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    Jharkhand News: शराब घोटाले में दो पूर्व उत्पाद सचिवों से पांच घंटे तक चली पूछताछ, नहीं दे पाए जवाब

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 02:51 PM (IST)

    रांची में एसीबी ने शराब घोटाला मामले में दो पूर्व आईएएस अधिकारियों, मनोज कुमार और मुकेश कुमार, से पूछताछ की। मनोज कुमार से फर्जी बैंक गारंटी मामले में कार्रवाई न करने और मुकेश कुमार से राजस्व जमा करने में देरी के बारे में सवाल किए गए। एसीबी विनय चौबे से जुड़े वित्तीय लेन-देन की भी जांच कर रही है।

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    एसीबी ने की पूछताछ। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को करीब पांच घंटे तक उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के दो पूर्व सचिवों से पूछताछ की।

    इन पूर्व सचिवों में आईएएस अधिकारी मनोज कुमार तथा मुकेश कुमार शामिल हैं। दोनों ही अधिकारी दोपहर करीब 12 बजे एसीबी मुख्यालय पहुंचे और शाम करीब साढ़े पांच बजे वहां से निकले। दोनों ही अधिकारियों को एसीबी ने शुक्रवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।

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    आईएएस अधिकारी मनोज कुमार महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव हैं, वहीं आईएएस मुकेश कुमार वर्तमान में योजना एवं विकास विभाग के सचिव हैं।

    एसीबी ने आईएएस अधिकारी मनोज कुमार से लगातार दूसरे दिन भी पूछताछ की है। उनसे पूछा गया कि जब फर्जी बैंक गारंटी पर दो प्लेसमेंट एजेंसियों को शराब दुकानों के लिए मैनपावर आपूर्ति का ठेका दिए जाने का खुलासा हुआ तो उन्होंने उन कंपनियों पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं कराई?

    इस पर मनोज कुमार ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मामला सामने आया था और कार्रवाई प्रक्रियाधीन थी। एसीबी ने उनसे उनके कार्यकाल में एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए उचित कदम नहीं उठाने व उसे बढ़ावा देने के आरोपों पर भी एसीबी ने सवाल पूछा है।

    दूसरे पूर्व उत्पाद सचिव मुकेश कुमार से समय पर राजस्व का पैसा सरकारी खाते में जमा नहीं करवाने के मामले में पूछताछ की गई है। एसीबी अधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हो पाई है। जांच जारी है।

    प्लेसमेंट एजेंसी के संचालकों से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर बनी है प्रश्नावली

    दोनों पूर्व उत्पाद सचिवों से पूछताछ के पूर्व एसीबी ने फर्जी बैंक गारंटी पर मैनपावर आपूर्ति का ठेका लेने वाली एजेंसी के संचालकों से पूछताछ की थी। पूर्व में आईएएस विनय कुमार चौबे के करीबी विनय सिंह के ठिकाने से 198 फाइलें व डिजिटल उपकरणों की जब्ती की गई थी।

    एसीबी ने एक-एक कर सबका अध्ययन किया और उसके आधार पर ही प्रश्नावली तैयार की। पूर्व उत्पाद सचिव मनोज कुमार से दो दिनों तक पूछताछ हो चुकी है और तीसरे दिन भी पूछताछ होगी। मुकेश कुमार से अब तक केवल एक दिन की पूछताछ हुई है, उनसे भी शुक्रवार को पूछताछ की जाएगी।

    एसीबी पहले से तैयार प्रश्नों के आधार पर लगातार पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ेंगी।

    ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह से चौबे की पत्नी ही नहीं, साले व सरहज से भी करोड़ों के लेनदेन

    जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के मालिक विनय सिंह से केवल निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे या उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता ही नहीं, बल्कि उनके साले शिपिज त्रिवेदी व सरहज प्रियंका त्रिवेदी के बीच भी करोड़ों रुपये के लेनदेन हुए हैं।

    विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह की कंपनी एसएस मोटोजेन व स्वप्ना संचिता तथा शिपिज त्रिवेदी की शेल कंपनी ब्रह्मास्त्र एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड, स्काई फ्लायर बिजनेस एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड व ट्रिव टर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड के खातों में एक-दूसरे के माध्यम से बड़ी मात्रा में रुपयों के लेन-देन हुए हैं।

    एसीबी ने जांच में पाया है कि विनय चौबे के साले शिपिज त्रिवेदी व शिपिज की पत्नी प्रियंका त्रिवेदी के पीएनबी मेन रोड शाखा स्थित खाते में 2011 से 2014 के बीच कई बार लाखों रुपये के लेन-देन हुए हैं। लेन-देन नकदी में भी होने के सबूत एसीबी को मिले हैं।