Pappu Lohra: माओवादियों के विरुद्ध कभी सुरक्षा बलों के साथ अभियान में था शामिल, फिर बना पुलिस का ही दुश्मन
लातेहार में जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा मारा गया। कभी माओवादी रहे पप्पू ने लेवी विवाद में संगठन छोड़ा और जेजेएमपी बनाया। उसने सुरक्षा बलों के साथ मिलकर माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी लेकिन बाद में उनके खिलाफ हो गया। वह पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था। 2021 में सलैया में मुठभेड़ में बीएसएफ कमांडेंट शहीद हुए थे।

राज्य ब्यूरो, रांची। लातेहार में शनिवार को मारा गया उग्रवादी संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) सुप्रीमो पप्पू लोहरा कभी माओवादी था। माओवादी संगठन में लेवी की राशि बंटवारे के विवाद में वह संगठन से भागा और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर माओवादियों के विरुद्ध ही जंग छेड़ दी।
उसने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) नामक उग्रवादी संगठन खड़ा कर दिया। बाद में यह चर्चा आम हो गई थी कि यह माओवादियों के विरुद्ध पुलिस का खड़ा किया हुआ उग्रवादी संगठन है।
उग्रवादी पप्पू लोहरा की मदद से सुरक्षा बलों को माओवादियों के विरुद्ध अभियान चलाने में बड़ी सफलताएं मिलीं। वर्ष 2018 में पप्पू लोहरा की एके-47 राइफल के साथ व उसके साथी सुशील उरांव की लांचर के साथ फोटो वायरल हुआ था, जिसमें दोनों को कोबरा जवानों के साथ जंगल में माओवादियों के विरुद्ध अभियान चलाने का दावा किया गया था।
धीरे-धीरे पप्पू लोहरा निरंकुश होता गया और उसने सुरक्षा बलों के खिलाफ जंग छेड़ दी। वह पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया और पुलिस का दुश्मन बन बैठा।
सितंबर 2021 में पप्पू लोहरा गुट से लातेहार जिले के सलैया में सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो गई थी। इसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार बलिदान हो गए थे।
बकोरिया मुठभेड़ में भी आया था पप्पू लोहरा के नेतृत्व वाली जेजेएमपी संगठन का नाम
लातेहार में मारा गया पप्पू लोहरा जिले के नोरी कोने गांव का निवासी है। बहुत कम उम्र में माओवादियों के कमांडर संजय यादव के साथ वह संगठन से जुड़ा। माओवादी संगठन में विवाद के बाद संजय यादव के नेतृत्व में ही वह जेजेएमपी संगठन बनाया।
बीड़ी पत्ता कारोबारियों से लेवी के रुपयों के बंटवारे के विवाद में संजय यादव की हत्या कर पप्पू ही जेजेएमपी का सुप्रीमो बन गया था। विवाद के पीछे लेवी के 35 लाख रुपये के बंटवारे का विवाद था।
आठ जून 2015 को पलामू के बकोरिया मुठभेड़ में जेजेएमपी का हाथ बताया गया था। यह भी सामने आया था कि पुलिस ने ही जेजेएमपी की मदद से बकोरिया में माओवादियों व निर्दोशों की हत्या कराई थी। बताया जा रहा है कि बाद में पप्पू लोहरा ने लेवी-रंगदारी से करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की थी।

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