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100 से ज्यादा वारदातों में शामिल नक्सली कुंदन पाहन ने किया समर्पण

कुंदन अपने स्तर से खुद का दस्ता बनाने की कोशिश करता रहा, लेकिन सफल नहीं हो पाया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 12 May 2017 10:39 AM (IST)Updated: Fri, 12 May 2017 10:39 AM (IST)
100 से ज्यादा वारदातों में शामिल नक्सली कुंदन पाहन ने किया समर्पण
100 से ज्यादा वारदातों में शामिल नक्सली कुंदन पाहन ने किया समर्पण

राज्य ब्यूरो, रांची। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से दो साल पूर्व निकाला गया हार्डकोर 15 लाख का इनामी कुंदन पाहन अपने दो सहयोगियों के साथ रांची पुलिस की शरण में आ गया है। कुंदन बीमार बताया जा रहा है। भाकपा माओवादी संगठन में रहते हुए बड़े वारदातों को अंजाम देने के कारण इसे जोनल कमांडर बनाया गया था।

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झारखंड सरकार की तरफ से इसके खिलाफ 15 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। हालांकि कुंदन के सरेंडर के संबंध में राज्य पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता सह एडीजी अभियान आरके मल्लिक का कहना है कि अफवाहों पर कोई कमेंट नहीं दिया जाएगा, जबकि खुफिया से जुड़े विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि कुंदन पाहन अपने दो सहयोगियों के साथ रांची पुलिस की शरण में है। उससे रांची में ही गुप्त स्थान पर संगठन के संबंध में पूछताछ की जा रही है, ताकि उससे मिलने वाली जानकारी के आधार पर पुलिस सर्च अभियान चलाए। जैसा नकुल यादव के सरेंडर के बाद हुआ था।

कुंदन का रांची-खूंटी के अलावा सिमडेगा, गुमला व कोल्हान के क्षेत्रों में खासा प्रभाव रहा है। उसके खिलाफ 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। कुंदन मूल रूप से खूंटी के अड़की थाना क्षेत्र के बारीगढ़ा निवासी नारायण पाहन का बेटा है। पिछले दो सालों में इसके द्वारा कोई वारदात को अंजाम दिए जाने की बात सामने नहीं आई। जानकार बताते हैं कि संगठन में रहते हुए यह आला नेताओं की बात नहीं मानता था। खुद अपने मनमुताबिक काम करता था। कई बार इसके कारण संगठन के लोगों को नुकसान भी पहुंचा था।

इस वजह से संगठन ने उसे निकाल दिया था। इसके बाद कुंदन अपने स्तर से खुद का दस्ता बनाने की कोशिश करता रहा लेकिन सफल नहीं हो पाया। इसी क्रम में बीमारी की चपेट में आने के कारण वह कभी छत्तीसगढ़ तो कभी ओडिशा में इलाज कराता रहा। अंतत: वह अपने परिवार के लोगों और करीबियों की मदद से रांची पुलिस की शरण में पहुंच गया है।

ऑपरेशन नई दिशा के तहत मिलेंगे पांच लाख रुपये

झारखंड की आत्मसमर्पण नीति नई दिशा के तहत सरेंडर करने के बाद कुंदन को सरकार की ओर से पांच लाख रुपये अलग से दिए जाएंगे। इसके अलावा उसे और उसके परिवार के सदस्यों को जीवन बीमा, घर बनाने के लिए जमीन, बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था के अलावा खुले जेल में रहने के दौरान इसे रोजगारपरख प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

छह में से तीन भाई नक्सली

कुंदन के भाई डिब्बा पाहन ने 07 जनवरी 2017 को खूंटी में डीआइजी के समक्ष सरेंडर किया था। कुंदन छह भाई है। इसका एक भाई श्याम पाहन पिछले दिनों हरियाणा के यमुनानगर जिले के बिलासपुर में पकड़ा गया था।

लड़कियों को दस्ता में शामिल कर करता था शोषण

कुंदन पाहन अपने दस्ते में क्षेत्र की लड़कियों को शामिल कराता था। फिर उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करता था। उसके चुंगल से पूर्व में आजाद कराई गई और पुलिस के समक्ष सरेंडर करने वाली लड़कियों ने कुंदन की कारगुजारी का खुलासा किया था।

वारदाते जिसमें कुंदन शामिल था

-04 मार्च 2007:  जमशेदपुर से झामुमो के सांसद रहे सुनील महतो की गोली मारकर हत्या।

-21 मई 2008: रांची-टाटा हाइवे पर निजी बैंक के कैश वाहन से साढ़े पांच करोड़ रुपये और एक किलोग्राम सोने की लूट

-30 जून 2008: लैंड माइंस विस्फोट कर डीएसपी प्रमोद कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों की हत्या, सजा किसी को नहीं मिली।

-08 जुलाई 2008: जदयू नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की तमाड़ में गोली मारकर हत्या, मामले में आज तक किसी को सजा नहीं मिली।

-06 अक्टूबर 2009: रांची-टाटा हाइवे पर विशेष शाखा के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का सिर काटकर हत्या, मामले में पुलिस किसी को सजा नहीं दिला पाई।

215 नक्सली गिरफ्तार, 30 ने किया सरेंडर

वर्ष 2017 में जनवरी से अप्रैल तक कुल 961 विशेष नक्सल अभियान चलाए गए हैं। इस दरम्यान 215 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 30 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सलियों से लेवी के तौर पर 94,19,940 रुपये जब्त किए गए। वहीं, दो पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि 15 ग्रामीण मारे गए और 17 उग्रवादी विभिन्न वारदात में मारे गए।
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