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    Jharkhand News: मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई 13 भाषाओं में... शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Sat, 16 Jul 2022 04:02 PM (IST)

    National Education Policy केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शनिवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से मैकाले की शिक्षा पद्धति को समाप्त करने की तैयारी है। स्कूलों में भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से बच्चों को अवगत कराया जाएगा।

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    Jharkhand News: मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई 13 भाषाओं में... शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज

    रांची, जागरण संवाददाता। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा की अंग्रेजी शासन काल में लार्ड मैकाले ने भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति को समाप्त करने का काम किया। एक रणनीति के तहत हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को समाप्त करने की तैयारी की गई थी। बच्चों को इससे दूर रखा गया। उन्हें मानसिक रूप से गुलाम बनाया गया। अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति को समाप्त करने की तैयारी की गई है। अब स्कूलों में बच्चों को भारत की गौरवमयी इतिहास, सभ्यता एवं संस्कृति से अवगत कराया जाएगा। प्राचीन काल में किस तरह की गुरुकुल परंपरा चल रही थी, उससे बच्चों को अवगत कराया जाएगा। अब बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण, ज्ञान आधारित व व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी। केवल रटंत शिक्षा देने का काम अब नहीं होगा। वे शनिवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, धुर्वा में अरुणोदय पत्रिका लोकार्पण सह आचार्य सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपनी बात रख रहीं थीं।

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    बच्चों को स्किल आधारित शिक्षा देने की योजना

    अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि नई शिक्षा नीति तैयार करने के समय देश भर के शिक्षाविदों से राय ली गई। अब यह नई शिक्षा नीति पूरे देश में लागू हो रही है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती की स्थापना जिस उद्देश्य और शिक्षा पद्धति को देश में लागू करने को लेकर की गई थी नई शिक्षा नीति में वह सब देखने को मिलेगी। अब मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी 13 भाषाओं में होगी। कई विश्वविद्यालयों में इसे शुरू भी कर दिया गया है। इसके साथ ही कई स्कूलों में बच्चों को स्किल आधारित शिक्षा देने की तैयारी की गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के कई विद्यालयों में इसे भी शुरू भी कर दिया गया। आने वाले समय में नई शिक्षा नीति का असर बच्चों के साथ साथ समाज पर वह देश में दिखने लगेगा। इससे पूर्व उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर धुर्वा के प्राचार्यों को सम्मानित भी किया।

    अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं गुरु

    इस मौके पर प्रोफ़ेसर यदुनाथ पांडेय ने कहा कि गुरु की महता प्राचीन काल से ही रही है। गुरु अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का काम करते हैं। जब भी भगवान राम का नाम आता है तो गुरु वशिष्ठ का नाम आता है , कृष्ण का नाम आता है तो गुरु संदीपनी का नाम आता है, महाराज शिवाजी का नाम आता है तो समर्थ रामदास का नाम होता है और चंद्रगुप्त का नाम आता है तो चाणक्य का नाम आता है। इन सभी को एक स्थान दिलाने में उनके गुरु की बहुत बड़ी भूमिका रही। उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि जिस तरह झारखंड सहित देश के कई राज्यों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के माध्यम से कुछ संगठनों द्वारा जहर घोलने का जो काम चल रहा है उस पर लगाम लगाने का काम विद्या मंदिर के स्कूल कर रहे हैं। लार्ड मैकाले ने गुरुकुल को समाप्त कर ऐसी शिक्षा व्यवस्था लाई जिसमें हम मानसिक रूप से गुलाम हो गए। विद्या भारती की स्थापना उस गुरुकुल परंपरा को स्थापित करने के लिए की गई जिसका समाज में असर भी दिख रहा है।

    कार्यक्रम में ये लोग भी थे मौजूद

    इससे पूर्व विद्यालय के मंत्री अखिलेश्वर नाथ मिश्र ने अतिथियों का परिचय कराया और कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के अध्यक्ष शक्तिनाथ लाल दास ने लोगों को धन्यवाद देने का काम किया। कार्यक्रम में आरएसएस के महानगर संघचालक व विद्यालय के संरक्षक पवन मंत्री, विद्यालय के कोषाध्यक्ष एस वेंकटरमन , प्राचार्य संध्या सिंह, उप प्राचार्य ललन कुमार सहित सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख धनंजय सिंह, आरएसएस के पर्यावरण प्रांत सह संयोजक सच्चिदानंद मिश्र, भाजपा नेता सूर्यमणि सिंह सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे। सम्मान समारोह में कुल 120 शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। विद्यालय के कई कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।

    स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी देना सरकार की विफलता

    सरस्वती विद्या मंदिर में कार्यक्रम की समाप्ति के बाद पत्रकारों द्वारा पूछे जाने की झारखंड के कई स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है, इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि यह झारखंड सरकार और यहां के अधिकारियों की विफलता है। सरकार को इस पर सख्ती बरतनी चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि सामाजिक सौहार्द का वातावरण खराब नहीं हो।