Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से दीपिका ने की मुलाकात, 15वें वित्त आयोग की 2736 करोड़ राशि जारी करने की मांग की

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 05:30 AM (IST)

    झारखंड सरकार में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से मुलाकात की और 15वें वित्त आयोग के तहत झारखंड के लिए 2736 करोड़ रुपये की राशि ...और पढ़ें

    Hero Image

    केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से मुलाकात करते हुए झारखंड सरकर में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह से मुलाकात कर 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत लंबित अनुदान राशि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान उन्होंने राज्य में पंचायतों और ग्रामीण विकास कार्यों की स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि फंड के अभाव में योजनाओं के क्रियान्वयन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

    गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र-राज्य फंड को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए थे। ग्रामीण विकास मंत्री ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री मिलने का समय नहीं दे रहे और 15वें वित्त आयोग की करीब 2736 करोड़ की राशि रोकी जा रही है।

    केंद्रीय मंत्री से हुई यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि शीघ्र ही लंबित अनुदान राशि जारी होने से पंचायतों और ग्रामीण विकास योजनाओं को नई गति मिलेगी।

    मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने 15वें वित्त आयोग के तहत अनटाइड ग्रांट की अनुशंसा तथा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के अंतर्गत प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण की शेष गतिविधियों के लिए 40 करोड़ की स्वीकृति देने पर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण और प्रशासनिक क्षमता को मजबूती मिलेगी, जो ग्रामीण स्वशासन के लिए आवश्यक है।

    2736 करोड़ का प्रावधान, लेकिन राशि अब तक नहीं मिली

    ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए झारखंड को कुल 2736 करोड़ का प्रविधान है। इसमें 1094.40 करोड़ अनटाइड ग्रांट और 1641.60 करोड़ टाइड ग्रांट शामिल हैं।

    हालांकि, उन्होंने चिंता जताई कि इन दोनों वित्तीय वर्षों के लिए अब तक किसी भी मद में राज्य को राशि प्राप्त नहीं हो पाई है। मंत्री ने कहा कि 15वां वित्त आयोग अपने अंतिम चरण में है।

    ऐसे में राज्य को वित्तीय वर्ष 2024-25 में कम से कम दो किश्त टाइड और दो किश्त अनटाइड ग्रांट, तथा वर्ष 2025-26 में भी इसी तरह चारों किश्तें समय पर मिलनी चाहिए। इससे पंचायतों को योजनाओं के लिए स्थिर और सुनिश्चित संसाधन मिल सकेंगे।

    प्रक्रियात्मक शर्तों की पहले से जानकारी देने की मांग

    दीपिका पांडेय सिंह ने केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया कि सभी अनिवार्य शर्तों और प्रक्रियाओं की जानकारी वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही राज्य को स्पष्ट रूप से उपलब्ध कराई जाए। इससे निधियों के हस्तांतरण में देरी नहीं होगी और अंतिम समय में तकनीकी या प्रक्रियात्मक अड़चनों से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि समयबद्ध फंड ट्रांसफर से योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन संभव होगा।

    भाजपा नेताओं ने भी की मुलाकात

    प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी केंद्रीय पंचायती राज मंत्री से मुलाकात की। पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में हुई बैठक में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य साहू, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश शामिल रहे।

    छात्रवृत्ति मुद्दे पर केंद्र से संपर्क किया मंत्री चमरा लिंडा ने

    कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले से मुलाकात कर एससी और ओबीसी छात्रों की लंबित छात्रवृत्ति का मुद्दा उठाया। केंद्रीय राज्यमंत्री ने विभागीय सचिव को फोन कर बकाया राशि जल्द जारी करने का निर्देश दिया, जिससे छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद बढ़ी है।