोई व्यस्क सदस्य नहीं है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
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