CM Hemant Soren होंगे झारखंड मेडिकल युनिवर्सिटी के कुलाधिपति, पहली बार राज्य सरकार करेगी कुलपति की नियुक्ति
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड मेडिकल युनिवर्सिटी के कुलाधिपति होंगे। पहली बार राज्य सरकार युनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति करेगी। यह निर्णय राज्य मे ...और पढ़ें

झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के लिए स्थल निरीक्षण करते मंत्री डा. इरफान अंसारी और अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में मेडिकल युनिवर्सिटी (झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय) शीघ्र अस्तित्व में आएगी। राज्य गठन के बाद पहली बार स्थापित हो रहे इस विश्वविद्यालय की अस्थायी व्यवस्था के तहत संचालन रांची के ब्राम्बे स्थित पंचायती राज संस्थान में होगा।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने इस वर्ष 11 अप्रैल को ही झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधनियम, 2023 की स्वीकृति प्रदान की है। यह अधिनियम के रूप में अधिसूचित भी हो गया है।
राज्य के मुख्यमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। कुलाधिपति के रूप में मुख्यमंत्री ही सर्च कमेटी द्वारा उपलब्ध कराए जानेवाले पैनल से विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति करेंगे। हालांकि पहली बार कुलपति की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
इस विश्वविद्यालय के लिए शीघ्र ही कुलपति की नियुक्ति होगी तथा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जा सकें। कुलपति के पद पर वही व्यक्ति नियुक्त होगा जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रखनेवाला शिक्षाविद हो अथवा प्रतिष्ठित चिकित्सक हो अथवा स्वास्थ्य चिकित्सा विज्ञान की अकादमिक पृष्ठभूमि के साथ मानव संसाधन विकास में अनुभव रखता हो। कुलपति की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए होगी।
विश्वविद्यालयके उद्देश्यों में स्वास्थ्य विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र और संस्थान बनाना, स्वास्थ्य विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में शिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देना, आधुनिक चिकित्सा, स्पीच थेरेपी, आयुर्वेद और स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में शिक्षा के मानकों में एकरूपता स्थापित करना आदि सम्मिलित हैं। स्वास्थ्य विज्ञान पढ़ाने वाले मौजूदा सरकारी कालेज या स्व-वित्तपोषित संस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे।
स्थायी भवन के लिए जमीन चिह्नित की जा रही है। स्थलीय निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव ने मंत्री को स्थायी भवन के लिए कांके के रिनपास की जमीन को उपयुक्त बताया। मंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना तो राज्य गठन के साथ ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक नहीं हो सकी।
ब्राम्बे के पंचायती राज संस्थान में पूर्व में अस्थायी रूप से केंद्रीय विश्वविद्यालय संचालित हो चुका है। बाद में मनातू में इसका स्थायी भवन बना। पूर्व में कोई विश्वविद्यालय संचालित होने से इसे मेडिकल युनिवर्सिटी के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान मंत्री ने स्थानीय लोगों से पूछा कि यहां मेडिकल युनिवर्सिटी स्थापित होने से कोई गड़बड़ी तो नहीं होगी? इसपर स्थानीय लोगों ने यहां विश्वविद्यालय संचालित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वर्तमान में इसका वीरान होना अच्छा नहीं लगता। केंद्रीय विश्वविद्यालय के संचालन के दौरान यहां कोई गड़बड़ी नहीं हुई।

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