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    IAS विनय चौबे से जुड़े खासमहाल जमीन घोटाला मामले में हुई बड़ी कार्रवाई, हजारीबाग की तत्कालीन सीओ सहित दो और गिरफ्तार

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 11:54 PM (IST)

    हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन को अवैध तरीके से 23 लोगों को निबंधित करने के मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग की टीम ने तत्कालीन सीओ सह वर्तमान में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण चतरा की निदेशक अलका कुमारी व हजारीबाग का जमीन कारोबारी विजय प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।

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    विनय चौबे से जुड़े खासमहाल जमीन घोटाला मामले में तत्कालीन सीओ सहित दो और गिरफ्तार।

    जागरण टीम, हजारीबाग-चतरा। हजारीबाग में खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन को अवैध तरीके से 23 लोगों को निबंधित करने के मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग की टीम ने सोमवार को तत्कालीन सीओ सहित दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

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    गिरफ्तार आरोपितों में हजारीबाग सदर अंचल की तत्कालीन अंचलाधिकारी सह वर्तमान में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण चतरा की निदेशक अलका कुमारी व हजारीबाग का जमीन कारोबारी विजय प्रताप सिंह शामिल हैं।

    अलका कुमारी की गिरफ्तारी चतरा से व विजय प्रताप सिंह की गिरफ्तारी हजारीबाग से हुई है। अलका कुमारी पर हजारीबाग की तत्कालीन सदर अंचलाधिकारी रहते हुए खासमहाल की जमीन की अवैध तरीके से म्यूटेशन करने का आरोप है।

    इस पूरे प्रकरण में पूर्व में ACB ने हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे व तत्कालीन खासमहाल पदाधिकारी सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी विनोद चंद्र झा को गिरफ्तार किया था।

    इस प्रकार अब तक इस केस में कुल चार आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। हजारीबाग में खासमहाल की लगभग 2.75 एकड़ जमीन 1948 में एक ट्रस्ट को 30 साल के लिए लीज पर दी गई थी।

    इसे 1978 में 2008 तक के लिए रिन्यू किया गया। एसीबी की जांच में पता चला कि 2008-2010 के बीच एक साजिश के तहत यह जमीन सरकारी बताकर 23 निजी व्यक्तियों को आवंटित कर दी गई।

    उस वक्त Hazaribagh के तत्कालीन उपायुक्त विनय कुमार चौबे थे। जांच में सामने आया कि तत्कालीन खासमहल पदाधिकारी विनोद चंद्र झा ने लीज नवीनीकरण के समय ट्रस्ट सेवायत शब्द हटाकर जमीन को सरकारी दिखाया और अवैध हस्तांतरण किया।

    जमीन निजी ट्रस्ट के नाम पर थी पंजीकृत

    हजारीबाग के डीवीसी चौक स्थित यह जमीन शुरू में निजी ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत थी। आरोप है कि जमीन कारोबारी विजय प्रताप सिंह और सुधीर सिंह ने उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से इस जमीन की खरीद-बिक्री की।

    इससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ। वर्तमान में भूमि पर बहुमंजिले व्यावसायिक भवन खड़े हैं, जो अवैध हस्तांतरण का नतीजा हैं।

    जानकारी के मुताबिक चार अक्टूबर की रात एसीबी की तीन गाड़ियां विजय प्रताप सिंह के हजारीबाग के मटवारी स्थित आवास पहुंचीं। अधिकारी घर में दाखिल होकर 20 मिनट में उसे गिरफ्तार कर लिए।

    हजारीबाग एसीबी की टीम ने अलका कुमारी को पकड़ा

    जिला ग्रामीण विकास अभिकरण चतरा की निदेशक अलका कुमारी की गिरफ्तारी के लिए एसीबी हजारीबाग की टीम चतरा गई थी।

    वहां सदर थाना चतरा की पुलिस को अपने साथ लेकर एसीबी हजारीबाग की टीम विकास भवन चतरा पहुंची। विकास भवन चतरा के पहले तल्ले पर स्थित जिला ग्रामीण विकास अभिकरण स्थित अपने कार्यालय में अलका कुमारी उपस्थित नहीं थीं।

    कुछ समय के बाद अलका कुमारी जैसे ही अपने कार्यालय पहुंचीं एसीबी ने उन्हें गिरफ्तारी वारंट दिखाया और गिरफ्तार किया। अलका कुमारी पर हजारीबाग सदर अंचल अधिकारी रहते हुए अवैध तरीके से खासमहाल की जमीन की म्यूटेशन करने का आरोप है।