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    Lalu Yadav News: जान‍िए, राजद सुप्रीमो लालू यादव कब-कब भेजे गए जेल...सीबीआइ कोर्ट ने कब-कब सुनाई क‍ितने द‍िनों की सजा

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Mon, 21 Feb 2022 03:15 PM (IST)

    Lalu Prasad Yadav News ब‍िहार-झारखंड में हुए चारा घोटाला की कहानी एक समय हर क‍िसी की जुबान पर थी। कहानी सुनने वाले बच्‍चे अब जवान हो चुके हैं। ऐसे में यह जानना बेहद द‍िलचस्‍प है क‍ि इस घोटाले में राजद सुप्रीमो को कब कब जेल यात्रा करनी पड़ी।

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    Lalu Prasad Yadav Convicted: मुख्‍यमंत्री रहे लालू यादव को चारा घोटाला में कब कब जेल यात्रा करनी पड़ी।

    रांची, ड‍िज‍िटल डेस्‍क। चारा घोटाला ब‍िहार-झारखंड का ऐसा मामला रहा है, ज‍िसने ब‍िहार की खूब बदनामी कराई। एक से बढ़कर एक करतूतों को अंजाम द‍िया गया था। लालू यादव का स‍ियासी कर‍ियर इसने तबाह कर द‍िया। न केवल उन्‍हें बार बार जेल की यात्रा करनी पड़ी, बल्‍क‍ि कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ा। संसद की सदस्‍यता तक उनकी खत्‍म हो गई। अब डोरंडा कोषागार मामले में उन्‍हें पांच वर्ष की सजा हुई है। उन पर कोर्ट ने 60 लाख रुपया जुर्माना भी लगाया है। रांची से संबंध‍ित इस मामले ने लालू को पुन: सुर्ख‍ियों में ला द‍िया है। आइए, जानते हैं चारा घोटाला मामले में कब कब लालू यादव को जेल की हवा खानी पड़ी।

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    चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद को सत्ता से हटने के मात्र पांच दिन बाद ही लालू प्रसाद को पहली बार जेल जाना पड़ा। 25 जुलाई 1996 को उनके खिलाफ पटना के विशेष न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट जारी होते ही लालू को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोडऩी पड़ी थी। इसके बाद लालू ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी। उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई तक लालू की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। 29 जुलाई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लालू की याचिका खारिज कर दी। उसके बाद 30 जुलाई को लालू यादव ने विशेष अदालत में सरेंडर किया और जेल गए।

    चारा घोटाला और लालू से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियां

    • 11 मार्च 1996- पटना हाई कोर्ट ने चारा घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश दिया
    • 19 मार्च 1996- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से सीबीआइ जांच की मान‍िटर‍िंंग करने को कहा।
    • 06 जनवरी 1997- सीबीआइ ने उस समय के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से पहली बार साढ़े छह घंटे तक पूछताछ की।
    • 10 मई 1997- सीबीआइ ने सरकार से लालू समेत अन्य के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी मांगी
    • 17 जून 1997- अभियोजन चलाने की मंजूरी मिली
    • 23 जून 1997- आरसी 20 ए में लालू समेत 56 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
    • 24 जुलाई 1997- पटना हाई कोर्ट ने लालू की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किया
    • 25 जुलाई-1997- विशेष न्यायाधीश एसके लाल की अदालत से वारंट जारी, लालू का सीएम पद से इस्तीफा
    • 30 जुलाई 1997- लालू का सरेंडर, भेजे गए जेल
    • 30 अगस्त 1997- सीबीआइ ने लालू के खिलाफ 64 ए में आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी
    • 29 अक्टूबर 1997- 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं होने के कारण आरसी 38 और 47 में जमानत
    • 11 दिसंबर 1997- 134 दिन जेल में रहने के बाद रिहा हुए लालू
    • 12 मई 1998- तत्कालीन राज्यपाल एसएस भंडारी ने 64 ए में लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी
    • 19 अगस्त 1998- आय से अधिक संपत्ति मामले पांच में प्राथमिकी दर्ज
    • 21 अगस्त 1998- लालू के विभिन्न ठिकानों पर सीबीआइ का छापा
    • 21 अक्टूबर 1998- डीए केस में पूछताछ
    • 28 अक्टूबर 1998- लालू का सरेंडर, भेजे गए जेल
    • आठ जनवरी 1999- 73 दिन जेल में रहने के बाद रिहा
    • 20-27 मई 1999- तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ
    • 08 मार्च 2000- तत्कालीन राज्यपाल विनोद चंद्र पांडेय ने पांच ए में मुकदमा चलाने की अनुमति दी
    • 04 अप्रैल 2000- डीए केस में लालू राबड़ी पर आरोप पत्र दाखिल, गिरफ्तारी वारंट जारी
    • 26 नवंबर तक रांची के कोर्ट में सरेंडर करने का दिया निर्देश
    • 26 नवंबर 2001- लालू का रांची न्यायालय में सरेंडर कैंप जेल में रहे
    • 23 जनवरी 2002- 59 दिनों के बाद विशेष न्यायालय से जमानत, रिहा
    • 18 सितंबर 2006- लालू और राबड़ी डीए केस में आरोप मुक्त
    • 01 मार्च 2012- लालू समेत 31 के खिलाफ 63 ए में आरोप पत्र दाखिल
    • 13 अगस्त 2013- आरसी 20 ए की सुनवाई कर रहे जज को बदलने की मांग सुप्रीम कोर्ट में खारिज
    • 17 सितंबर-2013- सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी
    • 30 सितंबर 2013- लालू समेत 45 दोषी करार
    • 03 अक्टूबर 2013- वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए सजा की अवधि पर फैसला
    • दिसंबर, 2013- सुप्रीम कोर्ट ने लालू को जमानत दी।
    • मई, 2017 - सुप्रीम कोर्ट के आठ मई के आदेश के बाद सुनवाई दोबारा शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उनके खिलाफ अलग से मुकदमा चलाने को कहा।
    • 23 दिसंबर, 2017 - सीबीआइ की विशेष अदालत ने लालू और 15 अन्य को दोषी करार दिया।
    • 06 जनवरी, 2018 - सीबीआइ की विशेष अदालत ने साढ़े तीन साल की सुनाई सजा।
    • 24 जनवरी 2018 - सीबीआइ कोर्ट से चारा कांड संख्या आरसी 68ए/96 मे दोषी पाकर पांच साल कैद की सजा सुनाई
    • 19 मार्च 2018 - सीबीआइ कोर्ट ने चारा कांड संख्या आरसी 38ए/96 में दोषी ठहराया।
    • 24 मार्च 2018 - दुमका ट्रेजरी मामले में लालू प्रसाद को दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा। लेकिन दोनों सजाएं अलग-अलग चलेगी। अर्थात 14 साल की सजा हुई।
    • 11 मई 2018 - लालू को तीनों मामलों में औपबंधिक जमानत
    • 30 अगस्त 2018 - लालू ने किया सरेंडर
    • 09 अक्टूबर 2020 - लालू को चाईबासा कोषागार मामले में जमानत मिली।
    • 17 अप्रैल 2021 - मिली जमानत, तीन साल चार महीने बाद राहत की सास ली।
    • 30 अप्रैल 2021 - अधिवक्ताओं के कार्य नहीं करने से जेल से निकलने में लगा समय।
    • 15 फरवरी 2022 - डोरंडा कोषागार मामले में लालू दोषी करार, भेजे गए जेल।
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    1996 के चारा घोटाला मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर जब पहला अभियोग पत्र दायर हुआ, तब केंद्र में भाजपा नहीं, कांग्रेस के समर्थन वाली देवगौड़ा सरकार थी। जब लालू प्रसाद को इस मामले में पहली बार सजा हुई, तब भी भाजपा नहीं, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी। अदालत और जज किसी दल के नहीं होते, फिर भी राजद एक झूठ को बार-बार बोलता रहा।
    - Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 21 Feb 2022