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MECON Limited: मेकाॅन ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 87 करोड़ रुपये का कमाया मुनाफा

Jharkhand News मेकाॅन भारत सरकार को 21.67 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान करने का प्रस्ताव देगी। मेकॉन ने अपने तीन मुख्य व्यावसायिक क्षेत्रों में 4929.87 करोड़ रुपये के बड़े ऑर्डर की बुकिंग के साथ एक नया मुकाम भी हासिल किया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 12:05 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 12:53 PM (IST)
MECON Limited: मेकाॅन ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 87 करोड़ रुपये का कमाया मुनाफा
मेकाॅन एक इस्‍पात कंपनी है। फाइल फोटो

रांची, जासं। इस्‍पात कंपनी मेकाॅन ने वित्त वर्ष 2019-20 में कर अदायगी से पूर्व 87.03 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है। संस्थान ने सात साल के बाद पहली बार ऑपरेटिंग/परिचालन में लाभ भी दर्ज किया है। इससे पहले कंपनी ने वित्त वर्ष 2012-13 में ऑपरेटिंग/परिचालन में लाभ कमाया था। इसके साथ-साथ, मेकॉन ने अपने तीन मुख्य व्यावसायिक क्षेत्रों में 4929.87 करोड़ रुपये के बड़े ऑर्डर की बुकिंग के साथ एक नया मुकाम भी हासिल किया है।

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संस्थान के प्रदर्शन के बारे में बताते हुए मेकॉन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अतुल भट्ट ने कहा कि मेकाॅन ने कठिन समय को पार करके वापसी की है। उन्होंनें कहा कि मेकाॅन ने एक सशक्त कारपोरेट योजना का विकास किया है जो संस्थान की दक्षता और वर्तमान व्यावसायिक वातावरण पर आधारित है। यह निरंतर और लाभदायक विकास सुनिश्चित करता है। मेकॉन की रणनीतिक योजना और समर्पित प्रयासों ने इस वित्त वर्ष के दौरान 647.51 करोड़ रुपये का राजस्व संचालन से अर्जित है।

यह पिछले सात वित्तीय वर्ष (2012-13 से 2019-20) में सबसे अधिक है। मेकाॅन वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत सरकार को 21.67 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान करने का प्रस्ताव कर रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए संस्थान के प्रति कर्मचारी आय में भी पिछले वर्ष की तुलना में 40.54 प्रतिशत का सुधार हुआ है। अतुल भट्ट ने कहा कि मेटल्स एवं माइनिंग क्षेत्र हमेशा से संस्थान का मुख्य आधार रहा है।

लेकिन मेकान ने ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर के अन्य विविध क्षेत्रों में भी अपनी पैठ बढ़ाने के लिए ठोस उपाय किए हैं एवं राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं और भारत सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए मजबूत कदम उठाए हैं, ताकि राजस्व में वृद्धि हो सके। पदचिह्नों का विस्तार किया जा सके और चक्रीयता की नकारात्मकता से व्यापार को बचाया जा सके।


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