Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिनेवा में मानवाधिकारों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे पूर्व विधायक कुणाल सारंगी, झारखंड के लिए गर्व की बात

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:46 PM (IST)

    पूर्व विधायक कुणाल सारंगी जिनेवा में यूएन बिजनेस एंड ह्यूमन राइट्स फोरम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। वे मानवाधिकारों पर भारत का पक्ष रखेंगे और देश के दृष्टिकोण को स्पष्ट करेंगे। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां, वे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने देश की छवि को मजबूत करेंगे।

    Hero Image

    मानवाधिकारों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे पूर्व विधायक कुणाल सारंगी। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता एवं बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिष्ठित यूएन बिजनेस एंड ह्यूमन राइट्स फोरम - 2025 में व्यवसाय और मानवाधिकार के बीच के संतुलन विषय पर बात रखने के लिए मौका मिला है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इस वर्ष 24 नवंबर से 26 नवंबर तक संयुक्त राष्ट्र कार्यालय, जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में आयोजित होगा। यह फोरम विश्व स्तर पर व्यवसाय और मानवाधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में काम करता है।

    इसमें विश्वभर के नेता, नीति निर्माता, उद्योग प्रतिनिधि और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसके पहले भी कई बार विभिन्न अंतरराष्ट्रीय फोरम पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके कुणाल सारंगी नीतिगत सुधार, सुशासन और सामाजिक प्रभाव के क्षेत्र में अपनी अच्छी समझ रखते हैं।

    वे झारखंड से अमेरिकी सरकार के प्रतिष्ठित आईवीएलपी कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले पहले राजनीतिज्ञ हैं। कुणाल टेडएक्स स्पीकर और सामाजिक संस्था नाम्या स्माइल फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं।

    कुणाल ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऐसी नीतियों की हमेशा वकालत करते हैं, जो झारखंड के जनजातीय और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए टिकाऊ और समावेशी विकास सुनिश्चित करती हैं।

    उनकी कोशिश होगी कि वे इस मंच के माध्यम से झारखंड के आदिवासी और वंचित समुदायों की आवाज को विश्व पटल पर रखेंगे ताकि आर्थिक विकास मानवाधिकारों और सतत नीति सिद्धांतों के अनुरूप हो, जो दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच का प्रतिबिंब है।