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    Jharkhand Politics: सदन के बाहर एसआइआर और अटल मोहल्ला क्लिनिक पर रार, सत्ता पक्ष और विपक्ष का चला पलटवार

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 01:35 AM (IST)

    विधानसभा मानसून सत्र के दौरान सदन के बाहर सघन मतदाता पुनरीक्षण (एसआइआर) तथा अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलने का मामला ही छाया रहा। सदन के बाहर मीडिया के सवालों पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदल कर मदर टेरेसा एडवांस क्लिनिक के नाम पर करने को राजनीतिक गुंडागर्दी करार दिया।

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    सदन के बाहर छाया रहा एसआइआर और अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलने का मामला

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics विधानसभा मानसून सत्र के दौरान पहले दिन शुक्रवार को भले ही सदन के अंदर कोई बहस नहीं हुई, लेकिन सदन के बाहर पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने आरोप-प्रत्यारोप लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

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    सदन के बाहर सघन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) तथा अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलने का मामला ही छाया रहा। 

    सदन के बाहर मीडिया के सवालों पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदल कर मदर टेरेसा एडवांस क्लिनिक के नाम पर करने को राजनीतिक गुंडागर्दी करार दिया।

    उन्होंने कहा कि यह तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है कि झारखंड निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर चल रही एक छोटी योजना को भी राज्य सरकार बर्दाश्त नहीं कर सकी।

    पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक चम्पाई सोरेन ने बिहार में चल रहे सघन मतदाता पुनरीक्षण को सही बताते हुए कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण होना ही चाहिए।

    उन्होंने कहा कि अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलने का सरकार का फैसला सही नहीं है। भाजपा इस मुद्दे को सदन में जबर्दस्त ढंग से उठाएगी।

    वहीं, भाजपा के नवनियुक्त मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमान वोटरों के लिए एसआइआर का विरोध कर रही है।

    बिहार में एसआइआर के बाद भी चुनाव आयोग ने मतदाताओं को एक महीने का समय दिया है कि जिनका नाम छूट गया है वह अपना नाम मतदाता सूची में सम्मिलित करा सकते हैं।

    इधर, सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी पलटकर विपक्ष पर निशाना साधा। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने कहा कि भाजपा बिहार में अपनी निश्चित हार को टालने के लिए एसआइआर करा रही है।

    जब हर जगह आधार मान्य है तो फिर एसआइआर कराने का क्या औचित्य है? भाजपा डेमोग्राफी चेंज की बात करती है, लेकिन झारखंड में अगर एसआइआर हुआ तो भाजपा के विधायक सीपी सिंह रांची सीट गंवा देंगे। विपक्ष के विरुद्ध निशाना साधने में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी भी पीछे नहीं रहे।

    उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार आम जनता का वोट देने के अधिकार छिनना चाहती है. इसीलिए उसके इशारे पर चुनाव आयोग यह कार्य करा रहा है। उन्होंने भाजपा के आरोप को वेबुनियाद बताते हुए कहा कि राज्य में एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिया नहीं है।