JSSC ने जारी किया सहायक आचार्य नियुक्ति का संशोधित परिणाम, 2748 अभ्यर्थी सफल, 16653 पद रह गए खाली
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के तहत सामाजिक विज्ञान विषय का संशोधित परिणाम जारी किया है जिसमें 2748 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं। पहले 3033 अभ्यर्थी सफल हुए थे लेकिन संशोधन के बाद 285 कम अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। कुल 26001 पदों में से केवल 9348 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है जिससे 16653 पद खाली रह गए हैं जिनमें अधिकांश पारा शिक्षक श्रेणी के हैं।

राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के तहत सामाजिक विज्ञान विषय का भी परिणाम जारी कर दिया है। इस संशोधित परिणाम में कुल 2748 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं।
इससे पूर्व आयोग द्वारा जारी परिणाम में 3033 अभ्यर्थी सफल हुए थे। इस तरह संशोधित परिणाम में पूर्व के परिणाम की तुलना में 285 अभ्यर्थी कम उत्तीर्ण हुए। आयोग ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश के आलोक में संशोधित परिणाम जारी कियाा।
इससे पहले जारी परिणाम में सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के विरुद्ध जेटेट उत्तीर्ण कई आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को दोहरा आरक्षण का लाभ दे दिया गया था।सामाजिक विज्ञान विषय का संशोधित परिणाम जारी होने के साथ ही सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गई है।
16653 पद रह गए खाली
कुल 26001 पदों के विरुद्ध 9348 अभ्यर्थियों का चयन ही इस परीक्षा के लिए हो सका। इस तरह, 16653 पद रिक्त रह गए। इनमें अधिसंख्य पद पारा शिक्षक श्रेणी के सम्मिलित हैं। बताते चलें कि इस नियुक्ति में 50 प्रतिशत पद समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित किए गए थे।
इससे पहले आयोग ने इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य तथा स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के तहत गणित एवं विज्ञान तथा भाषा विषय का परिणाम जारी किया था। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों को
नियुक्ति पत्र दिया गया है। दुर्गा पूजा के बाद रांची में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है।
कोर्ट के आदेश से प्रभावित होगा परिणाम
सहायक आचार्य नियुक्ति मामले में अभी भी झारखंड उच्च न्यायालय में दो याचिकाओं में सुनवाई चल रही है। आयोग ने कहा है कि न्यायालय द्वारा पारित अंतिम आदेश से उक्त परिणाम में संशोधन हो सकता है। साथ ही आवंटित जिला में भी संशोधन हो सकता है।
साथ ही बिप्लव दत्ता एवं अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मामले में पारित आदेश के आलोक में कतिपय अभ्यर्थियों का परिणाम रिक्ति सहित लंबित रखा गया है। संबंधित मामले में दायर किए जाने वाले अपील याचिका के अंतिम आदेश से भी इस परिणाम में संशोधन हो सकता है।
साथ ही अनिवार्य प्रमाण पत्रों/अभिलेखों की अनुपलब्धता/अस्पष्टता के आलोक में भी कई अभ्यर्थियों का परिणाम में लंबित रखा गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देश पर निर्णय के बाद परिणाम में संशोधन हो सकता है।
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