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    मुनिश्री 108 विशल्य सागर जी महाराज ने कहा- श्री 1008 महामृत्युंजय विधान में बैठने मात्र से हो जाता है कई कष्टों का निवारण

    By Kanchan SinghEdited By:
    Updated: Mon, 18 Oct 2021 04:55 PM (IST)

    श्री 1008 महामृत्युंजय विधान में बैठने मात्र से कष्टों का निवारण होता है। जितने भी पुण्यशाली इसमें बैठकर पूजा अर्चना कर रहे हैं उनका पुण्य प्रबल है। यहां से उठने वाली आभा मंडल की तरंगे विश्व भर में फैल रही बीमारियों को दूर करने में सहायक होगी।

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    मुनिश्री 108 विशल्य सागर ने कहा, महामृत्युंजय विधान में बैठने मात्र से हो जाता है कई कष्टों का निवारण।

    रांची, जासं। श्री 1008 महामृत्युंजय विधान में बैठने मात्र से कष्टों का निवारण होता है। जितने भी पुण्यशाली इसमें बैठकर पूजा अर्चना कर रहे हैं, उनका पुण्य प्रबल है। यहां से उठने वाली आभा मंडल की तरंगे विश्व भर में फैल रही बीमारियों को दूर करने में सहायक होगी। यह विधान जैन धर्म या किसी जाति विशेष का नहीं, बल्कि जन-जन का होता है। उक्त बातें श्री 1008 महामृत्युंजय विधान के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष अपना उद्बोधन देते हुए मुनिश्री 108 विशल्य सागर जी महाराज ने कहीं। भगवान महावीर के पंच महाव्रत अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रहमचर्य, अपरिग्रह जन जन के लिए कल्याणकारी है। आज उनके बताए सार्वभौमिक सिद्धांतो से ही विश्व में शांति स्थापित हो सकती है।

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    इसके पूर्व आज श्री 1008 महामृत्युंजय विधान एवं विश्व में शांति महायज्ञ के दूसरे दिन प्रातः भगवान जिनेंद्र देव के सामूहिक अभिषेक के साथ विधान का शुभारंभ हुआ। सामूहिक अभिषेक में इंद्रगणों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। अभिषेक के पश्चात शांतिधारा करने का सौभाग्य विधान के पात्रों सौधर्म इंद्र ,कुबेर इंद्र, महेंद्र इंद्र, एवं ईशान इंद्र के अलावा ज्ञानचंद पाटनी, पदम कुमार जैन देवरी वाले, पदमचंद सोगानी एवं सुमेरमल नीरज कुमार छाबड़ा परिवार को मिला। शांतिधारा के पश्चात नित्य नियम पूजा एवं विभिन्न मंत्रोचार के साथ महामृत्युंजय विधान की संगीतमय पूजा अर्चना ग्वालियर से पधारे पंडित सत्यकांत एवं रांची के पंडित अरविंद कुमार शास्त्री ने संपन्न कराई।

    इस अवसर पर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता आज विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे। उन्होंने मुनि श्री के चरणों में श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। दिगंबर जैन पंचायत की ओर से शाल, दुप्पटा एवं तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया। उनके साथ सर्व धर्म सम्मेलन के प्रवक्ता ज्योति सिंह मथारू उपस्थित थे। उन्होंने भी मुनि श्री के चरणों में श्री फल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

    सायंकाल गुरुवर विशल्यसागर जी महाराज की भक्ति एवं शास्त्र प्रवचन ग्वालियर से पधारे पंडित शशिकांत द्वारा किया गया। तत्पश्चात जैन महिला जागृति द्वारा दीप थाल सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भोपाल से पधारे कलाकारों द्वारा भक्ति का चमत्कार नामक लघु नाटिका का मंचन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दिगंबर जैन भवन में उपस्थित थे।

    आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष पदम छाबड़ा, मंत्री सुभाष विनायका, संयोजक संजय छाबड़ा, संजय पाटनी, अजय गंगवाल प्रमोद झाझरी, मनोज काला, राकेश गंगवाल, कैलाश चंद पांडया, कैलाश चंद बड़जात्या, राकेश कासलीवाल,जैन युवा जागृति के मनोज गंगवाल, जैन महिला जागृति की अध्यक्षा मंजुला विनायका, उपाध्यक्ष मोनिका ठोल्या एवं समाज के गणमान्य उपस्थित थे।