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    Jharkhand Government: लाह से किसानों में आएगी समृद्धि, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दिखाया नया रास्ता

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 07:45 PM (IST)

    राज्य की कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने 191 किसानों को लाह उत्पादन के टूल किट्स प्रदान किए। मंत्री ने कहा कि लाह की खेती न केवल खेतों बल्कि पेड़ों के सहारे भी किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बना सकती है। झारखंड देश का सबसे बड़ा लाह उत्पादक राज्य है और इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।

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    लापुंग में राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने 191 किसानों को लाह टूल किट्स दिए।

    राज्य ब्यूरो, रांची । रांची के लापुंग प्रखंड के मालगो लैंप्स क्षेत्र के रायटोली में सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ (सिद्धको फेड) के तत्वावधान में एक दिवसीय लाह खेती प्रशिक्षण और टूल किट्स वितरण कार्यक्रम रविवार को आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने 191 किसानों को लाह उत्पादन का प्रशिक्षण और टूल किट्स प्रदान किए। 

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    इनमें पांच किलो लाह बीज, कटाई उपकरण और सुरक्षा उपकरण शामिल हैं। किसानों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि लाह की खेती न केवल खेतों, बल्कि पेड़ों के सहारे भी किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बना सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि झारखंड देश का सबसे बड़ा लाह उत्पादक राज्य है और इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं।

    एक पेड़ से 25 किलो तक लाह का उत्पादन संभव है, जिससे किसान बच्चों की शिक्षा और परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। लाह की बढ़ती मांग देश-विदेश में इसे मूल्यवान बनाती है, जो कास्मेटिक्स और दवा उद्योगों में उपयोगी है।

    सिद्धको फेड के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि संगठन का लक्ष्य 10 हजार किसानों को लाह खेती का प्रशिक्षण देना है। लाह को कृषि का दर्जा मिलने से उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है। कम मेहनत में अधिक मुनाफा देने वाला यह उत्पाद पलायन रोकने में भी कारगर है।

    सिद्धको फेड वनोपज को बढ़ावा देने और उचित बाजार मूल्य सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। कार्यक्रम में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और लाह बीज प्राप्त होते ही पेड़ों पर इनका उपयोग शुरू कर दिया।

    खूंटी और लातेहार जैसे क्षेत्रों की भौगोलिक समानता का हवाला देते हुए मंत्री ने लाह की खेती को समृद्धि का नया रास्ता बताया। इस मौके पर आइआइएनआरजी के वैज्ञानिक डीके सिंह, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष जयंत बारला, सुदामा महली, देवती देवी, चैतन्य गंझु, सुरेश कुमार, विश्वनाथ मुंडा और सरोज मुंडा उपस्थित थे।