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    Ghatshila by-election झामुमो की ठोस रणनीति, भाजपा में टिकट को लेकर खींचतान

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 06:54 PM (IST)

    घाटशिला विधानसभा उप चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन घाटशिला में कैंप करने की तैयारी में हैं जो सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की ठोस रणनीति का हिस्सा है। झामुमो की पुख्ता तैयारी के बीच भाजपा में अभी तक प्रत्याशी का नाम तय नहीं है।

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    घाटशिला उप चुनाव के लिए झामुमो ने ठोस रणनीतिबना रखी है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। घाटशिला विधानसभा उप चुनाव की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन घाटशिला में कैंप करने की तैयारी में हैं, जो सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की ठोस रणनीति का हिस्सा है।

    हाल ही में हेमंत सोरेन ने दिवंगत रामदास सोरेन के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान दिवंगत रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन की यहां से दावेदारी पक्की हो गई।

    घाटशिला उपचुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के साथ संभावित

    झामुमो का लक्ष्य इस आदिवासी सुरक्षित सीट पर मजबूत जनाधार को बनाए रखना है। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के साथ संभावित है।

    पितृपक्ष समाप्त होने के बाद कैबिनेट विस्तार में सोमेश सोरेन को मंत्री पद मिलेगा। सोमेश युवा और सक्रिय हैं। वे अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।

    रामदास सोरेन ने 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को हराया था। उपचुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन इस क्षेत्र में कैंप कर प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करेंगे। इस निमित्त कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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    भाजपा में अभी तक प्रत्याशी पर सुगबुगाहट नहीं

    झामुमो की पुख्ता तैयारी के बीच भाजपा में अभी तक प्रत्याशी का नाम तय नहीं है। देर से नाम पर निर्णय लेने की वजह से झामुमो को इस सीट पर रणनीतिक बढ़त मिलने के आसार हैं।

    पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन, रमेश हांसदा समेत अन्य नेता यहां से दावेदार हैं। बताया जाता है कि चम्पाई सोरेन के पुत्र को पुनः टिकट देने का दल के भीतर विरोध हो रहा है।

    क्षेत्र में सक्रिय अन्य नेता इस जुगत में हैं कि उनके करीबी को हाथ आजमाने का मौका मिले। फिलहाल चम्पाई सोरेन अपने पुत्र के लिए तगड़ी लाबिंग कर रहे हैं। उन्हें स्थानीय नेताओं से चुनौती मिल रही है।