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    CM हेमंत सोरेन से मिले सरयू राय, स्वास्थ्य मंत्री पर लगा दिया गंभीर आरोप; कर दी कार्रवाई की मांग

    Updated: Wed, 31 Jul 2024 07:16 PM (IST)

    Saryu Rai Met Hemant Soren बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जमेशदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ गंभीर घोटाला और अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत की। साथ ही सरयू राय ने मुख्यमंत्री से मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।

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    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपते सरयू राय। जागरण

    राज्य ब्यूरो, रांची। जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की घेराबंदी करने का कोई मौका नहीं चूकते। ताजा प्रकरण में उन्होंने एक बार फिर मंत्री के विरुद्ध गंभीर घोटाला और अनियमितता से संबंधित शिकायत की।

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    बुधवार को उन्होंने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर आरोप लगाए। सरयू राय ने उन्हें स्वास्थ्य विभाग में अनियमितता से संबंधित ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि वे इस मामले की जांच कराकर कार्रवाई करें। यह बहुत बड़ा घोटाला है। मंत्री बन्ना गुप्ता के दबाव में स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी सबकुछ कर रहे हैं।

    सरयू राय ने मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में क्या किया उल्लेख 

    सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया है कि स्वास्थ्य विभाग में मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार चयनित मानव बल आपूर्ति करने वाले आउटसोर्सिंग एजेंसियों का इम्पैनल्ड रद करने का आदेश दिया है और एक माह के भीतर नए सिरे से आउटसोर्सिंग एजेंसी का चयन करने के लिए अस्पतालों के अधीक्षक और जिला के सिविल सर्जनों को कहा है।

    आउटसोर्सिंग एजेंसी का चयन झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित निविदा के आधार पर हुआ था। स्वास्थ्य मंत्री के प्रभाव में विभाग ने एक साल तक इसके साथ एकरारनामा नहीं किया और पूर्व से चली आर रही व्यवस्था को लागू रहने दिया।

    अब इनका इम्पैनल्ड ये रद करना चाहते हैं ताकि पूर्व की भांति ही आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा मानव बल उपलब्ध कराने का काम चलता रहे।

    मंत्रिपरिषद के आदेश की अवहेलना

    सरयू राय ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि मंत्रिपरिषद द्वारा पारित संकल्प के आधार पर कारपोरेशन से प्रकाशित निविदा के जरिए चयनित आउटसोर्सिंग कम्पनी का पैनल मंत्री ने स्वयं रद कर दिया। मंत्रिपरिषद को सूचित किए बगैर अपने स्तर पर ही उन्होंने विज्ञापन निकालकर एजेंसी नियुक्त करने का निर्देश सिविल सर्जन और अस्पताल के अधीक्षकों को दिया।

    स्वास्थ्य मंत्री जानते हैं कि एक माह के भीतर निविदा का निष्पादन संभव नहीं है। एक माह के भीतर चुनाव की घोषणा होने पर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। पूर्व से चल रही इस व्यवस्था को ही कायम रखने की साजिश स्वास्थ्य मंत्री कर रहे हैं। वास्तव में यह बहुत बड़ा घोटाला है, जिसकी जांच मुख्यमंत्री कराएं और अनियमितता होने से रोकें।

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