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माय सिटी माय प्राइडः आम लोगों का जीवनस्तर सुधारने में जुटी है सिटीजन फाउंडेशन

स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र के तहत संस्था समुदाय की स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करती है और स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए व्यक्तियों, उनके परिवारों और समुदायों को प्रोत्साहित करने का काम भी करती है।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 08:45 AM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 08:45 AM (IST)
माय सिटी माय प्राइडः आम लोगों का जीवनस्तर सुधारने में जुटी है सिटीजन फाउंडेशन

जागरण संवाददाता, रांची : स्वयंसेवी संस्था सिटिजंस फाउंडेशन पिछले दो दशकों से रांची समेत झारखंड के विभिन्न इलाकों में स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, कौशल विकास, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में लगातार काम कर रही है। संस्था लोगों के जीवन स्तर में सुधार और सामाजिक परिवर्तन के लिए जुटी है। संस्था के सचिव गणेश रेड्डी को बेहतर सामाजिक कार्यों के लिए यूएन एजेंसी ग्लोबल काम्पैक्ट नेटवर्क समेत कई जाने-माने संगठनों और सरकार की ओर से सम्मान भी मिल चुके हैं।

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सन् 2002 में उत्साही और समाजसेवा के प्रति झुकाव वाले कुछ उत्साही युवकों ने इसकी स्थापना की थी। यह विकास के अनेक क्षेत्रों में काम कर रही है और मुख्यत: झारखंड, बिहार, मेघालय, और छत्तीसगढ़ में इसके कार्यक्रम सक्रियता से चल रहे हैं। सिटीजन फाउंडेशन ने अपने अनुभव को काफी समृद्ध किया है और विशेषकर एनआरएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन) और आजीविका, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। वर्तमान में अपने प्रत्यक्ष कार्यों के जरिए संस्था ने 2 लाख परिवारों तक अपनी पहुंच बनाई है।

सिटिजन्स फाउंडेशन की शुरुआत 1993 में ही हो गई थी, जब गणेश रेड्डी ने गांधी स्पोर्टिंग क्लब की नींव रख कर क्लब समुदाय आधारित कार्य और धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए समाजसेवा के काम शुरू किए। धीरे-धीरे समुदाय आधारित इन कार्यक्रमों के प्रभावी असर को देखते हुए क्लब ने दायरा बढ़ाया। इसके बाद सामुदायिक चेतना और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने का काम शुरू किया।

2002 के शुरुआत में इस संस्थान ने औपचारिक आकार लिया और इसे सिटिजन्स फाउंडेशन का नाम दिया गया। विकास कार्यों के प्रति उत्साहित 6 युवकों के सहयोग से सिटिजन्स फाउंडेशन को 20 फरवरी 2002 को सोसायटी निबंधन अधिनियम के तहत बतौर गैर सरकारी संगठन निबंधित कराया गया।

शुरुआती दिनों में महज 2-3 कर्मियों के साथ मुख्यत: स्वास्थ्य आधारित कार्यक्रमों के आधार पर संगठन ने अपनी यात्रा शुरू की और इसके बाद कार्यक्रमों का विस्तार किया। आज सिटिजन्स फाउंडेशन (सीएफ) एक स्थापित एनजीओ है, जिसकी उपस्थिति कई राज्यों में है और 300 से ज्यादा कर्मियों की एक विशाल टीम इसके साथ है।

स्वास्थ्य एवं पोषण
स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र के तहत संस्था समुदाय की स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करती है और स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए व्यक्तियों, उनके परिवारों और समुदायों को प्रोत्साहित करने का काम भी करती है। वर्तमान में संस्था निम्नलिखित स्वास्थ्य मोबाइल मेडिकल यूनिट, पोषण पुनर्वास केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एनटीपीसी लिमिटेड की सीएसआर पहलों के तहत स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं आदि आम लोगों के लिए सुलभ करा रही है।

प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन
इस क्षेत्र का प्राथमिक उद्देश्य आम जनजीवन की आजीविका में सुधार करना है। इस क्षेत्र के अंतर्गत संस्था निम्नलिखित कार्य कर रही है।

जल संचयन, सिंचाई और भूमि विकास
एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी), झारखंड में नाबार्ड, आरआईडीएफ वाटरशेड कार्यक्रम का कार्यान्वयन आदि कार्य गांव-गांव में संस्था की ओर से चलाए जा रहे हैं।

आजीविका प्रोत्साहन
इस क्षेत्र के अंतर्गत संस्था कृषि एवं गैर कृषि गतिविधियों के माध्यम से समुदाय के आजीविका संवर्धन को प्रोत्साहित करती है। संस्था के द्वारा इस क्षेत्र में होमस्टेड पोल्ट्री, बैकयार्ड पोल्ट्री, डेयरी विकास, झारखंड जनजातीय सशक्तीकरण और आजीविका परियोजना (जेटीईएल) आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।


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