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    Ranchi News: तेजी से बढ़ रहे सरसों तेल के दाम, इस वर्ग को हो रही ज्यादा परेशानी; व्यापारी ने बताई कीमत बढ़ने की वजह

    By verendra Rawat Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 28 Jul 2025 03:11 PM (IST)

    रांची में सरसों तेल की कीमतों में भारी वृद्धि से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार परेशान हैं। खुदरा बाजार में कीमतें 180-185 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं। व्यापारियों के अनुसार त्योहारों के मौसम में और भी वृद्धि हो सकती है। राजस्थान और आगरा से आपूर्ति होने वाला सरसों तेल पंडरा बाजार के माध्यम से जिलों में भेजा जाता है।

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    रांची में सरसों तेल की कीमतों में भारी वृद्धि से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार परेशान हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का घरेलू बजट गड़बड़ा रहा है। सरसों तेल की कीमत सब्जियों के स्वाद पर भारी पड़ रही है। थोक और खुदरा बाजार में सरसों तेल की कीमत तेजी से बढ़ रही है। पिछले एक महीने में सरसों तेल की कीमत में करीब 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।

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    खुदरा बाजार में एक महीने पहले तक सरसों तेल 154 से 160 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था, जबकि वर्तमान में इसकी कीमत 180 से 185 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है। आने वाले दिनों में सरसों तेल की कीमत में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इससे पहले वर्ष 2021 में सरसों तेल की कीमत में इतना उछाल देखा गया था, तब सरसों तेल की कीमत 200 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चली गई थी।

    चुटिया के थोक खुदरा व्यापारी वीरेंद्र सिन्हा ने कहा कि जब बाजार में सरसों तेल की मांग बढ़ेगी, तो उस समय कीमत और भी बढ़ेगी। मांग से कीमत प्रभावित होती है। जब थोक बाजार से ही तेल की कीमत बढ़ेगी, तो खुदरा बाजार पर असर पड़ना तय है।

    सरसों तेल के कारोबार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि वर्ष 2025 में जब नवंबर में फिर से शादी-ब्याह का मौसम शुरू होगा, तब बाजार को इसकी कीमत में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। उससे पहले, अगस्त और अक्टूबर के महीने में जब त्योहारों का मौसम आएगा, तब सरसों तेल की कीमत आसमान छूएगी। सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी से आम आदमी परेशान दिख रहा है। वहीं, ऑनलाइन बाजार में सरसों तेल की कीमत 184 से 186 रुपये बताई जा रही है।

    राजस्थान और आगरा से रांची पहुंचता है सरसों तेल

    सबसे खास बात यह है कि रांची में राजस्थान और आगरा से सरसों तेल खरीदकर अलग-अलग जिलों में जाता है। सरसों तेल सबसे पहले पंडरा के बाजार में पहुंचता है, जिसके बाद इसे राज्य के विभिन्न जिलों में पहुँचाया जाता है। इस कारोबार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि एक महीने के दौरान सरसों तेल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरसों तेल एक खाद्य पदार्थ है, जिसका भारतीय भोजन में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। एक परिवार आमतौर पर एक महीने में तीन से चार लीटर सरसों तेल का उपयोग करता है।

    व्यापारी खुलकर कह रहे हैं कि जिस तरह से सरसों तेल की कीमत बढ़ रही है, उससे लगता है कि त्योहारी सीजन में बाजार में सरसों तेल की कीमत में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। अगर कीमत दो सौ रुपये प्रति लीटर को पार कर जाए तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

    व्यापारी कह रहे हैं कि सरसों तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण थोक बाजार से ही कीमतों में बढ़ोतरी है। व्यापारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन से पहले सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी से वे खुद हैरान हैं। थोक बाजार की ओर से उन्हें बताया गया है कि सरसों के स्टॉक की कमी, सरसों का कम उत्पादन और बढ़ती कीमत के कारण सरसों तेल की कीमत प्रभावित हुई है।

    थोक बाजार से ही सरसों तेल की कीमत बढ़ रही है। कीमत में और बढ़ोतरी हो सकती है। त्योहारी सीजन में कीमत आसमान छू सकती है। सारा सरसों तेल राजस्थान से आता है।

    - वीरेंद्र सिन्हा, चुटिया रांची

    पिछले एक महीने के दौरान सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। आमतौर पर इतनी बढ़ोतरी नहीं होती। सरसों की बढ़ती कीमत का असर सरसों तेल पर दिख रहा है। इस बार सरसों का उत्पादन भी कम हुआ है।

    -सोनी वर्मा, अपर बाजार