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    Netarhat Vidyalaya: नेतरहाट विद्यालय में सिर्फ 200 रुपये में महीने भर की पढ़ाई... देश को दे चूका है सैकड़ों आइएएस-आइपीएस

    By Sanjay KumarEdited By:
    Updated: Fri, 03 Jun 2022 01:39 PM (IST)

    Netarhat Vidyalaya झारखंड के प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल नेतरहाट आवासीय विद्यालय लातेहार में सभी श्रेणी तथा आय वर्ग के लोग अपने बच्चों को मात्र 200 रुपये मासिक शुल्क पर अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इस विद्यालय से पढ़कर अब तक सैकड़ों बच्चे आइएएस और आइपीएस बन चूके है।

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    Netarhat Vidyalaya: नेतरहाट विद्यालय लातेहार में सिर्फ 200 रुपये में महीने भर की पढ़ाई।

    रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Netarhat Vidyalaya झारखंड के प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल नेतरहाट आवासीय विद्यालय, लातेहार में सभी श्रेणी तथा आय वर्ग के लोग अपने बच्चों को मात्र 200 रुपये मासिक शुल्क पर अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। चाहे किसान या मजदूर परिवार के बच्चे हों या भारी भरकम आयकर भरनेवाले, सभी एक समान शुल्क पर अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इस विद्यालय से पढ़कर अब तक सैकड़ों बच्चे आइएएस और आइपीएस बन चूके है।

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    इस विद्यालय के लिए वर्ष 1985 में शुल्क तय हुआ था जो आज भी लागू है। 37 वर्षों में भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। शुरू में इस विद्यालय के लिए अभिभावकों की आय के अनुसार चार वर्गों में बांटकर शुल्क तय किया गया था। बाद में सभी आयवालों के लिए लगभग एक समान शुल्क लागू कर दिया गया। नेतरहाट आवासीय विद्यालय समिति की राज्य कार्यकारिणी ने तीन-चार वर्ष पूर्व इस विद्यालय के शुल्क में वृद्धि को लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा था, लेकिन उक्त प्रस्ताव फाइलों में दबी रह गई।

    सभी आय वालों के लिए महज 200 रुपये शुल्क पर विद्यालय के प्राचार्य डा. संतोष कुमार सिंह कहते हैं, विद्यालय का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है। सरकार विद्यालय के संचालन के लिए पर्याप्त धनराशि देती है। यह भी सही है कि सक्षम लोगों से शुल्क लेने से उसका उपयोग विद्यालय के विकास में लगाया जा सकता है।

    कम हो सकती है सरकार पर निर्भरता

    झारखंड के पूर्व कैबिनेट सचिव सह नेतरहाट विद्यालय समिति की राज्य कार्यकारिणी के पूर्व सभापति नरेंद्र भगत विद्यालय के शुल्क में तार्किक वृद्धि को सही बताते हैं। उनके अनुसार, पहले जो सौ रुपये का वैल्यू था, वह अब कुछ और है। शुल्क इतना हो कि अभिभावक पर अधिक बोझ भी न पड़े और सरकार और विद्यालय का उद्देश्य भी पूरा हो। उनके कार्यकाल में कमेटी ने शुल्क बढ़ाने का भी निर्णय लिया था। बकायदा चार्टर्ड एकाउंटेंट से अभिभावकों की आय के अनुसार, शुल्क का स्केल तय किया गया था। उनके अनुसार, शुल्क की राशि का उपयोग विद्यालय के विकास में किया सकता है। इससे सरकार पर विद्यालय की निर्भरता भी कम होगी।

    प्रवेश परीक्षा में भी कोई शुल्क नहीं

    नेतरहाट आवासीय विद्यालय में नामांकन को लेकर आयोजित होनेवाली प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए भी सभी श्रेणी के बच्चों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। यह पूरी तरफ मुफ्त होता है। दूसरी तरफ, नेतरहाट की तर्ज पर ही अन्य प्रमंडलों में खोले गए आवासीय विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए 200 रुपये शुल्क देना पड़ता है। एससी, एसटी के लिए यह शुल्क 100 रुपये होता है।