Land Scam Case: ईडी की जांच में बड़ा खुलासा, कमलेश कुमार के खिलाफ मिले 85.53 करोड़ की जमीन की हेराफेरी के सबूत
झारखंड में जमीन घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी के अनुसार जमीन माफिया कमलेश कुमार ने 2020 से 2024 के बीच 85.53 करोड़ रुपये की जमीन की हेराफेरी की है। ईडी ने कोर्ट को इससे संबंधित सबूत भी दिए हैं। कमलेश कुमार के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है।

राज्य ब्यूरो, रांची। रांची में जमीन घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने जमीन माफिया कमलेश कुमार को 26 जुलाई को गिरफ्तार किया था। वह 13 अगस्त से न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है।
ईडी ने रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में अद्यतन जानकारी दी है कि जमीन माफिया कमलेश कुमार ने 2020 से 2024 के बीच 85.53 करोड़ रुपये की जमीन की हेराफेरी की है।
ईडी ने कोर्ट को इससे संबंधित सबूत भी दिया है। ईडी ने इस प्रकरण में कमलेश कुमार सहित छह के विरुद्ध सितंबर महीने में पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
जिनके विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई थी उनमें कमलेश कुमार के अलावा धनबाद के डीटीओ सह कांके के पूर्व अंचलाधिकारी दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, काके के अंचलाधिकारी जय कुमार राम, जमीन दलाल अमरेंद्र कुमार दुबे व अन्य निजी सहयोगी अरविंद कुमार साहू तथा रेखा देवी शामिल हैं।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि है कि कमलेश कुमार ने अपने इन सहयोगियों की मदद से फर्जी नीलामी पेपर, जमीन के फर्जी कागजात तैयार किया और उसके आधार पर बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-बिक्री की।
अपराध की आय सभी आरोपितों में बंटे। जो जमीन बिक्री योग्य नहीं थे, उसे भी बिक्री योग्य बनाने में अंचलाधिकारी व अंचलकर्मियों का सहयोग लिया।
कमलेश कुमार के विरुद्ध इस मामले में मिले सबूत
ईडी ने कोर्ट में प्रस्तुत सबूत में जानकारी दी है कि उसने परसू साहू के नाम पर कांके अंचल के चामा मौजा में 38.87996 एकड़ जमीन के लिए नीलामी केस संख्या 77/1938-39 से संबंधित कागजात तैयार किया। इसके एवज में 46.1 करोड़ रुपये का अपराध किया।
कांके के चामा मौजा में ही उसने 11.43 एकड़ जमीन के लिए महावीर साहू के नाम पर नीलामी केस संख्या 819/1935-36 से संबंधित कागजात तैयार किया। इसमें 14.73 करोड़ रुपये का अपराध किया।
इसी मौजा में 15.7 एकड़ जमीन के लिए दुखन साहू के नाम पर नीलामी केस संख्या 898/1937-38 से संबंधित कागजात तैयार कर 24.33 करोड़ रुपये का अपराध किया।
इन सबके अलावा कमलेश ने जमीन दलाल व अपने सहयोगी अमरेंद्र कुमार दुबे के साथ मिलीभगत कर 45 लाख 85 हजार रुपये के अपराध की आय से अर्जित की।
इस प्रकार उसने 2020 से 2024 के बीच कम से कम करीब 85 करोड़ 53 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति के रूप में अपराध की आय अर्जित की। इसमें उसे अमरेंद्र कुमार दुबे के अलावा दो अंचलाधिकारियों जय कुमार राम व दिवाकर द्विवेदी ने सहयोग किया।
दो साल में कमलेश व अरविंद साहू के बीच 353 बार बातचीत के सबूत
- ईडी ने कमलेश कुमार के मोबाइल का सीडीआर निकाला गया। इसमें दो जुलाई 2022 से 25 जुलाई 2024 के बीच 353 बार कमलेश कुमार व अरविंद कुमार साहू के बीच बातचीत के सबूत मिले।
- वहीं, 15 अक्टूबर 2022 से 16 जून 2024 के बीच कमलेश कुमार व अमरेंद्र कुमार दुबे के बीच 30 बार बातचीत के सबूत मिले हैं। कमलेश के मोबाइल में वाट्सएप चैट मिले जो दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, अरविंद कुमार साहू व अमरेंद्र दुबे के बीच हुए थे।
दूसरे का खाता यूज कर रहा था कमलेश, 4.87 करोड़ का लेन-देन
ईडी ने कमलेश कुमार के सहयोगी अरविंद कुमार साहू के एचडीएफसी बैंक खाता नंबर 50200062512053 का विश्लेषण किया। यह खाता सात दिसंबर 2021 को खुला था।
इस खाते में आठ जुलाई 2024 तक चार करोड़ 87 लाख 61 हजार 996 रुपये जमा हुए थे और चार करोड़ 86 लाख 52 हजार 809 रुपये निकले थे।
अरविंद साहू ने ईडी को बताया कि सभी लेन-देन कमलेश कुमार ने किया था। उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं। अनुसंधान के क्रम में आरोपित तत्कालीन कांके अंचलाधिकारी दिवाकर प्रसाद द्विवेदी ने स्वीकारा कि उन्होंने कमलेश कुमार को 43 एकड़ जमीन कब्जा करने में सहयोग किया।
इसके एवज में कमलेश कुमार ने 3.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसमें 20 लाख रुपये पहली किस्त के रूप में नकदी में किया था। यह भुगतान जिला उप निबंधक रांची राहुल चौबे के हरिहर सिंह रोड मोरहाबादी स्थित आवास पर किया गया था।
इसके बाद दूसरी किस्त के रूप में 60 लाख रुपये का भुगतान भी दिवाकर प्रसाद द्विवेदी को राहुल चौबे के फ्लैट के समीप ही किया गया था। राहुल चौबे ने भी अपने बयान में इसका खुलासा किया था।
तीसरी किस्त के रूप में 1.5 करोड़ रुपये रिंग रोड के समीप व चौथी किस्त में भी 1.5 करोड़ रुपये कमलेश कुमार ने भुगतान किया था। पूछताछ में इसकी पुष्टि हो चुकी है। मोबाइल में रुपये देते तस्वीर भी कैद मिली।
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