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    JPSC Exam 2021: हजारों आवेदन रद, यहां देखें एडमिट कार्ड डाउनलोड करने का आसान तरीका @jpsc.gov.in

    By Alok ShahiEdited By:
    Updated: Sat, 11 Sep 2021 10:35 PM (IST)

    JPSC Exam 2021 झारखंड लोक सेवा आयोग की सातवीं सिविल सेवा परीक्षा के हजारों अभ्यर्थियों के आवेदन रद कर दिए गए हैं। जेपीएससी की वेबसाइट पर कारण के साथ आ ...और पढ़ें

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    JPSC Exam 2021: जेपीएससी की सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर को होनी है।

    रांची, राज्य ब्यूरो। JPSC Exam 2021, JPSC Admit Card झारखंड लोक सेवा आयोग ने सातवीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन देनेवाले हजारों अभ्यर्थियों के आवेदन विभिन्न कारणों से रद कर दिए हैं। इन आवेदनों के रजिस्ट्रेशन नंबर आयोग की वेबसाइट jpsc.gov.in पर कारण सहित जारी कर दिए गए हैं। जिन आधार पर आवेदन रद किए गए हैं उनमें अधूरे आवेदन, शुल्क का भुगतान नहीं करना तथा अभ्यर्थियों का निर्धारित आयु सीमा से अधिक उम्र होना शामिल है। बता दें कि जेपीएससी की सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर को होनी है। इस परीक्षा में लगभग साढ़े तीन लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे।

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    झारखंड में एमबीबीएस करने पर यहां देनी होगी तीन साल अनिवार्य सेवा

    झारखंड के मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने पर राज्य में तीन वर्ष अनिवार्य सेवा देनी होगी। विद्यार्थियों को नामांकन के समय इसका बांड भरना होगा। साथ ही राज्य में दस साल (अनिवार्य तीन साल के अतिरिक्त सात साल) तक सेवा देने की सहमति देनेवाले विद्यार्थियों को मेडिकल पीजी कोर्स में आरक्षण मिलेगा। उनके लिए 15 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका प्रस्ताव तैयार करने का आदेश स्वास्थ्य विभाग को दिया है। मुख्यमंत्री 13 सितंबर को इसकी समीक्षा करेंगे।

    10 साल सेवा देने पर पीजी मेडिकल में नामांकन में मिलेगा आरक्षण

    राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने को लेकर यह कवायद की जा रही है। तैयार किए जा रहे प्रस्ताव के अनुसार, एमबीबीएस में दाखिले से पहले अभ्यर्थियों को यह बांड भरना होगा कि एमबीबीएस करने के बाद वे तीन सालों तक राज्य के सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवा देंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें क्षतिपूर्ति मद में सरकार को एक निर्धारित राशि देनी होगी। यह राशि 20 से 30 लाख रुपये तक हो सकती है।

    सीएम हेमंत ने दिया प्रस्‍ताव तैयार करने का आदेश

    बता दें कि राज्य में पहली बार एमबीबीएस कोर्स करनेवाले चिकित्सकों के लिए तीन साल की सेवा अनिवार्य किया जा रहा है। पीजी मेडिकल कोर्स में यह प्रविधान पहले से ही राज्य में लागू है। इसके तहत पीजी में नामांकन से पहले विद्यार्थियों को 30 लाख रुपये का बांड भरना पड़ता है। वर्तमान में राज्य चिकित्सा सेवा में तीन वर्ष से अधिक समय से कार्यरत चिकित्सकों को पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम में नामांकन में 50 फीसद का आरक्षण दिया जा रहा है।

    इसके अलावा पीजी डिग्री एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए मेधा सूची तैयार करते समय राज्य चिकित्सा सेवा अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के बाहर) में कार्यरत चिकित्सकों को न्यूनतम 10 फीसद से अधिकतम 30 फीसद तक का आरक्षण दिया जाता है। राज्य के सरकारी मेडिकल कालेजों में पढ़ाई करनेवाले एमबीबीएस या पीजी के विद्यार्थी बीच में पढ़ाई नहीं छोड़ सकते हैं। इसके लिए नामांकन के समय दोनों पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को क्रमश: 30 तथा 20 लाख रुपये का बांड भरना पड़ता है।

    कहां खड़ी है एंबुलेंस चलेगा पता

    मुख्यमंत्री मोबाइल ऐप आधारित आनलाइन समेकित एंबुलेंस सेवा प्रदान करने की व्यवस्था की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। इस व्यवस्था के तहत ओला आदि की तरह ऐप के माध्यम से एम्बुलेंस की सेवा मिल सकेगी। पास में खड़ी एंबुलेंस की भी जानकारी मिल सकेगी।

    इनकी भी होगी समीक्षा

    जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में 24 गुना सात सेवा देने की कार्य योजना की प्रगति एवं ई अस्पताल कार्यक्रम।- मेडिकल एवं नर्सिंग कालेजों में नामांकन एवं पठन-पाठन की व्यवस्था तथा रिम्स, एमजीएम एवं पीएमसीएच अस्पताल की व्यवस्था को स्टेट ऑफ द आर्ट बनाने की कार्य योजना।- राज्य में ट्रॉमा सेंटर की आवश्यकता एवं उपलब्धता, टेली मेडिसिन एवं मुहल्ला हाट बाजार/ हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर किलनिक की स्थापना एवं संचालन।- रांची के इटकी में विकसित होनेवाली मेडिको सिटी।- राज्य में दो नए फार्मेसी महाविद्यालय खोले जाने हैं। इसपर भी बैठक में चर्चा होगी।