Alvida Jumma 2024: अकीदत के साथ पढ़ी गई सभी मस्जिदों में अलविदा जुमे की नमाज, देश में अमन चैन के लिए की दुआ
शुक्रवार को झारखंड की सभी मस्जिदों में मुस्लिम बहुल इलाकों में रमजान-उल-मुबारक के अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई। इस मौके पर नमाजियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई। हर मस्जिद की इंतजामिया कमेटियों के द्वारा तमाम इंतजाम को बेहतर किया था। नमाज-ए-अलविदा जुमा के मौके को लेकर मुस्लिम मोहल्लों में सुबह से ही चहल-पहल देखी गई थी।

जागरण संवाददाता, सरायकेला/खरसावां/गालूडीह/रामगढ़। Alvida Jumma 2024: सरायकेला, सीनी व आसपास के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में शुक्रवार को रमजान-उल-मुबारक की अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई।
इस मौके पर नमाजियों की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण मस्जिद इंतजामिया कमेटियों के द्वारा वजू का पानी सहित ध्वनि विस्तारक यंत्र का बेहतर इंतजाम किया गया था। नमाज- ए- अलविदा जुमा को लेकर मुस्लिम मोहल्लों में सुबह से ही चहल-पहल देखी गई। खास कर बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया।
छोटे-छोटे बच्चे भी पहुंचे मस्जिद
छोटे-छोटे बच्चे आज नए कपड़े पहन कर कपड़ों में इत्र लगाकर नमाज-ए-अलविदा जुमा अदा करने मस्जिद पहुंचे। अलविदा जुमा की नमाज अदा करने के लिए नमाजी पूर्वाह्न 11 बजे से ही मस्जिदों में दाखिल होने लगे थे।
अलविदा जुमा के मौके पर जकात व फितरा मांगने वालों की भीड़ सभी मस्जिदों के पास देखी गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने-अपने घर के मरहुमिनों के नाम से गरीबों को इफ्तार कराने के साथ ही खाना भी खिलाया।
जामा मस्जिद के इमाम ने ये कहा
अलविदा जुमा के अवसर पर उपस्थित नमाजियों को संबोधित करते हुए जामा मस्जिद के पेश इमाम ने कहा कि आज हम सभी रमजान- उल- मुबारक को अलविदा कहने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हम सभी लोगों को सिर्फ रमजान-उल- मुबारक को अलविदा कहना है न कि नमाज को।
उन्होंने कहा कि जिस तरह रमजान- उल- मुबारक के दौरान लोग खुदा की इबादत करने के साथ ही नमाज अदा करते थे। उसे जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान को जकात व फितरा निकाल कर गरीबों में तकसीम करनी चाहिए। ताकि गरीब व असहाय लोग भी खुशी-खुशी ईद का त्योहार मना सकें।
सदका-ए-फितरा की दी जानकारी
उन्होंने कहा कि जो रोजेदार सदका-ए- फितर अदा नहीं करता है। उसका रोजा आसमान व जमीन के बीच लटका रहता है। उसका रोजा खुदा की राह में कबूल नहीं होता है। जिला मुख्यालय के जामा मस्जिद एवं राजबंध मस्जिद, सीनी, कमालपुर, नयाडीह, मुड़िया, सालडीह, बालीगुमा, घाघी एवं टेटोपोसी समेत क्षेत्र के विभिन्न मस्जिद में नमाज-ए-अलविदा जुमा अदा की गई।
रमजान के अंतिम जुम्मे की नमाज पढने मस्जिदों में उमड़ी भीड़
खरसावां की मस्जिदों में शुक्रवार को रमजान माह के अंतिम जुम्मे की नमाज पढ़ी गयी। दोपहर करीब एक बजे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खरसावां के जामिया मस्जिद कदमडीहा, मस्जिदे बेलाल कदमडीहा, मदिना मस्जिद बेहरासाई, मस्जिद निजामुदीन गोंदपुर में रमजान माह के अंतिम जुम्मे पर नमाज पढी।
रमजान माह के अंतिम जुम्मे की नमाज पढ़ने बडी संख्या में नमाजी मसजिदों में पहुंचे थे। नमाज पढने के साथ-साथ शांति, अमन व भाई-चारे की दुआ मांगी गयी।
आखिरी जुम्मे की नमाज में देश में अमन चैन की मांगी दुआ
गालूडीह में मुस्लिम समुदाय ने पवित्र रमजान महीने के आखिरी जुम्मे यानी अलिवदा की नमाज शुक्रवार को मस्जिदों में अदा की गई। घाटशिला मुस्लिम बस्ती, मउभंडार मस्जिद, नवाबकोठी, फुलपाल एवं गालूडीह के मस्जिदों में जुम्मे की नमाज पढ़कर देश में अमन चैन की दुआ मांगी गई।
गालूडीह जामा मस्जिद में इमाम हाफिज दिलदार हसन ने नमाज अदा करवाया। गालूडीह जामा मस्जिद में ईद की नमाज सुबह 8 बजे होगी। आखिरी जुम्मे की नमाज को लेकर मस्जिदों में पुलिस बल की व्यवस्था की गई थी।
अकीदत के साथ पढ़ी गई अलविदा जुमे की नमाज
रामगढ़ में भुरकुंडा कोयलांचल व ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज पढ़ी गई। क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों में अकीदत के साथ अता की गई रमजान की अलविदा जुमे की नमाज। इस अवसर पर क्षेत्र के रोजेदार सहित मुस्लिम धर्मावलंबियों ने जुमे की नमाज अदा करते हुए क्षेत्र की खुशहाली व अमन चैन की दुआ मांगी गई।
वहीं, मस्जिदों में इमाम ने अपने तकरीर में जकात के महत्व के बारे में बताया। पहली जुमे की नमाज क्षेत्र के भुरकुंडा, भदानीनगर, बासल, सयाल, उरीमारी, सेंट्रल सौंदा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के मस्जिदों व मदरसों में पढ़ी गई। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को आनेवाले ईद की बधाई भी दी।
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