झारखंड सरकार का केंद्रीय एजेंसियों को लेकर निर्देश का मामला राष्ट्रपति के पास पहुंचा, BJP नेता ने द्रौपदी मुर्मु से की मुलाकात
केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के संबंध में नए नियमन जारी करने संबंधित राज्य सरकार के कैबिनेट सचिव के पत्र की जानकारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तक पहुंच गई है। बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति से मुलाकात के क्रम में इस संबंध में जानकारी देते हुए इसे संवैधानिक प्रविधानों के विपरीत बताया।
राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के संबंध में नए नियमन जारी करने संबंधित राज्य सरकार के कैबिनेट सचिव के पत्र की जानकारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तक पहुंच गई है।
बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति से मुलाकात के क्रम में इस संबंध में जानकारी देते हुए इसे संवैधानिक प्रविधानों के विपरीत बताया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में पीएमएलए एक्ट पारित हुआ था। इस कानून में यह स्पष्ट प्रविधान है कि ईडी को यह विशेष शक्तियां दी गई है कि वह वित्तीय गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामलों में सीधे जांच कर सकती है। इसमें उसे किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
संघीय ढांचे में संवैधानिक परिवर्तन का नियम जो लोकसभा में पारित हुआ हो उसको राज्य के स्तर पर बदला जाना निहायत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा उन्होंने अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर राष्ट्रपति का ध्यान आकृष्ट कराया।राष्ट्रपति ने कहा कि वह सभी विषयों पर विभागीय मंतव्य लेकर आगे कार्यवाही करेंगी।
कुणाल षाडंगी ने हाल में संसद में पारित एक विधेयक पर भी ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भारतीय न्याय संहिता में एक नए कानून की धारा 69 के अनुसार अगर कोई पुरुष किसी महिला से शादी का वादा करके उसके साथ रिलेशनशिप में रहता है, जबकि उसका ऐसा करने का कोई इरादा नहीं है तो उसे 10 साल की जेल हो सकती है।
इस कानून का दुरुपयोग कानूनी सहमति से बनाए गए संबंधों को भी अपराध घोषित करने मे हो सकता है। कानून को लागू करने से पहले इसकी गहन समीक्षा की जाए।
जमशेदपुर में बने एम्स का सैटेलाइट केंद्र, घाटशिला में आदिवासी यूनिवर्सिटी
कुणाल षाडंगी ने राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर आग्रह किया कि जमशेदपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। वहां एम्स का सैटेलाइट केंद्र स्थापित हो, जिसके माध्यम से राज्य सरकार की एमजीएम की व्यवस्था में भी सुधार किया जा सके।
आदिवासी समाज की संसकृति, परंपरा, भाषा और लिपि को बचाकर रखने के लिए संवैधानिक रूप से स्थापित शिक्षण संस्थाओं के प्रति गंभीर प्रयास की आवश्यकता है। घाटशिला अनुमंडल में आदिवासी विश्वविद्यालय स्थापित की जाए। चाकुलिया बडामारा रेल लाईन की योजना पर काम आरंभ हो।
पूर्वी सिंहभूम जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में फुटबाल, हाकी तथा तीरंदाजी की असीम संभावनाएं हैं। वहां बेंगलुरु की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर खेल अकादमी की स्थापना हो।
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