झारखंड में अब पर्यटक कर सकेंगे कोयला खदान की सैर, खनन गतिविधियों से होंगे रूबरू; 2500 से 2800 रुपये लगेगी फीस
झारखंड सरकार ने सीसीएल के साथ मिलकर माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत की है जिससे अब आम नागरिक भी खनन गतिविधियों को करीब से देख सकेंगे। पहले चरण में रांची पतरातू और उरीमारी सर्किट शामिल हैं जहां पर्यटक निर्धारित शुल्क पर खनन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य लोगों को यह दिखाना है कि झारखंड से निकलने वाले कोयले से कैसे दूसरे राज्य रोशन होते हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। अभी तक खान-खदान में जाने की अनुमति खनन से जुड़े विशेषज्ञों और कर्मियों को ही है। सुरक्षा तथा अन्य कारणों से आम लोगों को वहां जाने की अनुमति नहीं होती। लेकिन अब आम लोग भी माइनिंग टूरिज्म के तहत खनन गतिविधियों और उसमें कार्य करने वाली तकनीक व उपकरणों से रूबरू हो सकेंगे।
झारखंड सरकार ने सीसीएल के सहयोग से माइनिंग टूरिज्म शुरू करने की पहल की है। इसे लेकर सोमवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में पर्यटन, कला संस्कृति एवं खेलकूद मंत्री सुदिव्य कुमार की उपस्थिति में झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) तथा सीसीएल के साथ करार हुआ।
जेटीडीसी की ओर से इसके प्रबंध निदेशक प्रेम रंजन तथा सीसीएल की ओर से निदेशक-तकनीकी सीएस तिवारी ने हस्ताक्षर किए। दावा किया गया कि माइनिंग टूरिज्म की पहल करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है।
इस पहल के पहले चरण में रांची, पतरातू तथा उरीमारी सर्किट के तहत निर्धारित शुल्क पर नार्थ उरीमारी ओपन कास्ट कोल माइंस में होने वाली गतिविधियों से पर्यटकों या अन्य लोगों काे रूबरू कराया जाएगा।
बुकिंग कराने वाले पर्यटकों को रांची से पतरातू होते हुए उरीमारी तक ले जाया जाएगा। वहां की गतिविधियां दिखाने के बाद उन्हें वापस रांची लाया जाएगा। इसकी सफलता के बाद अन्य तीन सर्किट में इस तरह की योजना संचालित होगी।
लोग जान सकेंगे दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ में झारखंड से कैसे पहुंचती है रोशनी : मंत्री
इस मौके पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि पहली बार लोग जान सकेंगे कि झारखंड की धरती से निकलने वाले कोयले से कैसे दिल्ली, हरियाणा ओर चंडीगढ़ रोशन हो रहा है। उन्होंने कहा कि माइनिंग टूरिज्म के लिए तीन अन्य सर्किटों का निर्माण किया जाना है। इसे लेकर सेल से भी बात चल रही है।
औद्योगिक पर्यटन के लिए भी बोकारो स्टील से बातचीत जारी है। वहीं, सीसीएल के सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने इस पहल के लिए झारखंड सरकार का आभार प्रकट करते हुए इसकी सराहना भी की।
उन्होंने कहा कि खनन गतिविधियां आम लोगों से दूर होती हैं। अब लोग जान सकेंगे कि माइनिंग कैसे होती है। पर्यटन निदेशक विजया एन जाधव ने न केवल सामान्य लोग, बल्कि जियोलॉजी के छात्रों, शोधार्थियों को भी इससे लाभ होगा।
प्रति व्यक्ति जीएसटी के अलावा 2500 से 2800 रुपये लगेगा शुल्क
इस योजना के तहत ओपन कास्ट खानों, साइलो साइट्स को नजदीक से महसूस करने और रोमांच का आनंद लेने के साथ-साथ पतरातू और रजरप्पा भ्रमण का भी मौका मिलेगा।
यदि आप रजरप्पा मंदिर के दर्शन के साथ माइनिंग टूरिज्म का अनुभव करना चाहते हैं तो उसका शुल्क होगा जीएसटी के अलावा प्रति व्यक्ति 2800 रुपये।
यदि पतरातू घाटी के नजारा को देखते हुए माइनिंग का अनुभव करना चाहते हैं तो प्रति व्यक्ति जीएसटी के अलावा 2500 रुपये का भुगतान करना होगा।
जेटीडीसी और सीसीएल के बीच हुए करार में क्या है खास
- यह समझौता पांच वर्षों के लिए हुआ है, जिसे आगे पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा।
- जेटीडीसी पर्यटकों की बुकिंग करेगा और प्रति सप्ताह दो दिन पर्यटकों को उरीमारी माइंस का भ्रमण कराया जाएगा।
- प्रत्येक ग्रुप में 10-20 लोग सम्मिलित होंगे।
- सभी पर्यटकों को खान में प्रवेश से पूर्व सीसीएल के नियमों, सुरक्षा निर्देशों एवं स्वास्थ्य मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। सीसीएल द्वारा अंतिम रूप से प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
- सीसीएल पर्यटकों को खान की कार्यप्रणाली समझाने के लिए गाइड उपलब्ध कराएगा।
- जेटीडीसी माइनिंग टूरिज्म का प्रचार-प्रसार करेगा तथा सीसीएल आवश्यकतानुसार सहयोग प्रदान करेगा।
- जेटीडीसी द्वारा निर्धारित शुल्क के आधार पर बुकिंग होगी और प्रति व्यक्ति 200 रुपये की राशि चाय व जलपान हेतु सीसीएल को प्रदान की जाएगी।
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