Jharkhand के इन जिलों में खुलेंगे नए मेडिकल कालेज... राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पूरी जानकारी
झारखंड सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए नए मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इस योजना की जानकारी दी। इन मेडिकल कॉलेजों के खुलने से राज्य के नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ मिल सकेंगी।

स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी ने बताया कि अब राज्य सरकार ने दूसरे चरण में गोड्डा, साहिबगंज, सरायकेला और पाकुड़ में भी मेडिकल कालेज बनाने का निर्णय लिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह और खूंटी में नए मेडिकल कालेज बनाने की केंद्र की स्वीकृति के बाद अब राज्य सरकार ने दूसरे चरण में गोड्डा, साहिबगंज, सरायकेला और पाकुड़ में भी मेडिकल कालेज बनाने का निर्णय किया है।
स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी ने बुधवार को बताया कि जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह और खूंटी को मेडिकल कालेज का तोहफा मिला है। यह राज्य में विकास की नई इबारत है। जामताड़ा को पहले पहचान की कमी थी। आज वहां के बच्चे मेडिकल कालेज में पढ़ाई करेंगे।
झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। इस अभूतपूर्व निर्णय से पूरे राज्य में खुशी की लहर है। नए मेडिकल कालेज बनने से न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि क्षेत्र में रोजगार, व्यवसाय, पर्यटन और शिक्षा के नए अवसर भी पैदा होंगे।
जामताड़ा समेत अन्य जिलों में मेडिकल कालेज अब हकीकत बन चुका है। यह पहला चरण है। दूसरे चरण में चार अन्य जिलों का चयन किया गया है। नए मेडिकल कालेज खुलने से राज्य के ग्रामीण और छोटे शहरों में डाक्टरों की भारी कमी दूर होगी।
विशेषज्ञ डाक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और मरीजों को इलाज के लिए अब बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। स्थानीय युवाओं को मेडिकल शिक्षा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणाली दोनों को मजबूती मिलेगी।
चाईबासा जाएंगे स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी गुरुवार को चाईबासा के दौरे पर जाएंगे। वे वहां थैलेसिमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने संबंधी मामले को लेकर वरीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि चाईबासा के सिविल सर्जन, एचआइवी यूनिट के प्रभारी चिकित्सक तथा संबंधित टेक्नीशियन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है, जिसे एक सप्ताह के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि जांच में यह सुनिश्चित किया जाए कि रक्त आपूर्ति रक्त अधिकोष से हुई थी या बाहर से।

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