Jharkhand News: मनरेगा के काम में तेजी से बढ़ रहा महिलाओं का रुझान, सरकारी आंकड़े देते हैं गवाही
झारखंड में मनरेगा योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी 50% से अधिक हो गई है जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के प्रयासों से लेबर बजट में वृद्धि हुई जिससे महिलाओं को विशेष लाभ मिला। पूर्वी सिंहभूम में सबसे अधिक 58.2% महिलाओं की भागीदारी है।

आशीष झा, रांची। झारखंड का सामाजिक तानाबाना ऐसा है कि यहां महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में अधिक काम करते हुए देखा जा सकता है। खेतों से लेकर अन्य तमाम प्रकार के कार्यों, जहां मजदूरों की आवश्यकता होती है, महिलाओं की अधिकता दिख जाती है।
इसके बावजूद मनरेगा के तहत ली गई योजनाओं में महिलाओं की सहभागिता 45 प्रतिशत के आसपास ही रह रही थी। 2025 पहला वर्ष है, जब महिलाओं की सहभागिता 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
कुछ जिलों में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत तक है। पांच वर्ष पूर्व के आंकड़ों को देखें तो मनरेगा के तहत मुश्किल से 45-46 प्रतिशत महिलाओं को काम मिल पाता था।
झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने प्रभार ग्रहण करते ही इस दृश्य को बदलने की ठानी और इसका परिणाम दिखने भी लगा। झारखंड में मनरेगा के तहत लेबर बजट बढ़ने का परिणाम दिखने लगा है।
राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत लेबर बजट को नौ करोड़ से बढ़ाकर 12 करोड़ किया और इसका सर्वाधिक लाभ महिलाओं को मिलना शुरू हुआ। योजना के प्रारंभिक काल से अभी तक के इतिहास में पहली बार महिलाओं की सहभागिता 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है।
श्रम आधारित योजना मनरेगा में महिला श्रमिकों की भागीदारी लगभग सभी जिलों में बढ़ी है और कुछ वर्षों पूर्व तक जो आंकड़ा 50 प्रतिशत तक नहीं पहुंच पाता था, अब 58 प्रतिशत तक पहुंचने लगा है।
ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही हमने महिलाओं के लिए प्रयास करने का निर्देश दिया और एक साल से कम समय में ही इसके परिणाम भी दिखने लगे हैं। इसके लिए विभाग के सभी पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं। हमारी कोशिश होगी कि महिलाओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन मिल सके। -दीपिका पांडेय सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री, झारखंड
जिलेवार महिलाओं की सहभागिता
| जिला | प्रतिशत |
|---|---|
| पूर्वी सिंहभूम | 58.2 |
| बोकारो | 56.4 |
| हजारीबाग | 54.9 |
| गिरिडीह | 54.9 |
| गोड्डा | 54.3 |
| कोडरमा | 54.1 |
| धनबाद | 52.9 |
| रामगढ़ | 52.9 |
| जामताड़ा | 52.6 |
| चतरा | 52.3 |
| सरायकेला-खरसावां | 52.0 |
| लोहरदगा | 52.0 |
| साहिबगंज | 51.9 |
| पाकुड़ | 51.7 |
| रांची | 50.8 |
| खूंटी | 49.3 |
| दुमका | 49.2 |
| लातेहार | 48.6 |
| पश्चिमी सिंहभूम | 48.0 |
| पलामू | 47.8 |
| देवघर | 47.7 |
| सिमडेगा | 47.6 |
| गढ़वा | 47.4 |
| गुमला | 44.4 |
इस प्रकार बढ़ी महिलाओं की सहभागिता
| वित्तीय वर्ष | प्रतिशत |
|---|---|
| 2021-22 | 45.61 |
| 2022-23 | 47.58 |
| 2023-24 | 47.83 |
| 2024-25 | 49.07 |
| 2025-26 | 51.08 |

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