जानें कौन हैं झारखंड की संगीता, जिन्होंने खाई है भारत को ओलंपिक में हॉकी की विजेता बनाने की कसम
संगीता कुमारी जिले के केरसई प्रखंड अंतर्गत करंगागुड़ी नवाटोली गांव की रहने वाली हैं। उनके माता-पिता लखमनी देवी एवं रंजीत मांझी आज भी सीमित क्षेत्र में खेती कर परिवार का किसी तरह गुजर-बसर करते हैं। संगीता के जज्बे को आज लोग सलाम कर रहे हैं।

सिमडेगा, जासं। जिले से सलीमा के बाद अब संगीता भी हाकी ओलिंपियन बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने भुवनेश्वर में पिछले 27 फरवरी को स्पेन के विरुद्ध आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हाकी मैच में पहला गोल कर अपने मजबूत इरादा जता दिया है। संगीता के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पहला मैच है। उन्होंने इस मैच में फील्ड गोल कर अपनी टीम को बढ़त दिलाने में कामयाबी हासिल की। हालांकि यह मैच भारत के हाथ निकल गया। लेकिन संगीता ने अपना संकल्प जताया है कि अगले ओलिंपिक में भारत के लिए मेडल लाएगी।
खेती कर गुजर बसर कर रहे हैं माता-पिता
बतादें कि संगीता कुमारी जिले के केरसई प्रखंड अंतर्गत करंगागुड़ी नवाटोली गांव की रहने वाली हैं। उनके माता-पिता लखमनी देवी एवं रंजीत मांझी आज भी सीमित क्षेत्र में खेती कर परिवार का किसी तरह गुजर-बसर करते हैं। संगीता गांव के मैदान एवं स्कूल से हाकी सीखकर इस मुकाम तक पहुंची है। वर्ष 2016 अक्टूबर में जूनियर इंडिया टीम में संगीता का पदार्पण सलीमा टेटे (ओलिंपियन) के साथ ही हुआ था। वहीं उसी वर्ष दिसंबर में अंडर 18 एशिया कप के जरिए संगीता का चयन हुआ। जिसमें भारतीय टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था।
कई उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं संगीता
उस प्रतियोगिता में भारत के नाम 14 गोल थे। जिसमें संगीता ने हैट्रिक लगाते हुए 8 गोल की थी। इसके बाद 2018 में यूथ ओलिंपिक के ठीक पहले संगीता के पैर में सर्जरी हुआ। इसके बाद यह दौर संगीता के लिए काफी कठिन रहा। वह पूरी अवधि रेस्ट में बिताई। इसके बाद उन्होंने खेलो इंडिया प्रतियोगिता में झारखंड टीम मे पुनर्वापसी करते हुए अपनी टीम को उप विजेता बनाई। 2020 में कोविड के कारण प्रशिक्षण केंद्र बंद हुए तो संगीता ने घर में रहकर ही किसी तरह अपने को फिट रखते हुए अभ्यास को जारी रखा। पुन: 2021 में चिल्ली दौरे के क्रम में जूनियर इंडिया टीम का प्रतिनिधित्व किया और 4 गोल अपने नाम की।
स्पेन के विरूद्ध की दमदार प्रदर्शन
हाल ही में स्थगित हुई जूनियर वर्ल्ड कप के लिए भी भारतीय टीम में संगीता का चयन हुआ था। इसके बाद संगीता सीनियर राष्ट्रीय कैंप में गई, वहां से उसका चयन सीनियर राष्ट्रीय महिला टीम में हुआ और वह भुवनेश्वर में स्पेन के विरुद्ध दमदार प्रदर्शन की। संगीता की प्रतिभा को रेलवे ने भी पहचाना और वह फिलहाल रांची रेलवे में कार्यरत है। संगीता एक उम्दा हाकी खिलाड़ी के साथ-साथ उदार भी है। उन्होंने वेतन के पहले पैसे से गांव के हाकी खिलाड़ियों के लिए स्टिक एवं बुजुर्गों के लिए कपड़े खरीदे थे। जिसके लिए उसकी खूब प्रशंसा हुई थी। संगीता ने कहा है, उसका एक ही सपना है कि भारत को ओलिंपिक में पदक दिलाना। इससे लिए वह खूब मेहनत करेगी।
भावी ओलिंपियन है संगीता
हाकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने कहा कि संगीता शुरू से ही मेहनती खिलाड़ी रही है। वह भविष्य की ओलिंपियन है। उसने कहा कि विपरीत स्थिति में संगीता अपने पक्ष में रिजल्ट लाने की माद्दा रखती है। उसमें जुझारूपन झलकता है।
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