Jharkhand News: अब नई नियमावली से होगी तकनीकी शिक्षा निदेशक की नियुक्ति, जेपीएससी ने रद की प्रक्रिया
झारखंड लोक सेवा आयोग ने तकनीकी शिक्षा निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया रद कर दी है। अब यह नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा गठित नई नियमावली के अनुसार होगी। आयोग जल्द ही नए सिरे से विज्ञापन जारी करेगा। नई नियमावली में नियुक्ति तीन साल के लिए होगी और इसके लिए 15 वर्ष का शिक्षण अनुभव अनिवार्य है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग में निदेशक, तकनीकी शिक्षा के पद पर होनेवाली नियुक्ति प्रक्रिया रद कर दी है। अब यह नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा गठित नई नियमावली के तहत की जाएगी। इसके लिए आयोग द्वारा नए सिरे से विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए जाएंगे।
झारखंड लोक सेवा आयोग ने फरवरी-2023 में ही इस एकल पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे, लेकिन दो वर्षों में इस पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी। इस बीच राज्य सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने फरवरी-2024 को नई नियुक्ति नियमावली ''झारखंड तकनीकी शिक्षा नियमावली-2024'' का गठन किया।
इसके बाद विभाग ने आयोग को नई नियमावली के गठन की जानकारी देते हुए इस नियमावली के तहत ही निदेशक के पद पर नियुक्ति की बात कही। इसे लेकर विभाग द्वारा इस वर्ष छह फरवरी को आयोग को पत्र लिखा गया। जेपीएससी को भी विभाग द्वारा पत्र मिलने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया रद करने में तीन माह लग गए।
इससे पहले जेपीएससी ने ''झारखंड तकनीकी शिक्षा संशोधन नियमावली, 2015'' के तहत विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए थे। बताते चलें कि निदेशक, तकनीकी शिक्षा पद के विरुद्ध सीधी नियुक्ति जेपीएससी के माध्यम से होनी है। लंबे समय से इस पद पर स्थायी नियुक्ति नहीं होने से विभाग के किसी पदाधिकारी को प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है।
तीन वर्ष के लिए होगी नियुक्ति
- नई नियमावली के तहत तकनीकी शिक्षा निदेशक के पद पर नियुक्ति तीन वर्ष के लिए होगी। हालांकि विभाग संतोषजनक सेवा पाए जाने पर एक वर्ष का अवधि विस्तार दे सकेगा।
- नई नियमावली में यह भी प्रविधान किया गया है कि इस पद पर नियुक्ति नहीं होने की स्थिति में विभाग संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारी को इस पद की अस्थायी जिम्मेदारी दे सकता है।
15 वर्ष का शिक्षण अनुभव अनिवार्य
नई नियुक्ति नियमावली में निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलोजी में पीएचडी के साथ 15 वर्ष का शिक्षण अनुभव अनिवार्य है। इनमें पांच वर्ष का अनुभव प्राेफेसर या प्राचार्य के रूप में काम करने का होना चाहिए।
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