झारखंड पर्यटन को मिलेगा नया आकर्षण, राज्य के पहले टाइगर सफारी प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू
झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य का पहला टाइगर सफारी प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर उत्साहित है और इसे जल्द पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। टाइगर सफारी शुरू होने से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण होगा।
-1760735560764.webp)
झारखंड के पहले टाइगर सफारी प्रोजेक्ट की तैयारी शुरू। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लातेहार जिले में प्रस्तावित टाइगर सफारी प्रोजेक्ट की तैयारियों को गति देने के लिए शुक्रवार को आवासीय कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान अधिकारियों ने टाइगर सफारी प्रोजेक्ट का विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।
यह झारखंड का पहला टाइगर सफारी प्रोजेक्ट होगा, जिसका निर्माण लातेहार के पुटूवागढ़ क्षेत्र में पलामू टाइगर रिजर्व से बाहर प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश दिए ताकि इसे समयबद्ध और मानकों के अनुरूप पूरा किया जा सके।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि टाइगर सफारी बेतला नेशनल पार्क के निकट बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के इको टूरिज्म सर्किट, जो नेतरहाट, बेतला, केचकी से लेकर मंडल डैम तक विस्तारित है, को मजबूती प्रदान करेगा।
इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। डालटनगंज, बरवाडीह और मंडल डैम क्षेत्र के निवासियों को आजीविका का बेहतर साधन मिलेगा। प्रोजेक्ट के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्माण कार्य सभी निर्धारित मानकों का पालन करते हुए हो।
झारखंड की सैर को नया आकर्षण
टाइगर सफारी पर्यटकों को बाघों और अन्य वन्यजीवों को करीब से देखने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा। यह प्रोजेक्ट न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि झारखंड की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पर्यटकों के लिए यह एक नया आकर्षण होगा, जो झारखंड के इको टूरिज्म को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की और अधिकारियों को इसे पर्यावरण के अनुकूल और स्थानीय समुदाय के हित में लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
बैठक में मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक कल्पना सोरेन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वाइल्डलाइफ) परितोष उपाध्याय, पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एस.आर. नाटेश, उप निदेशक प्रजेश जेना, कंसल्टेंट अशफाक अहमद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।