हत्या की जताई थी आशंका, पांच महीने के भीतर सड़क हादसे में मौत; अब बेटा लड़ रहा जमीन की लड़ाई
रामगढ़ के छत्तरमांडू में लालमोहन सिंह ने जमीन विवाद में हत्या की आशंका जताई थी जिसके बाद संदिग्ध परिस्थिति में उनकी मौत हो गई। उनके पुत्र सुमित कुमार सिंह ने भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब अपर मुख्य सचिव ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सुमित ने बताया कि 11 एकड़ से अधिक जमीन का विवाद है और उसे भी धमकी मिल रही है।

राज्य ब्यूरो, रांची। रामगढ़ जिले के छत्तरमांडू निवासी लालमोहन सिंह ने पैतृक जमीन विवाद में हत्या की आशंका जताते हुए 18 अक्टूबर 2024 को रामगढ़ के उपायुक्त को आवेदन दिया था।
उनके आवेदन पर विचार तो नहीं हुआ, इसी बीच 13 मार्च 2025 को सड़क दुर्घटना में लालमोहन सिंह की मौत हो गई। महज पांच महीने के भीतर सड़क दुर्घटना में हुई लालमोहन सिंह की मौत को स्वजन संदिग्ध मान रहे हैं और हत्या की आशंका जता रहे हैं।
इतना ही नहीं, जिस जमीन को लेकर लालमोहन सिंह ने हत्या की आशंका जताई थी, अब उस जमीन की लड़ाई उनका पुत्र 21 साल का सुमित कुमार सिंह लड़ रहा है। उसने रामगढ़ के एसपी व थानेदार को भी आवेदन दिया, लेकिन उसपर कार्रवाई नहीं हुई तो उसने रामगढ़ के डीसी से भी शिकायत की।
अपर मुख्य सचिव ने जांच के दिए आदेश
आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मुख्य सचिव अलका तिवारी व मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने रामगढ़ के डीसी को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है।
सुमित ने अधिकारियों को दिए गए आवेदन में बताया है कि रामगढ़ के छत्तरमांडू में 11 एकड़ 36.33 डिसमिल खतियानी भूमि है। उक्त जमीन दादा-परदादा अयोध्या सिंह व जयनंदन सिंह वगैरह के नाम पर दर्ज है।
पूर्वजों की मृत्यु के बाद बिना बंटवारा के ही गोतिया रिश्तेदार उक्त जमीन बेच दिए हैं। इस संदर्भ में बात करने पर उसके साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं और गालियां भी देते हैं।
सुमित के अनुसार विरोध करने पर उसे उसके रिश्तेदारों ने धमकी दी है कि जिस तरह उसके पिता की मौत हुई, उसी तरह उसका भी अंजाम होगा। अब गंभीरता से जांच के बाद ही उक्त जमीन से संबंधित स्थिति स्पष्ट होगी।
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