India Vs South Africa मैच में व्यवस्था पर केंद्राय मंत्री ने कह दी बड़ी बात, कहा-टिकट ब्लैकमैलिंग से करोड़ों की हुई उगाही
रांची में भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच के दौरान टिकटों की कालाबाजारी और कुप्रबंधन के आरोपों ने जेएससीए की छवि को धूमिल किया। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने जेएससीए प्रबंधन पर मनमानी और उगाही का आरोप लगाया। दर्शकों को पानी और खाने जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ा।

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि टिकट ब्लैकमेलिंग और मनमाने तरीके से विज्ञापन अधिकार देकर तीन से पांच करोड़ की उगाही की गई।
राज्य ब्यूरो, रांची। रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने आरोप लगाया है कि भारत- दक्षिण अफ्रीका के बीच वन क्रिकेट मैच में रांची में बड़ी अव्यवस्था देखने को मिला। क्रिकेट प्रेमियों को टिकट नहीं मिली। जबकि टिकट ब्लैकमेलिंग और मनमाने तरीके से विज्ञापन अधिकार देकर तीन से पांच करोड़ की उगाही की गई।
उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद रांची के झारखंड स्टेट क्रिकेट स्टेडियम (जेएससीए) को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच होने वाला एक दिवसीय मुकाबला टिकट ब्लैकमेलिंग, अव्यवस्था और प्रबंधन की मनमानी की भेंट चढ़ गया।
कुल 45 हजार दर्शकों की क्षमता वाले जेएससीए स्टेडियम में काउंटर से टिकट लेने गए लोगों को दो दिन काउंटर से टिकट खरीदने का मौका मिला। इसमें भी प्रीमियम क्लास के टिकट नहीं थे। जबकि रांची, मैक्सलुस्कीगंज से लेकर हजारीबाग और जमशेदपुर तक ब्लैक में टिकट मिल रहे थे।
2200 के टिकट पांच हजार में बेचते तीन लोगों को रांची पुलिस ने गिरफ्तार भी किया। लेकिन जेएससीए प्रबंधन में शामिल किसी व्यक्ति की संलिप्तता के बगैर टिकटों को इतनी किल्लत नहीं हो सकती है। मैच से पूर्व जेएससीए के अध्यक्ष अजयनाथ शाहदेव बीमार हो गए।
उनकी अनुपस्थिति में अन्य पदाधिकारी निर्णय लेते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर टिकटों की कालाबाजारी पर चिंता जताई। रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ भी जेएससीए प्रबंधन की अव्यवस्था की चर्चा करते रहे।
स्टेडियम के भीतर भी भारी अव्यवस्था
मैच देखने गए लोगों को पीने के पानी तक की समस्या झेलनी पड़ी। मेंबर्स पैवेलियन से लेकर दूसरी जगह पर खाने के लिए मारामारी रही। आरोप लगा कि जेएससीए की मौजूदा कमेटी के प्रभावी लोगों ने अपने चहेतों को एक्रीडिएशन देकर वालेंटियर्स बनाया, जिन्हें मैच की व्यवस्था से ज्यादा अपना चेहरा चमकाने की चाहत थी।
टीम इंडिया ने भले मैच जीतकर साउथ अफ्रीका को पानी पिला दिया। लेकिन जेएससीए प्रबंधन ने कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के आरोपों से अपनी छवि ही खराब की।
टिकटों का यह है गणित
जेएससीए स्टेडियम में 45 हजार सीट है। इसें से 10 प्रतिशत सीट पास (कंप्लिमेंटरी) के तौर पर दिया जाता है। करीब 40 हजार सीट पर टिकट बिक्री के लिए उपलब्ध रहता है। इस बार करीब 6500 टिकट आनलाइन बेचे गए। राज्य में 23 जिला क्रिकेट एसोसिएशन हैं। इन्हें 100 टिकट दिए जाते हैं।
धनबाद और जमशेदपुर जैसे एसोसिएशन को 200 से 500 के करीब टिकट मिलता है। इसके अलावा खेल संघ और स्कूलों को टिकट दिए जाते हैं। सब मिलाकर भी करीब 22 हजार टिकट आमलोगों की बिक्री के लिए उपलब्ध रहते हैं।
अब ये टिकट किस आधार पर बांटे गए, इतने आरोपों के बाद भी जेएससीए प्रबंधन इसका हिसाब नहीं दे पाया है। जेएससीए प्रबंधन भी इसपर कुछ नहीं बोल रहा है।

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