झारखंड में बेखौफ भू-माफिया: सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की जमीन पर हुआ कब्जा, हाईकोर्ट ने प्रशासन को लगाई फटकार
झारखंड में जमीन माफिया बेखौफ हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की जमीन हड़पने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एमवाई इकबाल की जमीन पर हुए अवैध कब्जे पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बुधवार को सुनवाई की। मामले पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट की अदालत ने एसएसपी रांची को निजी तौर पर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची: जमीन माफियाओं द्वारा दूसरे की भूमि पर जबरन अवैध कब्जा करने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एमवाई इकबाल की भूमि पर दिनदहाड़े दलालों के जबरन कब्जा करने के प्रयास की खबर पर संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, रांची के एसएसपी और लोअर बाजार थाना प्रभारी को प्रतिवादी बनाया है।
इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को चीफ जस्टिस के निर्देश पर सक्षम अदालत में होगी। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य बाहरी ताकतें भी हैं, जो ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं और असामाजिक तत्वों और भूमि पर कब्जा करने वालों को बचा रही हैं।
आम आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल राज्य का कानूनी कर्तव्य है बल्कि संवैधानिक दायित्व भी है। यदि नागरिकों को ऐसे माहौल में रहने के लिए मजबूर किया जाता है, जहां उन्हें संपत्ति के नुकसान की आशंका होगी; तो यह कानून के शासन के अंत की शुरुआत होगी।
एसएसपी से मांगी रांची जिले के मामलों की जानकारी
अदालत ने रांची के एसएसपी को निजी तौर पर शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। एसएसपी को रांची जिले में भूमि पर अवैध कब्जा से संबंधित सभी केस का ब्योरा देने का निर्देश दिया है। शिकायतों की वर्तमान स्थिति और इस पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
एसएसपी को अपने शपथपत्र में भूमि दलालों के गिरोह पर की गई कार्रवाई, गिरफ्तारी और इसके पीछे शामिल लोगों की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।
गृह सचिव से मांगी छह माह की बैठकों का ब्योरा
हाईकोर्ट ने राज्य के गृह सचिव को पिछले छह माह में किए गए मासिक बैठक की जानकारी देने को कहा है। इन बैठकों में राज्य की विधि व्यवस्था और आम लोगों की सुरक्षा को लेकर दिए गए निर्देश के बाद हुई कार्रवाई से अवगत कराने को कहा गया है।
अदालत ने भूमि पर अवैध कब्जा के मामलों को लेकर हुई चर्चा और रोकथाम के लिए उठाए गए कदम की जानकारी, बैठक की कार्यवाही की प्रति भी देने का निर्देश दिया है।
एडीजी आरके मल्लिक को जांच करने का निर्देश
अदालत ने एडीजी आरके मल्लिक को जस्टिस एमवाई इकबाल की भूमि पर कब्जे की घटना की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। रिपोर्ट में यह बताने को कहा गया है कि इस मामले में प्रथम दृष्टया इस घटना में कौन लोग शामिल हैं। यह घटना पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई है या नहीं। एडीजी आरके मल्लिक को इसकी जांच कर सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश अदालत ने दिया।
अदालत ने सभी संबंधित पुलिसकर्मियों को एडीजी आरके मल्लिक को सहयोग करने का निर्देश दिया है। इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए अधिवक्ता अतनु बनर्जी को न्याय मित्र नियुक्त किया गया है। मामले में सरकार का पक्ष महाधिवक्ता को रखने का निर्देश अदालत ने दिया है।