विद्यापति स्मारक समिति के सदस्यों ने मनाया आद्रा पर्व, बांटे खीर पूड़ी...
आद्रा को कृषक कार्य करने वाले लोगों का सहयोगी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्रों में आद्रा छठा नक्षत्र है। जिसे जीवनदायी भी कहा जाता है। आद्रा नक्षत्र में खीर पूड़ी आम सहित मिष्ठान भोजन कराने की परंपरा है

रांची, जासं । विद्यापति स्मारक समिति के कार्यालय में अध्यक्ष लेखानंद झा की उपस्थिति में आद्रा पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आयोजन से पूर्व महाकवि बाबा विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। साथ ही बाबा विद्यापति द्वारा रचित आरती जय जय भैरवी असुर भयाउवनी...गाकर भजन कीर्तन किया गया। सभी भक्तजन बाबा विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भोग लगाया। साथ ही खीर, पूड़ी, सब्जी, आम, मिठाई आदि का बाबा विद्यापति को भोग लगाकर सभी भक्तजनों के बीच प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। सभी भक्तजनों ने मिल जुलकर आद्रा पर्व मनाया। बताया जा रहा है कि यह पर्व मिथिला क्षेत्र में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
मिष्ठान भोजन कराने की है परंपरा
लेखानंद झा ने बताया कि आद्रा नक्षत्र 22 जून 2022 बुधवार की शाम 7 बजकर 13 मिनट पर उर्जा और प्रकाश देने वाले सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश किया था। आद्रा को कृषक कार्य करने वाले लोगों का सहयोगी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्रों में आद्रा छठा नक्षत्र है। जिसे जीवनदायी भी कहा जाता है। आद्रा नक्षत्र में खीर, पूड़ी, आम सहित मिष्ठान भोजन कराने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि आद्रा नक्षत्र प्रवेश करते ही दो दिनों तक किसान मिट्टी की खोदाई व जुताई नहीं करते हैं। आद्रा का शाब्दिक अर्थ गीला अर्थात नमी होती है। सूर्य के आद्रा में प्रवेश से ही मानसून का आगमन हो जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आद्रा नक्षत्र में देवी देवताओं का पूजन और दर्शन का विशेष महत्व है। इस समय हिंदू धर्मावलंबियों को मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए।
भगवान शंकर का रुद्र रूप इस नक्षत्र का मालिक
वैदिक ज्योतिष दीपक कुमार झा के अनुसार भगवान शंकर का रुद्र रूप इस नक्षत्र का मालिक होते हैं जो भक्तों का कल्याण करते हैं। इस तरह आद्रा नक्षत्र जहां एक ओर वर्षा लेकर आता है वहीं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस नक्षत्र में बाबा भाेलेनाथ की पूरे विधि विधान के साथ पूजा पाठ करना चाहिए। बैठक में मौजूद महासचिव उदित नारायण ठाकुर, कोषाध्यक्ष रंजीत लाल दास, संयुक्त सचिव जयंत झा, अमरेंद्र मोहन झा, विद्याकांत झा, डा पंकज राय, संजीव कुमार मिश्र, अशोक कुमार मिश्र, रमेश भारती, लालू राम, श्याम किशोर चौबे, पंकज राय, जयंत झा ने कहा कि हमें अपने रीति रिवाज का नियमानुसार पालन करना चाहिए। ताकि हमारी सभ्यता संस्कृति के साथ साथ परंपरा भी बची रहे।
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