Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मशहूर नागपुरी कलाकार बंटी स‍िंंह का न‍िधन, झालीवुड में डांस से बनाई थी अपनी अलग पहचान

    By Sanjay KumarEdited By:
    Updated: Wed, 02 Feb 2022 02:38 PM (IST)

    Bunty Singh Passes Away मशहूर नागपुरी कलाकार बंटी सिंह सांस लेने में तकलीफ होने के कारण गुरुनानक अस्पताल में भर्ती थे। मंगलवार को बंटी सिंह का निधन हो गया। टीवी शो बूगी-बूगी के साथ कई डांस रियलिटी शो में अपनी हुनर का जलवा दिखा चूके थे।

    Hero Image
    Bunty Singh Passes Away: मशहूर नागपुरी कलाकार बंटी सिंह का निधन

    रांची, जासं। Bunty Singh Passes Away रांची के मशहूर नागपुरी कलाकार बंटी सिंह का मंगलवार को निधन हो गया। झॉलीवुड में अपने डांस पर एक अलग पहचान बनाने वाले युवा कलाकार गुरमीत सिंह झॉलीवुड में बंटी सिंह के नाम से जाने जाते थे। वे दिल के मरीज थे। पिछले एक सप्ताह से तबीयत में असामान्यता महसूस करते हुए, उन्होंने सारी शूटिंग कैंसिल कर रखी थी। 29 जनवरी शनिवार की शाम अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। सांस लेने में तकलीफ होने के कारण गुरुनानक अस्पताल में उन्हें आनन-फानन में गुरुनानक अस्पताल में भर्ती किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हार्ट प्रॉब्लम के कारण हुए ब्रेनस्ट्रोक से उनके सर पर ऐसे हिस्से में ब्लड क्लॉट् कर गया, जिसकी सर्जरी संभव नहीं थी। मेडिसिन से ही उनका इलाज चल रहा था। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ती चली गई। बीते मंगलवार देर शाम तक उनकी हालत काफी खराब हो चुकी थी। 2 फरवरी 2022 को प्रात अस्पताल प्रबंधन एवं उन के परिवार वालों ने उनके मौत की पुष्टि की।

    रांची में झांझर नाम से एक डांस इंस्टिट्यूट चलाते थे बंटी सिंह

    बताते चले कि बंटी सिंह प्लाजा चौक, रांची में झांझर नाम से एक डांस इंस्टिट्यूट चलाते थे। टीवी शो बूगी-बूगी एवं कई ऐसे डांस रियलिटी शो में अपनी हुनर का जलवा दिखाया है। धीरे धीरे उन्होंने नागपुरी एलबम की ओर रुख किया। मांदर बाजेला नागपुरी एल्बम में पहली बार काम किया था। उनकी हिट एल्बम नई नवेली से नागपुरी इंडस्ट्री में उनकी पहचान बनी। नागपुरी फिल्म चिंगारी में कोरियोग्राफर के रूप में काम किया था। इसके बाद वर्ष 2005 में उन्होंने प्यार कर सपना नामक एक नागपुरी फिल्म में भी अभिनय किया।

    बनती सिंह के एलबम के नाम

    मांदर बाजेला, नई नवेली, रेशमी रुमाल, चलती जमाना, पूनम रे, बेदर्दी गुईया, मोर दिला काले तोड़ देले, तोर दीवाना, दिलो जान से, महुआ पत्तई, बेदर्दी गुईया, प्यार के मोती, मंदाकिनी, असमिया छोड़ी, खोरठा भाषा मे मोर दिला के करले चोरी, मनचली, तोर दीवाना, प्रेम संदेश सहित करीब एक हजार से अधिक एलबमों में अपने डांस से काफी वाहवाही लूटी।

    जमशेदपुर में रहते हैं बंटी सिंह के परिवार

    14 नवम्बर 1987 को जन्म लिए बंटी सिंह के दो भाई, दो बहनें हैं। एक छोटे भाई सन्नी सिंह भी झॉलीवुड में काम कर रहे हैं। पिताजी का नाम स्वर्गीय महेंद्र सिंह, माता सतनाम कौर, पत्नी सोनल और 4-5 वर्ष का एक बेटा जैक्स है। सारे परिवार के लोग जमशेदपुर में रहते हैं।

    अपने टैलेंट के दम पर ऐसी ख्याति अर्जित की

    संगीतकार जयकांत ने कहा कि बंटी सिंह को अपनी कला के प्रति पूर्ण विश्वास था। काम को लेकर कभी भी उन्होंने अपने आत्मसम्मान को गिरने नहीं दिया।

    ऐसा मैं इसलिए कह सकता हूँ , क्योंकि पहले नागपुरी गाने के लिए उन्हें जब चुना जा रहा था, मैं मौजूद था। इसके बावजूद काम के प्रति समर्पण एवं अपने टैलेंट के दम पर उन्होंने ऐसी ख्याति अर्जित की हेै, कि अब तक उनके बराबर का स्थान कोई नहीं बना पाया है।

    बहुत ही कम समय में वह लोगों के प्रिय कलाकार बन गए

    झारखंड कल्चरल आर्टिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजीव सिंहा ने कहा कि 2 फरवरी 2022 झॉलीवुड के लिए अत्यंत दुख समाचार लेकर आया है। झॉलीवुड के सबसे प्रिय कलाकार बंटी सिंह आज हमारे साथ नहीं रहे।

    बंटी सिंह के साथ मैंने दो-तीन एल्बम ही काम किया। मैं उनकी प्रतिभा का कायल रहा हूं। जिस तरह से उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया बहुत ही कम समय में वह लोगों के प्रिय कलाकार बन गए।

    परिवार तथा बंटी के फैंस के लिए धैर्य के लिए प्रार्थना है

    पाज़ेब के निदेशक दीपक सिन्हा का कहना है कि सिर्फ झारखंड ही नहीं देश विदेश में झारखण्डी संस्कृति आधारित कलाकारी की दुनिया में अपनी बेहतरीन अदाकरी के दम पर चमकने वाला सितारा बेहद खास और सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार  था।

    झारखंड आज बंटी सिंह को खोकर कला की दुनिया मे खाली सा हो गया है । मर्माहत हूँ...परिवार तथा बंटी के फैंस के लिए धैर्य के लिए प्रार्थना है।

    असमय चले जाने से नागपुरी गीत संगीत को क्षति

    पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि बंटी सिंह का नागपुरी संगीत जगत में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने एक समसामयिक संगीत नृत्य को जो नया स्वरूप दिया, काफी सराहनीय है। अखड़ा संगीत को उन्होंने नए रँग में ढालने की कोशिश की है।

    वह संगीत को नया रंग देने का एक अच्छा प्रयोग कर रहे थे। उनके इस कार्य को न जाने अब कौन आगे बढ़ाएगा। नागपुरी ऑडियो वीडियो जगत में मुझे लगता है कि उनके असमय चले जाने से नागपुरी गीत संगीत को क्षति हुई है।

    अपनी प्रभावी नृत्यशैली से नयी युवा पीढ़ी के बीच नागपुरी संगीत को बरकरार रखने का काम किया

    पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख का कहना है कि बंटी सिंह आज हम लोगों के बीच नहीं रहे। किंतु उनकी याद लोगों को समय समय पर आएगी। अपनी प्रभावी नृत्यशैली से नयी युवा पीढ़ी के बीच नागपुरी संगीत को बरकरार रखने का काम किया। यह एक सराहनीय कार्य था।

    उनका मधुर व्यवहार मुझे काफी पसंद था। लेकिन दुर्भाग्यवश विधाता को यही मंजूर था। मैं उनकी असामयिक मृत्यु पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं उनके परिवार को यह दर्द सहने की शक्ति प्रदान करें।