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    जानें क्या है इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस मोबाइल एप, सड़क दुर्घटना को रोकने में मिलेगी मदद

    By Madhukar KumarEdited By:
    Updated: Sat, 12 Feb 2022 04:23 PM (IST)

    दुर्घटनाओं में नियंत्रण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र और आइआइटी मद्रास के सहयोग से इंटीग्रेटेड रोड एक्सी ...और पढ़ें

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    इस एप के माध्यम से सड़क दुर्घटना के आंकड़ों को आसानी से एप पर अपलोड किया जा सकता है।

    खूंटी, जासं। खूंटी सहित देशभर में सड़क हादसे बढ़े हैं। हादसों के कारण लोग हर साल अपनों को खो देते हैं। सड़क हादसों को कम करने के लिए लगातार प्रयास भी हो रहा है। अब इसमें एक नई कड़ी जुड़ गई है। अब खूंटी ही नहीं देशभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर केंद्र की सीधी नजर रहेगी। इन दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का विश्लेषण कर आवश्यक सुधारात्मक उपाय करने का प्रयास किया जाएगा।

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    दुर्घटना पर नियंत्रण की योजना

    दरअसल दुर्घटनाओं में नियंत्रण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र और आइआइटी मद्रास के सहयोग से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस मोबाइल एप तैयार किया है। खूंटी में एक जनवरी से यह शुरू हो गया है। इसके अलावा झारखंड के अन्य जिलों में भी इस ऐप का इस्तेमाल शुरू कर डाटा अपलोड करने का काम जारी है। आइआरएडी एप के जरिए यह पता चल सकेगा कि सड़क दुर्घटनाएं क्यों हो रही है। किस इलाके में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिले में कितने ब्लैक स्पॉट हैं। ऐसी तमाम जानकारी एप के जरिए डेटाबेस तैयार होकर आइआइटी मद्रास के पास पहुंचेगा। सड़क हादसों का आइआइटी मद्रास के विशेषज्ञ द्वारा विश्लेषण किया जाएगा। उनके सुझाव के आधार पर पीडब्ल्यूडी, एनएनएआइए, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर सड़क का डिजाइन और दूसरी खामियों को दूर करने का काम करेंगे।

    ऑन द स्पॉट होगी इंट्री

    आइआरएडी एप के माध्यम से दुर्घटना स्थल से ही ऑन द स्पॉट इंट्री की जा सकेगी। मौके पर ही एक्सीडेंट का फोटो लेकर उससे जुड़े तथ्य, व्यक्तियों व वाहन आदि की जानकारी भरी जा सकती है। इससे संबंधित ट्रेनिंग सुचना एवं विज्ञान पदाधिकारी रवि रंजन के दिशा निर्देश से डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर प्रेमजीत कुमार सिंह द्वारा खूंटी के थाना व टीओपी के पदाधिकारियों को दी जा रही है। इस संबंध में डिस्ट्रिक्ट रोलआउट मैनेजर प्रेमजीत कुमार सिंह ने बताया की फिल्ड ऑफिसर जैसे ही डिटेल डालेंगे, वह थाना प्रभारी लॉगिन में आ जाएगा, यहां से डीटीओ फिर एमवीआइ लॉगिन में जाएगा।

    एमवीआइ फिल्ड जांच करेंगे

    जैसे ही अपनी रिपोर्ट अपलोड करेंगे फिर से थाना प्रभारी के लॉगिन में चला जाएगा। सभी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होंगी।इलाज में भी होगी आसानीसड़क दुर्घटना होने पर अगर मौके पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही किसी हॉस्पिटल में घायलों को ले जाया जाता है तो फौरन वहां इलाज शुरू हो जाएगा। दरअसल हेल्थ विभाग को भी इससे जोड़ा गया है। सभी पीएचसी और सीएचसी को भी लॉगिन दिया गया है। ये अपने यहां भर्ती मरीज का डिटेल जैसे ही भरेंगे, संबंधित थाना प्रभारी को भी इसकी सूचना हो जाएगी। मतलब अब घायलों को इलाज मिलने में और आसानी होगी। जानकारी के अनुसार घायल का क्या इलाज हो रहा है, कौन-कौन सी दवा दी जा रही है इसका भी डिटेल अपलोड होता रहेगा।