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    15 हजार की भीड़ में घुस मरांडी के बेटे सहित 20 लोगों को मारा था, यहां जानें एक करोड़ के इनामी माओवादी के आपराधिक कारनामें

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 07:03 PM (IST)

    हजारीबाग के जंगल में सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारा गया माओवादी कमांडर तथा एक करोड़ रुपये का इनामी सहदेव सोरेन उर्फ अनुज उर्फ प्रवेश उर्फ अमलेश पर कुल बिहार व झारखंड में कुल 106 कांड दर्ज हैं। सर्वाधिक 76 कांड बिहार के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। झारखंड में कुल 30 मामले दर्ज हैं। इनमें चिलखारी नरसंहार भी है।

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    सहदेव सोरेन के एनकाउंटर में मारे जाने की सूचना के बाद घटना स्थल पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। हजारीबाग के गोरहर थाना क्षेत्र स्थित पातीतीरी जंगल में सोमवार की सुबह सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारा गया माओवादियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य एक करोड़ रुपये का इनामी सहदेव सोरेन उर्फ अनुज उर्फ प्रवेश उर्फ अमलेश पर कुल बिहार व झारखंड में कुल 106 कांड दर्ज हैं।

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    बिहार में दर्ज हैं सर्वाधिक 76 मामले

    सहदेव मूल रूप से हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के भंडेरी का रहने वाला है। इनमें सर्वाधिक 76 कांड बिहार के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। 30 केस झारखंड में दर्ज हैं। 

    इनमें चिलखारी नरसंहार भी है। झारखंड के गिरिडीह जिले के भेलवाघाटी थाना क्षेत्र स्थित चिलखारी में 26 अक्टूबर 2007 की रात पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी व भाई मुनुलाल मरांडी सहित 20 लोगों की हत्या मामले में सहदेव सोरेन भी आरोपित था।

    इस खूनी खेल को बिहार के जमुई व झारखंड के गिरिडीह के माओवादियों के तत्कालीन जोनल कमांडर चिराग के दस्ते ने अंजाम दिया था।

    माओवादियों ने इस घटना को तब अंजाम दिया था, जब आदिवासियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम जतरा के दौरान चल रहे नाच गान के कार्यक्रम में 15 हजार की भीड़ मौके पर मौजूद थी। माआवेादी सहदेव सोरेन के अलावा इस वारदात में एक अन्य माओवादी अरविंद यादव भी शामिल था।

    सहदेव पर बिहार के बांका जिले में वर्ष 2006 में सेखर थाना पर हमला कर हथियार लूटने, वर्ष 2008 में एक जनवरी को मुंगेर जिला स्थित ऋषि कुंड पर्यटन स्थल पर सैप के चार जवानों की हत्या कर उनके हथियारों की लूट, वर्ष 2004-05 में गिरिडीह जिले के पचंबा में होमगार्ड कैंप पर हमला कर 183 रायफल की लूट का भी आरोप है।

    इंटरसिटी ट्रेन में हमला कर पुलिसकर्मियों को किया था शहीद

    उसके दस्ते पर वर्ष 2011 में लखीसराय जिले में पुलिस पार्टी पर हमला का आरोप है, जिसमें करीब 10 पुलिसकर्मी मारे गए थे। माओवादियों ने तब 35 हथियार लूट लिए थे। वर्ष 2013 में 30 नवंबर 2013 को जमालपुर और रतनपुर मुंगेर के बीच इंटरसिटी ट्रेन में हमला कर तीन रेल पुलिसकर्मियों को शहीद करने में भी सहदेव सोरेन की संलिप्तता सामने आई थी।

    10 अप्रैल 2014 को मुंगेर के गंगटा में सहदेव सोरेन दस्ता के माओवादियों के लगाए गए एंबुश में 131 बटालियन के दो जवानों की मौत हो गई थी और 9 जवान जख्मी हुए थे।

    17 सितंबर 2018 को जमुई जिले के पांडेय टीका बरहट में पुलिस मुखबीरी के आरोप में एसएसबी जवान सिकंदर यादव की गोली मारकर हत्या व 23 दिसंबर 2021 को मुंगेर में अजिमगंज पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया परमानंद टुडू की हत्या में भी सहदेव सोरेन की भूमिका सामने आ चुकी है।

    गत 21 अप्रैल को बोकारो जिला अंतर्गत लुगू पहाड़ी पर पुलिस से मुठभेड़ में अरविंद यादव उर्फ अविनाश उर्फ अशोक यादव उर्फ नेताजी भी मारा गया था। वह बिहार के जमुई जिले के सोनो थाना क्षेत्र का रहने वाला था।

    तब उस पर बिहार सरकार ने तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। अरविंद यादव भी पूर्वी बिहार और उत्तर-पूर्व झारखंड में नक्सल संगठन के शीर्ष नेताओं में शामिल था।

    सहदेव सोरेन पर दर्ज मामले

    सहदेव सोरेन पर झारखंड के गिरिडीह स्थित भेलवाघाटी के चिलखारी हत्याकांड में 27 अक्टूबर 2007, इसी थाना क्षेत्र में 26 नवंबर 2013 तथा 23 जनवरी 2015 को हत्या, जानलेवा हमला, आर्म्स एक्ट व यूएपी अधिनियम में मामले दर्ज हुए थे।

    इसी तरह बोकारो के जगेश्वर विहार थाने में भी सहदेव सोरेन पर कुल चार कांड दर्ज हैं। इनमें 31 अगस्त 2019, 15 फरवरी 2024, 26 अप्रैल 2024 तथा 10 अगस्त 2024 दर्ज माओवादियों से संबद्ध मामला शामिल हैं।

    बिहार के इन थानों में सहदेव सोरेन पर दर्ज हैं 76 मामले

    मारे गए एक करोड़ के इनामी सहदेव सोरेन पर बिहार में 76 कांड दर्ज हैं। इनमें बिहार के लखीसराय के कवैया में एक, कजरा में पांच, चानन में पांच, पीरीबाजार में 10, खड़गपुर में तीन, खड़गपुर के शामपुर में एक, लड़ैयाटांड़ में आठ, जमुई में एक, सिमुलतल्ला में एक, सोनो में तीन, सोनो चरकापत्थर में चार, चंद्रमंडी में तीन, चकाई में चार, खैरा में छह व बरहट में 20 कांड दर्ज हैं।

    ये कांड हत्या, जानलेवा हमला, हथियार अधिनियम, माओवादियों से जुड़े 17 सीएलए, यूएपी अधिनियम आदि से संबंधित धाराओं में दर्ज हैं। वर्ष 2009 से 2024 के बीच ये कांड दर्ज हुए हैं।