Jharkhand: गैर सरकारी संकल्प पर विधायक सरयू राय दिखे अडिग, कहा- अपनी बात को वापस लेकर थूक कर नहीं चाटेंगे
झारखंड विधानसभा में निर्दलीय विधायक सरयू राय के गैर सरकारी संकल्प पर जब मंत्री बादल ने अपने आश्वासन से उन्हें संतुष्ट नहीं किया तो सदन का माहौल गंभीर हो गया। सरयू अपने संकल्प पर अडिग थे। उन्होंने कहा कि मंत्री बादल पर उनको भरोसा नहीं है। पिछले बजट सत्र में भी वही आश्वासन मिला था जो अब मिल रहा है।

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड विधानसभा में निर्दलीय विधायक सरयू राय के गैर सरकारी संकल्प पर जब मंत्री बादल ने अपने आश्वासन से उन्हें संतुष्ट नहीं किया तो सदन का माहौल गंभीर हो गया।
सरयू अपने संकल्प पर अडिग थे। उन्होंने कहा कि मंत्री बादल पर उनको भरोसा नहीं है। पिछले बजट सत्र में भी वही आश्वासन मिला था जो अब मिल रहा है।
अपनी बात वापस लेकर थूक कर नहीं चाटेंगे
उन्होंने आसन से कहा कि आसन चाहे तो उनके संकल्प को रद्द कर दे। उन्होंने जब सदन में अपनी बात रखी है तो उसे वापस लेकर थूक कर नहीं चाटेंगे। उस वक्त आसन सरयू राय से बार-बार अपना संकल्प वापस लेने के लिए कहता रहा।
लंबी चर्चा के बाद सरयू राय ने कहा कि अगर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम आश्वासन देंगे तब वे अपना गैर सरकारी संकल्प वापस लेंगे। मंत्री आलमगीर आलम ने 15 अगस्त के बाद तकनीकी अड़चन देखकर दूर करने का आश्वासन दिया।
इसके बाद सरयू राय ने अपना संकल्प वापस लिया। विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर के अन्ना चौक - छोटा गोविंदपुर - पिपला ऊपरी पथ परियोजना का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ने और ठेकेदार का एकरारनामा रद करने का मामला उठाया था।
2019 की नीति पर ही हो रहा नियोजन
विधानसभा में झारखंड सरकार की नियोजन नीति को लेकर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 2019 के नीति पर ही राज्य में बहाली होगी। आजसू के विधायक सुदेश महतो के गैर सरकारी संकल्प पर मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट किया कि 60 प्रतिशत सीट पूर्व की तरह ही आरक्षित है।
वहीं 40 प्रतिशत बहाली मेरिट पर होगी। आजसू विधायक सुदेश महतो ने आदिवासी, मूलवासी युवाओं को नियोजित करने से जुड़ा गैर सरकारी संकल्प पूछा था। महतो ने कहा कि राज्य सरकार आखिर किस नियमावली पर नियोजन कर रही है।
मंत्री ने पहले जवाब देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है कि अब तक कोई भी सरकार सही तरीके से स्थानीय नीति नहीं बना पाई है। 2001 में बनी नीति और रघुवर सरकार की नीति भी कोर्ट में नहीं टिक पाई।
आलमगीर आलम ने कहा कि उनकी सरकार ने 11 नवंबर 2022 को नियोजन नीति पारित कर नौवीं अनुसूची में डालने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा था, लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक को विधानसभा के बजाय सरकार को लौटा दिया।
मंत्री के जवाब से नाराज सुदेश महतो ने कहा कि एक साधारण से सवाल पर गोल गोल जवाब दिया जा रहा हैं । सरकार स्पष्ट जवाब दे कि किस नीति से बहाली होगी। तब मंत्री ने 2019 की नीति पर बहाली और 60-40 के जरिए नियोजन की बात कही। मंत्री के जवाब पर खेद व्यक्त करते हुए सुदेश महतो ने गैर सरकारी संकल्प का प्रस्ताव वापस लिया।
यहां एक सप्ताह में डीपीआर की निविदा
पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने सदन को बताया कि देवघर के त्रिकुट पर्वत का रोप वे के लिए एक सप्ताह में डीपीआर के लिए निविदा निकालने जा रहे हैं। बहुत जल्द रिपेयरिंग कराने जा रहे हैं। रोप वे हादसे की जांच रिपोर्ट न्यायालय में भी सौंपा जा चुका है।
रोप वे संचालन कंपनी पर 9 करौड़ का जुर्माना भी किया गया है। मंत्री हफीजुल हसन देवघर के विधायक नारायण दास के गैर सरकारी संकल्प पर सदन को आश्वस्त कर रहे थे।

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