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    CGL पेपर लीक मामले में विनय साह की गिरफ्तारी के बाद मरांडी ने हेमंत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, झामुमो ने कहा- राजनीतिक नौटंकी

    By Neeraj Ambastha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 01:02 AM (IST)

    भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में भ्रष्टाचार के आरोप में विनय साह की गिरफ्तारी के बाद सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और झामुमो ने इसे राजनीतिक नौटंकी बताया। मरांडी ने सबूतों को मिटाने और जांच में लापरवाही के आरोप लगाए, जबकि झामुमो ने भाजपा पर राजनीतिक साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार पारदर्शी जांच के लिए प्रतिबद्ध है।

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    बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी, सीजीएल परीक्षा में हुए व्यापक भ्रष्टाचार मामले में विनय साह की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा है।

    राज्य ब्यूरो, रांची । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी, सीजीएल परीक्षा में हुए व्यापक भ्रष्टाचार मामले में विनय साह की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा है।
    कहा कि विनय साह की गिरफ्तारी कई गंभीर सवाल खड़ा करती है। जबकि सत्ताधारी दल झामुमो ने इसे राजनीतिक नौटंकी बताया है। 

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    babulal_marandi
    बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जो काम झारखंड पुलिस पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और सरकार के दबाव में नहीं कर पाई, वह काम योगी आदित्यनाथ की यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कर दिखाया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर विनय साह की गिरफ्तारी हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के खत्म होने के बाद ही क्यों हुई?

    पेपर लीक से संबंधित सारे डिजिटल साक्ष्यों को धीरे-धीरे नष्ट करने की साजिश 

    क्या हमारी राज्य पुलिस का खुफिया तंत्र इतना विफल है कि वह आरोपियों को एक साल से पकड़ नहीं पा रहा था? उन्होंने कहा कि इस मामले का मुख्य अभियुक्त अनीश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उन्हें पक्की सूचना मिली है कि पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक मोटी रकम लेकर अनीश की गिरफ्तारी को अब तक टाले रखा, ताकि पेपर लीक से संबंधित सारे डिजिटल साक्ष्यों को धीरे-धीरे नष्ट किया जा सके।

    कहा कि उनके पास यह भी पक्की सूचना है कि जिन छात्रों ने नेपाल, रांची, हजारीबाग, और रांची के मंत्री रेजिडेंसी, नियामतपुर व अन्य जगहों पर प्रश्नों के उत्तर रटे थे, राज्य की सीआइडी टीम उन सभी के स्वीकारोक्ति बयानों को सरकार और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के दबाव में बदल रही है, ताकि कुछ सफेदपोशों को बचाया जा सके।

    कहा कि एक गंभीर सवाल यह भी है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि पेपर लीक की जांच कर रही सीआइडी की पूरी टीम को जांच के दौरान दो बार बदला गया? जिस पर न्यायालय ने सख्त आपत्ति भी जताई थी। कहा कि सवाल यह भी उठता है कि आज तक पेपर लीक में संबंधित एजेंसी और आयोग के अधिकारियों से पूछताछ क्यों नहीं की गई? जबकि आयोग के सदस्यों ने शुरुआत में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छात्रों के सारे सबूतों को ''''एडिटेड'''' बताया था।

    बाबूलाल मरांडी के आरोप बेतुके, कोई प्रमाण नहीं : झामुमो

    झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोपों को बेतुका, तथ्यहीन और राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया है।

    उन्होंने कहा कि भाजपा हर मामले में अपनी राजनीति चमकाने और झारखंड की व्यवस्था पर अविश्वास पैदा करने के लिए झूठ की खेती करती है, जबकि सरकार पारदर्शी जांच के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता चाहते थे कि यह पूरा मामला झारखंड में किसी तरह राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बने, लेकिन उनकी साजिश नहीं चली।

    अब वही लोग उत्तर प्रदेश भागकर अपने आकाओं की शरण में जाकर मनगढ़ंत कहानी गढ़ रहे हैं, ताकि झारखंड की पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया को बदनाम किया जा सके। <br/>भाजपा मामले को हाईजैक कर राजनीतिक रोटी सेकना चाहती है।

    vinod pandey

    उन्होंने कहा कि परीक्षा की जांच राज्य की एजेंसियां बारीकी से कर रही हैं। मरांडी झूठ बोलने से पहले तथ्यों की जांच कर लें। प्रवक्ता पांडेय ने चुनौती देते हुए कहा कि मरांडी यह बताएं कि उनके पास कौन-सा ‘पक्का सबूत’ है कि किसी पूर्व अधिकारी ने मोटी रकम ली या कोई साक्ष्य नष्ट कराया? विनोद पांडेय ने कहा कि जांच टीम में फेरबदल सामान्य प्रक्रिया है।

    लेकिन, भाजपा हर सरकारी प्रक्रिया को तोड़-मरोड़कर यह दिखाना चाहती है कि झारखंड की एजेंसियां सक्षम नहीं हैं। असल में भाजपा को झारखंड की संस्थाओं पर भरोसा ही नहीं। यदि भाजपा को इतनी चिंता है तो पहले यूपी व अन्य भाजपा शासित राज्यों के पेपर लीक पर जवाब दें।

    महासचिव पांडेय ने कहा कि भाजपा के शासन वाले राज्यों—उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान में पेपर लीक की घटनाएं फैक्टरी की तरह चल रही हैं। मरांडी जी पहले अपने घरों में लगी आग बुझाएं, फिर झारखंड को सीख देने आएं।