JMM ने बिहार चुनाव से खुद को किया अलग, कहा- राजद और कांग्रेस ने दिया धोखा, झारखंड पर भी पड़ेगा असर?
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार चुनाव से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी ने राजद और कांग्रेस पर धोखे का आरोप लगाया है, जिसके कारण उन्हें यह फैसला लेना पड़ा। JMM का मानना है कि इसका असर झारखंड की राजनीति पर भी पड़ सकता है। अब पार्टी आगे की रणनीति पर विचार कर रही है।

हेमंत सोरेन की पार्टी JMM ने बिहार चुनाव से खुद किया अलग
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच महागठबंधन और झामुमो के बीच दरार पड़ गई है। इसी के साथ झामुमो ने खुद को बिहार विस चुनाव से पूरी तरह अलग कर लिया है। झामुमो ने इसके लिए राजद और कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया है।
सोमवार को नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने नया परिसदन में प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बिहार विस चुनाव में झामुमो के साथ राजनीतिक चालबाजी की गई है। चुनाव में झामुमो की भागीदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बिहार विस चुनाव के दूसरे चरण के मतदान को लेकर नामांकन की तिथि आज समाप्त हो गई।
इस चुनाव से झामुमो ने खुद अलख कर लिया है। इसमें झामुमो की कोई भागीदारी नहीं होगी। इसके लिए राजद पूरा जिम्मेवार है,जबकि गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने के लिए कांग्रेस भी जिम्मेवार है। झामुमो महागठबंधन का हिस्सा बनकर चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता था।
झामुमो ने 2015 के चुनाव में राजद को मदद की थी। राजद नै 2020 के चुनाव में झामुमो को तीन सीटें देने का वादा किया था, लेकिन नहीं दिया। 2024 के झारखंड विस चुनाव में झामुमो ने राजद, कांग्रेस और वाम दलों को शामिल कर गठबंधन धर्म का पालन किया।
बिहार चुनाव में झामुमो के साथ धोखा किया गया। झामुमो इससे आहत है। मंत्री ने कहा कि पार्टी संगठन की तरफ से मुख्यमंत्री के निर्देश पर वे गत सात अक्टूबर को पटना गए थे। वहां राजद के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता हुई थी। वार्ता में झामुमो को पांच सीटें देने पर सहमति बनी थी, लेकिन झामुमो के साथ राजनीतिक धूर्तता करते हुए इसे महागठबंधन में नहीं रखा गया, इससे झामुमो काफी आहत है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बर्ताव का खामियाजा उन ताकतों को भी भुगतना पड़ेगा, जिन्होंने झामुमो को आहत किया है। इसमें जितना दोषी राजद है उतना ही जिम्मेवार कांग्रेस भी है, क्योंकि इस पूरे मामले में कांग्रेस चुप रही।
झारखंड की राजनीति पर पड़ सकता असर
बिहार विधानसभा चुनाव से झामुमो को अलग करने का असर झारखंड की राजनीति पर भी पड़ सकता है। आने वाले दिनों में यहां कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है। मंत्री सोनू ने ऐसा संकेत भी दिया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संगठन महागठबंधन के क्रियाकलापों की समीक्षा कर झामुमो और झारखंड के हितों के अनुरूप निर्णय लेगा। मौके पर झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह, जिला प्रवक्ता कृष्ण मुरारी शर्मा आदि उपस्थित थे।
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