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झारखंड सीएम का काफिला रोकने के मुख्य आरोपी की समर्पण से रिमांड तक की पूरी कहानी, जानें कौन है भैरव सिंह

Bhairav Singh Surrender 4 जनवरी को सीएम का काफिला रोकने और उपद्रव का मुख्य आरोपित भैरव सिंह कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुंचे लेकिन पुलिस हिरासत में लेना चाहती थी। इस क्रम में एएसपी से अधिवक्ताओं की तीखी नोकझोंक हुई। हंगामे की सूचना पर बार एसोसिएशन के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 10:27 AM (IST)
झारखंड सीएम का काफिला रोकने के मुख्य आरोपी की समर्पण से रिमांड तक की पूरी कहानी, जानें कौन है भैरव सिंह
Bhairav Singh Surrender: सीएम के काफिले को रोकने और उपद्रव का मुख्य आरोपित भैरव सिंह। फाइल फोटो

रांची, जासं। Bhairav Singh Surrendered हाइ वाेल्टेज ड्रामे के बीच गुरुवार को सीएम के काफिले को रोकने और उपद्रव के मुख्य आरोपित भैरव सिंह न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। रांची पुलिस को चकमा देते हुए भैरव सिंह अपने सहयोगियों और अधिवक्ताओं के साथ कोर्ट पहुंचे। जैसे ही भैरव सिंह के कोर्ट पहुंचने की सूचना मिली कोतवाली एएसपी दल बल के साथ कोर्ट पहुंचे आरोपित को हिरासत में लेने की कोशिश की। कोर्ट रूम पहुंचने के बाद आरोपित की गिरफ्तारी के प्रयास का अधिवक्ताओं ने कड़ा एतराज जताया। इस दौरान हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। बार एसोसिएशन के सचिव कुंदन प्रकाशन, संयुक्त कोषाध्यक्ष अभिषेक भारती सहित कई अधिवक्ता कोर्ट के गैलरी में इकट्ठा हो गए।

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पुलिस और अधिवक्ताओं में हल्की नोक-झोंक भी हुई। अधिवक्ताओं के विरोध को देखते हुए पुलिस को अपने पांव पीछे करने पड़े। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट ने भैरव सिंह को 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। दोपहर बाद सुखदेवनगर थाना पुलिस ने आवेदन देकर पूछताछ के लिए आरोपित को 14 दिनों का रिमांड देने की मांग की। कोर्ट ने पुलिस को सात दिनों के सर्शत रिमांड की अनुमति प्रदान की। शाम में भैरव सिंह को कोर्ट हाजत से होटवार जेल भेज दिया गया।

बचाव पक्ष की ओर से केस की पैरवी

बता दें कि बीते चार जनवरी को सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज में भैरव सिंह एवं उसके साथी ओरमांझी में सिर कटा शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान सीएम हेमंत सोरेन सचिवालय से आवास जा रहे थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान उनका काफिला रुक गया। पुलिस ने जब उपद्रवियों को हटाने की कोशिश की तो झड़प हो गई जिसमें यातायात थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह बुरी तरह घायल हो गए।

इस मामले में भैरव सिंह सहित 74 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। चार महिलाएं सहित अबतक 27 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। एक कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं जिसे खेलगांव कैंप जेल में रखा गया है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। 

भैरव को आज रिमांड पर लेगी पुलिस

सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि पूछताछ के लिए भैरव सिंह का रिमांड आवश्यक था। कोर्ट ने पुलिस का आवेदन स्वीकार कर ली है। पुलिस आज आरोपित को रिमांड पर लेगी। रिमांड के दौरान घटना को लेकर पूछताछ की जाएगी। यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर साजिश के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं। 

11.40 में आत्मसमर्पण करने कोर्ट पहुंचा भैरव

भैरव सिंह 11.40 बजे आत्मसर्मपण करने कोर्ट पहुंचा जबकि 11.55 बजे एएसपी मुकेश कुमार आरोपित को खोजते-खोजते कोर्ट रूम पहुंचे। वहीं, 1.45 बजे के बाद सरेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोर्ट हाजत की पुलिस कोर्ट रूम से भैरव सिंह को ले गए। 

दुष्कर्म व हत्या के विरोध में कर रहा था प्रदर्शन : भैरव

कोर्ट से हाजत ले जाने के दौरान भैरव सिंह ने कहा कि ओरमांझी में हमारी बहन की जघन्य हत्या हुई। यह दृष्य देखकर किस भाई का खून नहीं खौलेगा। हमलोग अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सीएम के काफिला उधर से गुजरने वाली है इसकी जानकारी भी नहीं थी। और न ही हमलोगों ने सीएम के काफिले पर हमला किया। पुलिस दुष्कर्मी को पकड़ने के बजाय आवाज उठाने वालों को झूठे मुकदमे में फंसा रही है। 

रिमांड अवधि के प्रत्येक दिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता और परिजन मिल सकेंगे

सुखदेवगनर थाना के जांच अधिकारी के रिमांड आवेदन पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता किर्ति ने विरोध जताते हुए पुलिस की मंशा पर सवाल उठाया। कहा कि उसके मुवक्किल के साथ पुलिस ज्यादती कर सकती है। केस में कोई दम नहीं है। अत: रिमांड न दिया जाए। कोर्ट ने बचाव पक्ष के रिमांड न देने की दलील को ठुकरा दिया। हालांकि, कोर्ट ने रिमांड अवधि तय कर दी है। कोर्ट के अादेशानुसार पुलिस आरोपित को 11 बजे से शाम चार बजे तक ही पूछताछ कर सकती है। साथ ही, प्रत्येक दिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता और एक परिजन आरोपित से मिल सकते हैं।


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