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    Jharkhand: झारखंड विधानसभा में धरने पर बैठे भाजपा विधायकों को मार्शल ने निकाला बाहर, सीएम पहुंचे मिलने

    Updated: Thu, 01 Aug 2024 03:34 AM (IST)

    झारखंड विधानसभा में बुधवार को अलग-अलग मुद्दों पर जारी भाजपा विधायकों का हंगामा सदन स्थगित होने के बाद भी रात तक चलता रहा। मुख्यमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर सदन में जवाब देने के लिए बुलाने पर अड़े भाजपा विधायकों ने सदन में दूसरी पाली में इस मुद्दे पर खूब हंगामा किया। रात लगभग 10 बजे सुरक्षाकर्मियों ने विधायकों को टांगकर विधानसभा से बाहर निकाल दिया।

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    झारखंड विधानसभा में धरने पर बैठे भाजपा विधायकों को मार्शल ने निकाल बाहर

     राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा में बुधवार को अलग-अलग मुद्दों पर जारी भाजपा विधायकों का हंगामा सदन स्थगित होने के बाद भी रात तक चलता रहा। मुख्यमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर सदन में जवाब देने के लिए बुलाने पर अड़े भाजपा विधायकों ने सदन में दूसरी पाली में इस मुद्दे पर खूब हंगामा किया।

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    मुख्यमंत्री उस वक्त सदन में नहीं थे। शांत करने पर भी वेल में हंगामा कर रहे विधायक नहीं माने तो स्पीकर ने सदन की कार्यवाही समाप्त करने की घोषणा कर दी। इसके बाद भी भाजपा विधायक सदन में ही धरने पर बैठे रहे। काफी समझाने-बुझाने के बाद भी वह बाहर जाने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद सदन की बत्ती बुझा दी गई।

    फिर भी वह अंधेरे में भी डटे रहे। रात लगभग 10 बजे सुरक्षाकर्मियों ने विधायकों को टांगकर विधानसभा से बाहर निकाल दिया। इसके बाद विधायक बाहर धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने रात में सदन के भीतर से वीडियो संदेश भी जारी किया और सरकार पर जनता के साथ वादाखिलाफी करने और विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया।

    इस बीच रात में भाजपा विधायकों को मनाने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पहुंचे, लेकिन विधायक नहीं माने। बाहर आकर भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के सदन से बाहर लाकर पटक दिया है, लेकिन भाजपा विधायक प्रदर्शन जारी रखेंगे। व

    हीं नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने से पहले पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। इसके साथ ही विकास को लेकर कई वादे किए थे, लेकिन वह एक भी वादा पूरा नहीं कर पाए। राज्य में अस्थायी तौर पर काम कर रहे हजारों कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें स्थायी नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को इन सभी सवालों का जवाब देना होगा।