'बेटे से गलती हो गई, जेल चला गया तो...', पिता के आग्रह पर पसीजा मंत्री का दिल; धमकी देने वाले को किया माफ
स्वास्थ्य मंत्री इरफ़ान अंसारी ने जान से मारने की धमकी देने वाले युवक को माफ़ कर दिया जिससे उसकी रिहाई आसान हो गई। आरोपी एमबीबीएस का छात्र है और ग़लत संगत में पड़ गया था। मंत्री ने केंद्र से अन्न योजना की लंबित राशि जारी करने की मांग की है चेतावनी दी कि अगर राशि नहीं मिली तो जन वितरण प्रणाली बाधित हो सकती है जिससे गरीबों को परेशानी होगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने जान से मार डालने की धमकी देने वाले युवक को माफ कर दिया है। इससे उसकी रिहाई का रास्ता आसान को गया है। धमकी देने वाले आरोपित जयंत कुमार सिंह को पुलिस ने वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था।
धमकी देने में इस्तेमाल मोबाइल भी उसके पास से बरामद हुआ। आरोपी गाजीपुर भागने की फिराक में था, लेकिन रोडवेज बस रोककर उसे दबोच लिया गया।
जांच में पता चला कि वह एमबीबीएस पास छात्र है और मेडिकल की मास्टर डिग्री की तैयारी कर रहा था। शिलांग में उसका मकान है और किसी गैंग से जुड़कर बड़ी वारदात की तैयारी में था।
आरोपित को बोकारो लाने पर उसके पिता ने मंत्री को फोन कर रोते हुए कहा कि बेटे से बहुत बड़ी गलती हो गई। वह गलत संगत में पड़ गया था। अगर जेल चला जाएगा तो उसका करियर बर्बाद हो जाएगा। मंत्री का दिल पसीज गया। उन्होंने कहा कि युवक पढ़ाई-लिखाई में ध्यान दे। उन्होंने युवक को माफ कर दिया।
अन्न योजना की लंबित राशि जारी करे केंद्र
मंत्री इरफान अंसारी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2,27,65,65,128 रुपये की लंबित राशि तुरंत जारी करने की मांग की है।
उन्होंने केंद्र सरकार की उदासीनता पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह विभाग गरीब जनता से सीधे जुड़ा है, लेकिन केंद्र के सौतेले रवैये से झारखंड के लाखों गरीब परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा।
डीलर कमीशन, परिवहन और हैंडलिंग चार्जेज का भुगतान महीनों से लंबित है, जिससे डीलरों और आपूर्ति कर्मियों में असंतोष बढ़ रहा है।
इससे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं और खाद्य आपूर्ति व्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र ने तत्काल कदम नहीं उठाया तो जन वितरण प्रणाली बाधित हो सकती है, जिससे करोड़ों गरीब प्रभावित होंगे। उन्होंने पहले भी कई बार पत्र लिखे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि केंद्र का यह रवैया बर्दाश्त नहीं होगा। अगर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो वे स्वयं दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे।
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