National Cancer Awareness Day 2022: हर दिन मिल रहे 30 नए कैंसर के मरीज, कैसे बचा जा सकता है? डाक्टर की राय
National Cancer Awareness Day 2022 आज कैंसर जागरूकता दिवस है। ऐसे में आपको इस बीमारी के बारे में जागरूक होने की जरूरत है। क्या आपको पता है कि कैंसर के हर दिन 30 नए मरीज मिल रहें है। आखिरकार इससे कैसे बचा जा सकता है। डाक्टर की राय देखें...
रांची, जासं। National Cancer Awareness Day 2022 कैंसर से बचाव का एकमात्र उपाय जागरूकता है। अगर समय पर कैंसर की पहचान कर ली जाए तो इससे बचा जा सकता है। लेकिन अगर पहचान करने में विलंब होता है तो यह कैंसर जानलेवा साबित होता है। झारखंड की बात करें तो यहां सबसे अधिक मामले मुंह व गले के कैंसर के आते हैं। जबकि ब्रेस्ट कैंसर के भी मामले हर दिन डाक्टरों के पास आ रहे है।
हर दिन मिल रहे 30 नए कैंसर के मरीज
रिम्स आंकोलाजी विभाग के एसिस्टेंट प्रोफेसर डा रोहित झा बताते हैं कि हर दिन करीब 30 नए कैंसर के मरीज आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। इसमें सबसे अधिक मुंह व गले के कैंसर के मरीज हैं, इसके बाद महिलाओं में सवाईकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर शामिल है। इन सब कैंसर मरीजों की जो क्लिनिकल स्टडी हुई है उसमें पाया गया है कि पुरुषों में मुंह के कैंसर की संख्या अधिक है, जबकि महिलाओं में सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर की संख्या अधिक है। इन सब के बीच लोगों को यह जानना भी जरूरी है कि अगर परिवार में किसी को भी ब्रेस्ट कैंसर के अलावा किसी भी तरह का कैंसर हुआ है तो परिवार वालों को निश्चित समय पर डाक्टर को दिखा कर जांच कराते रहना चाहिए।
खराब जीवनशैली से बढ़ रहा कैंसर
डा रोहित कुमार झा ने लंबाकू सेवन के दुष्प्रभाव के बारे में बताया कि छौड़-भाग के इस जीवन में कब कौन सी बीमारी से व्यक्ति का सामना हो जाए, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। बेलगाम जीवनशैली, अनुचित आदतों के कारण कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। ऐसी ही एक जानलेवा बीमारी है कैंसर। किसी भी रूप में चाहे वह सिगरेट, बीड़ी, ग्रामीण इलाकों में पी जाने वाला हुक्का या गुटका हो, इसके सेवन तुरंत बंद कर कैंसर को बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने भारत में कुल कैंसर में से पुरुष में 45 एवं महिलाओं में 20 प्रतिशत कैंसर का कारण तंबाकू है और समय रहते इसे छोड़ देने से इससे बचा जा सकता है। विश्व में हर साल लगभग 1.80 करोड़ लाख लोग कैंसर का शिकार होते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि इस बरमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जाये।
बढ़ती उम्र के साथ बढ़ जाती है कैंसर होने की आशंका
मेडिका अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डा गुंजेश कुमार सिंह बताते हैं कि 74 की उम्र तक कैंसर होने की आशंका भगभग 20.2 फीसदी है। मृत्युदर की तुलना तो कैंसर, हृदयरोग के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी है। फेफड़ा, लीवर, पित्त की थैली तथा पेट का कैंसर सबसे जानलेवा है। प्रोस्टेट एव थायरायड का कैंसर कम होता है। मुंह और सर्बड्काल कैंसर की रोकथाम संभव है। कैंसर के आम कारणों में धूम्रपान और तंबाकू का सेवन, फिल्पिकल एक्टिविटी की कमी, खराब डाइट, एक्स-रे से निकली किरणें, सूर्य से निकलने वाली पाराबैगनी किरणे, इन्फेक्शन, कैमिली जीन आदि होते हैं।
सिगरेट पीना छोड़े, बचे कैंसर से
डा झा बताते हैं कि सिगरेट पीने वाले 68 प्रतिशत लोगों को इसके हानिकारक प्रभाव के बारे पता होता है। फिर भी वह इसका लगातार सेवन करते हैं। और 50 प्रतिशत तो चाहकर भी इसे छोड़ नहीं पाते जिसके कारण वह अनेक बीमारियों से ग्रसित होते है। जिसका प्रत्यक्ष भार परिवार एवं समाज पर पड़ता है । कैंसर के संभावित लक्षणों में लंबे वक्त तक खांसी रहना, भोपन निगलने में कठिनाई, शरीर में कही भी दर्द-रहित गांठ, शरीर के किसी भी हिस्से से पानी घाखून का बहना, तिलो का विकास बढ़ना और रंग बदलना, भूख में कमी, विना कारण वजन कम होना था बढ़ना, हर समय थकान या आलस महसूस होना, पेशाब करने में कठिनाई या दर्द महसूस होना आदि प्रमुख हैं।
स्तन कैंसर के कई कारण
डा गुंजेश के मुताबिक स्तन कैंसर विकसित होने के पीछे कई वजहें होती हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि अगर मासिक धर्म में कुछ परिवर्तन नजर आए तो फौरन डाक्टर से संपर्क करें। जैसे कि अगर 12 साल की उम्र से पहले ही मासिक धर्म शुरू हो जाएं या 30 साल की आयु के बाद गर्भवती हों या 55 की उम्र के बाद मीनोपाज हो या फिर पीरियड्स का समय 26 दिनों से कम या 29 दिनों से ज्यादा का हो जाए तो सतर्क हो जाए।
इसके अलावा परिवार का इतिहास यानी परिवार में किसी को कैंसर हुआ था या है, यह ब्रेस्ट कैंसर में अहम कड़ी है। ब्रेस्ट कैंसर ऐसा रोग है जो पीढ़ियों तक चलता है। यदि किसी बहुत करीबी रिश्ते जैसे सगे-संबंधी में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो ऐसे में उस परिवार में किसी महिला में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। जांच की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि यदि किसी महिला को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो कहीं इसके पीछे परिवार का संबंध तो नहीं है ।
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