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    RIMS Poisoning Case: मेडिकल छात्रा को आया होश, आज खुल सकता है चाय में जहर का राज

    रिम्स में चार दिनों से वेंटिलेटर में इलाजरत पीजी छात्रा को सोमवार की सुबह होश आ गया। डाक्टरों ने बताया कि छात्रा के सेहत में सुधार हो रहा है और अब उसका वेंटिलेटर सपोर्ट हटा दिया गया है। हालांकि अभी भी उसे आइसीयू में ही रखा गया है। सतत निगरानी की जा रही है।

    By Anuj tiwari Edited By: Kanchan Singh Updated: Tue, 26 Aug 2025 12:46 AM (IST)
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    पीजी छात्रा को आया होश, आज कर सकती है घटना का खुलासा।

    जागरण संवाददाता, रांची। RIMS में चार दिनों से वेंटिलेटर में इलाजरत पीजी छात्रा को सोमवार की सुबह होश आ गया। डाक्टरों ने बताया कि छात्रा के सेहत में सुधार हो रहा है और अब उसका वेंटिलेटर सपोर्ट हटा दिया गया है। हालांकि अभी भी उसे आइसीयू में ही रखा गया है। 

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    लगातार मानिटरिंग की जा रही है। वहीं, इस घटना को लेकर एक और तथ्य सामने आया है, जिसमें घटना के दिन उसके साथ काम कर रही दूसरी पीजी छात्रा गायब हो गई थी। बताया जा रहा था कि वह एक अन्य एक छात्र के यहां चली गई है।

    प्रबंधन की ओर से लगातार उस छात्रा से संपर्क किए जाने की कोशिश की गई लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। जिसके बाद विभाग इंचार्ज ने इसकी सूचना अधीक्षक को दी और अधीक्षक ने इसमें पुलिस का सहयोग मांगा। उसका ट्रेस किया गया और जब छात्रा मिल गई।

    उसने बताया कि उनका मोबाइल साइलेंट में था। इस वजह से वो फोन नहीं उठा पाई। बरियातू पुलिस ने बताया कि इसकी पूरी जानकारी प्रबंधन को दे दी गई है।

    इस घटना पर जब रिम्स उपाधीक्षक-2 डा. राजीव रंजन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिस दिन घटना घटी उसी दिन छात्रा हास्टल गई । लेकिन उसे ठीक नहीं लग रहा था। इसके बाद वह अपने मित्र के यहां चली गई।

    जब उसे खोजा गया तो वो नहीं मिली, लेकिन उसने खुद दो घंटे के बाद फोन कर बताया कि उस माहौल में उसे अच्छा नहीं लग रहा था जिसके बाद वे वहां से चली गई है।

    उन्होंने बताया कि इसमें अभी तक उस छात्रा पर ऐसा कोई भी संदेह नहीं होता है। उस समय ऐसी स्थिति बनी थी जिससे वो घबरा कर चली गई थी।

    प्रबंधन के खिलाफ शिकायत करेंगे पीड़िता के पिता 

    आइसीयू में भर्ती छात्रा के पिता एके ठाकुर लगातार ट्रामा सेंटर में अपनी बेटी के स्वस्थ होने की इंतजार कर रहे हैं। उनके साथ उनका पूरा परिवार यहीं पर दिन-रात रूका हुआ है।

    ठाकुर बताते हैं कि इस पूरे मामले में अभी तक पुलिस की ओर से कोई पूछताछ नहीं की जा रही है। प्रबंधन से जब बात की गई तो छात्रा की इंचार्ज डा. अर्चना ने बताया कि प्रबंधन की ओर से कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। वे खुद अपने स्तर से थाने में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

    इसके बाद ठाकुर ने बताया कि वे अब रिम्स प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करेंगे और इसमें वे प्रबंधन की लापरवाही और बरती गई गैरजिम्मेदाराना पर सवाल उठाएंगे।

    उन्होंने कहा कि जब वे अपनी बेटी को रिम्स प्रबंधन की देखरेख में सौंप दिए हैं तो उनकी ओर से ही सारी चीजें होनी चाहिए थी, जो नहीं दिख रहा है।

    मालूम हो कि छात्रा का पैतृक आवास सीतामढ़ी के बिशनपुर सोनबरसा थानाक्षेत्र में है। लेकिन पूरा परिवार बूटी मोड़ रांची स्थित हनुमान नगर में रहते हैं।

    जहर का शक होने पर छात्रा ने उल्टी की दवा खायी थी 

    छात्रा के पिता ने बताया कि उन्हें जो जानकारी दी गई उससे पता चला कि जब उसकी बेटी ने चाय पी थी तो उसे उसका टेस्ट अच्छा नहीं लगा और उसे कीटनाशक होने का शक हुआ।

    इसके बाद उसने उल्टी की भी दवा पी लेकिन तब तक उसकी तबीयत खराब हो गई थी। उन्होंने बताया कि गुरुवार की सुबह लगभग 6 बजे वे अपनी बेटी को रिम्स छोड़ने आए थे और शुक्रवार की शाम को लेने आने वाले थे। दोपहर में भी पिता से बेटी की बात हुई थी।

    बेटी ने बताया था कि उसने खाना खा लिया है। रात में करीब नौ बजे दोनों की बातचीत हुई थी, लेकिन रात लगभग 12:30 बजे उसकी दोस्त का फोन आया कि बेटी की तबीयत अचानक खराब हो गई है।

    क्या है पूरी घटना

    रिम्स में गुरुवार की रात करीब 11.30 बजे ड्यूटी के वक्त चाय पीने के बाद 2024 बैच की फर्स्ट ईयर की पीजी छात्रा (जूनियर डाक्टर) की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी।

    स्थिति अत्यधिक खराब होने के बाद उसे सेंट्रल इमरजेंसी में लाया गया, जहां डाक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए उसे रात करीब 12 बजे आइसीयू में भर्ती कराया गया था।

    बताया गया कि रिम्स के चौथे तल्ले में स्थित गायनी विभाग में ड्यूटी कर रहे 10 जूनियर डाक्टरों ने रात में ग्राउंड फ्लोर स्थित एक कैंटिन से चाय आर्डर किया था।

    इसे पीने के बाद उसकी स्थिति नाजुक हो गई थी। डाक्टरों ने छात्रा की स्थिति देख बताया था कि यह कीटनाशक का असर है। कई तरह की जांच के लिए एफएसएल लैब को सैंपल भेजा जा चुका है।

    रिम्स प्रबंधन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। इसमें मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. बी कुमार की अध्यक्षता में टीम जांच कर रही है।

    तीन तरह के आ रहे हैं बयान :

    1. पीजी छात्रों ने नहीं पी चाय :

    पीजी छात्रों ने बताया कि चाय से बदबू आ रही थी जिसके बाद उन सभी ने चाय नहीं पी, लेकिन पीड़िता ने अकेले चाय पी।

    2. छात्रा ने चाय पी और कहा बदबू आ रही :

    गायनी विभाग के डा. अर्चना कुमारी ने बताया कि पीड़िता ने अकेले चाय पी और दूसराें से कहा कि वे चाय न पीए, इससे बदबू आ रही है। चाय में टेस्ट नहीं है।

    3. कैंटिन कर्मी ने बताया कि सभी ने चाय पी लेकिन पीड़िता ने चाय थरमस में ही रखने को कहा और बाद में उसने पीया।

    छात्रा को होश आ गया है, उसे वेंटिलेटर से बाहर कर दिया गया है। अभी तीन दिन निगरानी में रखा जाएगा, उसके बाद जरूरत पड़ने पर आइसीयू से शिफ्ट किया जा सकता है। उम्मीद है कि उसकी स्थिति में और सुधार होगा। - डा. प्रदीप भट्टाचार्य, इंचार्ज, क्रिटिकल केयर, रिम्स